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1st Bihar Published by: Ranjan Kumar Updated Wed, 25 Nov 2020 07:18:02 PM IST
KAIMUR : कैमूर जिले में आंगनबाड़ी के बच्चों को मोबाइल से टी एच आर बांटने का आदेश जारी होने के बाद आंगनबाड़ी सेविकाओं को खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आंगनबाड़ी सेविकाओं को मोबाइल चलाने का तरीका भी नहीं पता है, वैसे में विभाग बिना प्रशिक्षण दिए ही सभी सेविकाओं को मोबाइल में ओटीपी दर्ज कर टी एच आर बांटने का आज निर्देश जारी कर दिया. निर्देश का पहला दिन होने के कारण कैमूर जिले में कई जगहों पर टिएचआर बंटा ही नहीं. अगर कहीं कुछ आंगनबाड़ी सेविका टिएचआर बंट भी रही है तो वह अपने परिजनों का सहयोग ले रही हैं.
दरअसल कोरोना काल में बच्चों के पोषाहार में कोई कमी ना हो उसको देखते हुए सरकार के निर्देश पर प्रत्येक माह टिएचआर मैनुअली बांटा जा रहा था. लेकिन सरकार के आज जारी निर्देश पर सभी लाभुकों के पास ओटीपी नंबर गया है, उस ओटीपी नंबर को सेविका अपने मोबाइल में दर्ज करेंगे. उसके बाद ही राशन का वितरण करेंगी. जिससे कि फर्जी लाभुकों के पास राशन न चला जाए.
आंगनबाड़ी सेविका बताती हैं विभाग हम लोगों को मोबाइल सिर्फ अटेंडेंस बनाने के लिए दिया था. टीएचआर हम लोग मैन्युअल रजिस्टर में नाम दर्ज करवाते थे. लेकिन आज अचानक विभाग द्वारा निर्देश जारी किया गया कि बच्चों के परिजनों को मोबाइल पर एक ओटीपी भेजा गया है. वह ओटीपी नंबर सेविका अपने मोबाइल में दर्ज करेंगी, उसके बाद ही राशन का वितरण करेंगी. लेकिन हम लोगों को इसके बारे में कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया है कि ओटीपी अपने मोबाइल में कैसे दर्ज करना है. इसलिए खासा परेशानी का सामना हम लोगों को करना पड़ रहा है. कई जगह पर राशन नहीं बट रहा है.
आंगनबाड़ी सेविका के परिजन बताते हैं "मेरी मम्मी बांटने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र पर आई है. पहले रजिस्टर में सब का नाम दर्ज कर दिया जाता था लेकिन अब मोबाइल से देने के लिए आदेश जारी हुआ है. लेकिन मोबाइल चलाना नहीं आता इसलिए हम यहां पर आए हैं और अपने मम्मी को सहयोग कर रहे हैं."
मोहनिया सीडीपीओ नीरू बाला बताती हैं कि आज दिन के ग्यारह बजे से निर्देश जारी हुआ है. मोबाइल के माध्यम से ही टिएचआर वितरण करना है. सभी सेविकाओं को मोबाइल से कैसे करना है. इसका स्क्रीनशॉट कर इनके व्हाट्सएप पर भेजा जा रहा है. थोड़ी परेशानी हो रही है लेकिन वितरण हो जाएगा.
डीपीओ सविता कुमारी बताती हैंकी सेविकाओं को ट्रेनिंग दिया गया है और आगे भी ट्रेनिंग दिया जाएगा, जिससे कि उनको कोई परेशानी ना हो. हमारे टेक्निकल टीम उनके संपर्क में है और उन्हें जानकारियां दे रहा है.
अधिकारी लगातार ट्रेनिंग कराने के दावे कर रहे हैं. इसके साथ ही टेक्निकल टीम को आंगनबाड़ी सेविकाओं के सहयोग की बातें भी कह रहे हैं. लेकिन जो आंगनबाड़ी सेविका परेशानियों का सामना कर रही हैं उसे देखकर यही लगता है कि विभाग सिर्फ कोरम पूरा करने के लिए इन सब को बता रहा है. लेकिन वह महिलाएं जो कभी मोबाइल चलाना नहीं जानती थी, आज उन्हें मोबाइल से ओटीपि दर्ज कर राशन वितरण बिना प्रशिक्षण दिए प्रशासन कैसे करा पाएगा, जिससे कि समय पर बच्चों को लाभ मिले यह बड़ा सवाल बना हुआ है.