आनंद मोहन की होगी BJP में एंट्री! आरजेडी बोलीं-कोई कहीं जाए पार्टी पर फर्क नहीं पड़ने वाला

आनंद मोहन की होगी BJP में एंट्री! आरजेडी बोलीं-कोई कहीं जाए पार्टी पर फर्क नहीं पड़ने वाला

PATNA: ठाकुर का कुआं कविता को लेकर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है। आरजेडी सांसद मनोज झा ने राज्यसभा में यह कविता पढ़ी थी जिसके बाद बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया। इस बयान को लेकर तो कई नेता भी विवादित बयान देने लगे। अब इन सबके बीच बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा का बड़ा बयान सामने आया है। 


आरजेडी पर आरोप लगाते हुए विजय सिन्हा ने कहा कि पार्टी के अंदर बंधुआ मजदूर और वंशवाद की गुलामी में कार्यकर्ताओं को जीना पड़ता है। ऐसे में कोई भी स्वाभिमानी व्यक्ति सम्मान के साथ समझौता कभी नहीं कर सकता और आरजेडी में नहीं रह सकता। विजय सिन्हा ने उक्त बातें हाजीपुर में कही। 


बता दें कि पूर्व सांसद आनंद मोहन के बेटे और आरजेडी के विधायक चेतन आनंद जब से राजनाथ सिंह से मिले हैं तभी से इस तरह का कयास लगाया जा रहा है कही वो बीजेपी में तो नहीं जा रहे हैं। चेतन आनंद के बीजेपी में शामिल होने की चर्चा अब सियासी गलियारों में होने लगी है। इन कयासों पर आरजेडी के प्रवक्ता शक्ति सिंह ने कहा कि कोई कहीं भी जाए इससे आरजेडी की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है और कोई फर्क पड़ने वाला है। अभी तक कितने लोग राजद से अन्य दलों में गये हैं सब लालू के ही प्रोडक्ट हैं। जो लोग राजद छोड़कर गये है उनकी दूसरे दलों में क्या स्थिति है खुद देख लीजिए।  


बता दें कि महिला आरक्षण बिल पर सदन में चर्चा के दौरान 21 सितंबर को राजद के राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने कुआं ठाकुर का वाली कविता सुनाई थी। जिसे लेकर बड़ा सियासी बवाल मच गया है। पूर्व सांसद आनंद मोहन और राजद के विधायक चेतन आनंद ने इसे राजपूत जाति का अपमान बताते हुए इसका जमकर विरोध किया था और जुबान खींच लेने तक की बात कही थी। तब लालू, तेजस्वी को मनोज झा के समर्थन में उतरना पड़ गया। 


दोनों ने अपने सांसद का पक्ष लेते हुए कहा कि मनोज झा ने कोई गलत बात नहीं कही है। लालू ने कहा कि आनंद मोहन और चेतन आनंद दोनों बाप-बेटे को दिमाग ही नहीं है। आनंद मोहन को अक्ल नहीं है, उनके बेटे चेतन आनंद भी अभी अक्ल में कच्चा है उसको भी अक्ल नहीं। आनंद मोहन को तो अक्ल और शक्ल दोनों नहीं है। यही वजह है कि वह कुछ भी फालतू बोलते रहता है। मनोज झा न कुछ भी गलत नहीं कहा है वह सही बातें कह रहा था।