अपने भरोसेमंद पर नीतीश का दांव, संजय झा जाएंगे राज्यसभा; NDA के तीनों उम्मीदवार कल करेंगे नामांकन,

अपने भरोसेमंद पर नीतीश का दांव, संजय झा जाएंगे राज्यसभा; NDA के तीनों उम्मीदवार कल करेंगे नामांकन,

PATNA : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भरोसेमंद सहयोगी संजय झा को राज्यसभा के लिए जद-यू द्वारा अपना उम्मीदवार नामित किया जाना तय है। संजय झा एक एमएलसी हैं और नीतीश सरकार में जल संसाधन विभाग के कैबिनेट मंत्री थे। जेडी-यू द्वारा राजद के साथ संबंध तोड़ने और नई सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ गठबंधन करने के बाद वो कैबिनेट से बाहर हो गए थे। इसके बाद अब संजय झा को पार्टी के तरफ से राज्यसभा भेजा जाएगा। इसको लेकर कल संजय झा अपना नमांकन दाखिल करेंगे। 


दरअसल, संजय झा नीतीश कुमार के साथ सभी अहम राजनीतिक बैठकों में उनके साथ रहते हैं जो पटना या बाहर आयोजित की जाती है।  वाजपेयी-आडवाणी युग के बाद से जब अरुण जेटली बिहार मामलों के प्रभारी थे, तभी संजय  झा एक ऐसे व्यक्ति के रूप में प्रमुखता से उभरे जो नीतीश और वरिष्ठ भाजपा नेताओं के साथ समान सहजता और विश्वास के साथ जुड़े थे। ऐसे में  राज्यसभा में झा के जाने का मतलब है कि वह राष्ट्रीय राजधानी में नीतीश के दूत के रूप में काम करेंगे, जब अगले कुछ महीनों में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ बातचीत करनी होगी और गठबंधन को मजबूत बनाना होगा।


वहीं, राज्यसभा चुनाव के लिए एनडीए के तीनों उम्मीदवार 14 फरवरी को नामांकन दाखिल करेंगे। इनमें जदयू से पूर्व मंत्री संजय कुमार झा तथा भाजपा से पूर्व मंत्री भीम सिंह और नेत्री धर्मशीला गुप्ता शामिल हैं। विधानसभा के सचिव कक्ष में इन सभी उम्मीदवारो का नामांकन होगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा समेत एनडीए के कई वरिष्ठ नेता उपस्थित रहेंगे।


मालूम हो कि, बिहार से राज्यसभा की छह सीटों के लिए चुनाव हो रहा है। इसके लिए नामांकन दालिख करने की अंतिम तिथि 15 फरवरी है। विधायकों की संख्या के आधार पर राज्य की छह में तीन-तीन राज्यसभा की सीटें एनडीए और महागठबंधन की झोली में जाएंगी। इनमें भाजपा के दो, राजद के दो और जदयू की एक सीट तय मानी जा रही है। वहीं, छठी सीट महागठबंधन में कांग्रेस के पास जाएगी, इसको लेकर अखिलेश सिंह का नाम तय हुआ है।


उधर राजद ने अपने एक उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है। राजद से मनोज झा लगातार दूसरी बार राज्यसभा जायेंगे। वहीं, अपने दूसरे उम्मीदवार की घोषणा राजद की ओर से अभी नहीं की गयी है। भीम सिंह अतिपिछड़ा चंद्रवंशी समुदाय से आते हैं। कर्पूरी ठाकुर की ओर से आरक्षण लागू किए जाने का समर्थन कर राजनीति में प्रवेश करने वाले भीम सिंह लोकदल के छात्र अध्यक्ष तो समता पार्टी में युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रहे। राजद और जदयू में रहे। दो बार एमएलसी रहे। ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज, उद्योग विभाग के मंत्री रहे। जीतन राम मांझी का साथ देकर इन्होंने जदयू से नाता तोड़ा। अपने विधान परिषद के दूसरे टर्म में तीन साल का कार्यकाल बचे रहने पर भी इन्होंने अपनी सदस्यता छोड़ दी। वर्ष 2015 में इन्होंने भाजपा का दामन थामा और अभी वे प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष के पद पर हैं।