MOTIHARI: जन सुराज यात्रा पर निकले चुनावी रणनीतिकार ने एक बार फिर बिहार की सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि बिहार के नेता खुद को अनपढ़ हैं ही और समाजवाद के नाम पर लोगों के बीच गरीबी और अशिक्षा बांट रहे हैं। बिहार के स्कूलों में शिक्षा कम और खिंचड़ी ज्यादा बांटी जा रही है। नेता खुद भी अनपढ़ हैं और पूरे समाज को अनपढ़ बना रहे हैं। वहीं लालू का नाम लिए बगैर पीके ने कहा कि बिहार बालू और आलू से आजतक आगे नहीं बढ़ सका है।
दरअसल, जन सुराज यात्रा पर निकले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर इन दिनों पूर्वी चंपारण की पदयात्रा पर हैं। पदयात्रा के 61वें दिन उन्होंने आदापुर प्रखंड स्थित जन सुराज पदयात्रा शिविर में बिहार के नेताओं पर जोरदार हमला बोला। बिहार के हालात के लिए सत्ता में सालों साल से काबिज नेताओं को जिम्मेवार बताते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के नेता और यहां की जनता आज भी 1960 के दौर में जी रहे हैं।
बिहार के नेता नेता खुद भी अनपढ़ हैं और पूरे समाज को अनपढ़ बना रहे हैं। समाजवाद का ढोंग करने वाले लोगों ने समाजवाद के नाम पर गरीबी और अशिक्षा बांटने का काम किया। बिहार के स्कूलों में शिक्षा कम और खिचड़ी अधिक बांटी जाती है। बिहार की कानून व्यवस्था सिर्फ शराबबंदी तक सिमट कर रह गई है और शराबबंदी में भी सरकार फेल साबित हो रही है। बिहार की सरकारों ने पूरे समाज को अशिक्षित बनाकर समतामूलक राज्य बना दिया।
वहीं किसानों की समस्या पर बोलते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के एक तिहाई किसान अगर सब्जी उगाने लगे तो बिहार साथ साथ पूरे देश को सब्जी की आपूर्ति कर सकते हैं। लेकिन यहां के किसान कोल्ड स्टोरेज को सिर्फ आलू रखने का घर समझते हैं, कोल्ड स्टोरेज में हम सब्जी, फल सब रख सकते हैं, लेकिन आलू से आगे हम कभी देख ही नहीं पाए। आलू और बालू से आगे बिहार निकला ही नहीं, तीसरा नाम मैं लेना नहीं चाहता हूं।