PATNA: डीएम हत्याकांड में उम्र कैद की सजा काट रहे आनंद मोहन को जेल से रिहा कराने के नाम पर सरकार ने पर्दे के पीछे से बड़ा खेल कर दिया है. आरोप लग रहा है कि सरकार ने आनंद मोहन के नाम पर कई दुर्दांत अपराधियों को जेल से छोडने का आदेश जारी किया है. आजीवन जेल की सजा काट रहे जिन लोगों को अच्छे आचरण का सर्टिफिकेट देकर रिहा करने का आदेश दिया गया है, उनमें से 7 को हर महीने थाने में हाजिरी लगाने को कहा गया है. यानि सरकार को ही उन पर शक है फिर भी अच्छे आचरण का सर्टिफिकेट देकर उन्हें जेल से रिहा किया जा रहा है.
बीजेपी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने आज इस मामले में नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला. सुशील मोदी ने कहा-आनंद मोहन से हमारा विरोध नहीं है लेकिन आनंद मोहन के नाम पर 27 दुर्दांत अपराधियों को जेल से छोड़ दिया गया है. वैसे दुर्दांत अपराधी जिन्होंने सरकारी कर्मचारियों-अधिकारियों की हत्या की थी, उन्हें जेल से छोड़ा जा रहा है. सुशील मोदी ने कहा-सरकार ने जिन अपराधियों को जेल से छोड़ने का आदेश जारी किया है उनमें 7 लोग ऐसे हैं जिन्हें हर महीने थाने में हाजिरी बनाने का आदेश दिया गया है. यानि वे दुर्दांत अपराधी हैं और सरकार को ही शक है कि वह फिर से किसी कांड को अंजाम दे सकते हैं.
नीतीश ने खुद कानून बनाकर उसे बदला
सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने खुद 2016 में ये कानून बनाया था कि जो अपराधी बलात्कार के साथ हत्या, डकैती के साथ हत्या या सरकारी कर्मी की हत्या जैसे अपराध में उम्र कैद की सजा काट रहे हैं उन्हें समय से पहले रिहाई की सुविधा नहीं दी जायेगी. सरकार ने माना था कि ये जघन्य अपराध हैं, जिनके दोषी को कोई छूट नहीं दी जा सकती. लेकिन नीतीश कुमार ने अपने ही द्वारा बनाये गये कानून को बदल दिया.
सुशील मोदी ने कहा कि पूरे बिहार में सरकारी कर्मचारी और अधिकारी भयभीत हैं, डरे हुए हैं. अगर कोई उनकी हत्या कर देगा तो सरकार उसे 10-12 साल की जेल की सजा के बाद रिहा कर देगी. जिस तरह से सरकार ने कानून में संशोधन किया गया है, उसका हम विरोध करते हैं. बिहार के लाखों सरकारी कर्मचारी-अधिकारी डरे हुए हैं. अब अगर कोई उनकी हत्या कर देगा तो सरकार उसे जेल से रिहा कर देगी.
सुशील मोदी के मुताबिक सरकार ने दुर्दांत अपराधियों को जेल से इसलिए रिहा किया गया है क्योंकि चुनाव में उनसे मदद ली जा सके. अगले साल लोकसभा चुनाव होना है, सरकार ने चुन चुन कर ऐसे लोगों को छोडा है जिससे चुनाव को प्रभावित किया जा सके. सरकार ने अपने समर्थक अपराधियों को जेल से रिहा करवाया है. इसलिए हमारा विरोध है. नीतीश सरकार ने संविधान विरोधी काम किया है. इसलिए नीतीश कुमार को जवाब देना होगा. मैं राहुल गांधी, ममता बनर्जी और अखिलेश यादव से सवाल पूछना चाहूंगा कि बिहार सरकार ने 27 दुर्दांत अपराधियों को जेल से छोड़ने का जो फैसला लिया है, उस पर उनकी क्या प्रतिक्रिया है. उन्हें जवाब देना होगा.
आनंद मोहन को नीतीश ने ही फंसाया
सुशील मोदी ने कहा कि आनंद मोहन मामले पर उनका विरोध नहीं है. आनंद मोहन को तो नीतीश कुमार ने ही जेल भिजवाया. उनके खिलाफ सारी कार्रवाई की. हमने तो आनंद मोहन के रिहाई का मांग की थी. आज चुनाव नजदीक आया तो आनंद मोहन के बहाने 27 लोगों को छोड़ रहे हैं. ताकि बूथ कब्जा किया जा सके, वोटरों को डराया धमकाया जा सके. हमारा विरोध इस बात से है.