PATNA : समाज के पिछड़े, शोषित, दलित और प्रताड़ित लोगों को मजबूती देने और उनकी लड़ाई लड़ने के लिए अखिल भारतीय छत्रपति सेना का गठन पटना में किया गया जिसके कोर कमेटी की बैठक में आज ये निर्णय लिया गया कि आगामी 9 अप्रैल को अखिल भारतीय छत्रपति सेना के विस्तारित सम्मेलन का आयोजन राजधानी पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में किया जायेगा. ये जानकारी आज अखिल भारतीय छत्रपति सेना की कोर कमेटी के बैठक के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में समाजसेवी अनिल कुमार, पूर्व विधायक उषा सिन्हा, ई. रामचंद्र, चमन पटेल, नरेंद्र मोहन और पिंटू ने दी.
अनिल कुमार ने कहा कि बिहार समेत पूरे देश में आज पिछड़े, शोषित, दलित और समाज के कमजोर तबकों को प्रताडि़त किया जा रहा है. उन्हें कहीं से न्याय नहीं मिल रहा है और उनके पास न कोई न्याय मिलने की उम्मीद है. ऐसे लोग न्याय की गुहार लगाते-लगाते मर खप जाते हैं. बिहार में ऐसे कई मामले हैं. चाहे सिवान में सिपाही स्नेहा मंडल, सासाराम में ई. अजय पटेल और रामगढ़ कैमूर शशिकला की हत्या का मामला क्यों न हो. पुलिस ने इनकी हत्याओं को आत्महत्या बनाकर मामले को रफा दफा कर दिया और सरकार ने इस पर संज्ञान लेना भी जरूरी नहीं समझा. वो तो सिर्फ सुशासन के दावे करती है, जिसे सरकार जिसको बचाना चाहती है-बचा लेती है. कमजोर पर अत्याचार ही है सुशासन का मॉडल, जिसके खिलाफ अखिल भारतीय छत्रपति सेना का गठन किया गया है और इसका प्रथम विस्तारित सम्मेलन 9 अप्रैल को पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में होगा.
वहीं, पूर्व विधायक उषा सिन्हा ने अखिल भारतीय छत्रपति सेना को गैर राजनीतिक संगठन बताया और कहा कि आज अखिल भारतीय छत्रपति सेना की कोर कमेटी की बैठक संपन्न हो गई है. उन्होंने कहा कि हमारा संगठन किसी भी राजनीतिक पार्टी के विरूद्ध नहीं है. हमारा संगठन उन सबों के लिए है, जिस किसी पर अत्याचार हो रहा है. जिन्हें न्याय किसी भी स्तर पर नहीं मिल रहा है और न ही ऐसी कोई उम्मीद बची है. उन्होंने कहा कि यह संगठन राष्ट्रीय स्तर पर काम करेगी और 9 अप्रैल की विस्तृत सम्मेलन के बाद हम और आगे बढ़ेंगे और अपने संगठन की शक्ति के अनुसार पटना के गांधी मैदान में एक रैली करेंगे.
ई. रामचंद्र ने कहा कि अखिल भारतीय छत्रपति सेना समाज में प्रताड़ना के शिकार लोगों के लिए काम करेगा. सेना ऐसे लोगों की हरसंभव मदद शारीरिक, भौतिक और आर्थिक रूप से करेगा. उन्होंने कहा कि विगत सरकारों की नीति कमजोर और शोषित लोगो के लिए क्या रही है, यह किसी से छिपी नहीं है. हम उनके लिए लड़ाई लड़ेंगे और इसी उद्देश्य के लिए अखिल भारतीय छत्रपति सेना का गठन किया गया है.