AC फर्स्ट क्लास का टिकट होने के बाद भी सेकंड क्लास में मिली सीट, अब कोर्ट ने रेलवे पर लगाया जुर्माना; जानिए क्या है पूरा मामला

AC फर्स्ट क्लास का टिकट होने के बाद भी सेकंड क्लास में मिली सीट, अब कोर्ट ने रेलवे पर लगाया जुर्माना; जानिए क्या है पूरा मामला

SARAN : बिहार के छपरा में कोर्ट ने नौ साल पुराने मामले में एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने एसी फर्स्ट क्लास का टिकट लेने के बावजूद दूसरी श्रेणी में सीट अलॉट करने पर रेल अधिकारियों पर जुर्माना लगाया गया है। 9 साल बाद आखिरकार यात्री की शिकायत पर जिला उपभोक्ता आयोग ने इस फैसला सुनाते हुए 30000 रुपये का जुर्माना लगाया है। 


दरअसल,9 वर्ष पहले एक रेल यात्री ने ट्रेन के एसी फर्स्ट क्लास का टिकट लिया था लेकिन रेलवे द्वारा उस श्रेणी की बोगी ट्रेन में नहीं लगाई गई थी और उसके बाद उसे दूसरी श्रेणी की बोगी में सफर करने का कहा गया। जिससे नाराज यात्री ने जिला उपभोक्ता आयोग में रेल अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया। अब इसी मामले में सारण में छपरा जिला उपभोक्ता आयोग ने रेल अधिकारियों को जुर्माना लगाया है। 


बताया जा रहा है कि, छपरा के नगर थाना क्षेत्र के माधव बिहारी लेने सलेमपुर के रहने वाले मनकेश्वर प्रसाद सिंह 21 अप्रैल 2014 को दिल्ली कैंट से छपरा के लिए गरीब नवाज एक्सप्रेस में एसी फर्स्ट क्लास का 2967 रुपये का टिकट कटवाया था। लेकिन, जिस दिन का उनका इस ट्रेन में टिकट था उस दिन ट्रेन में यह बोगी लगाई ही नहीं गई और इनको दूसरे श्रेणी में सफ़र करने को कहा गया। जिसके बाद इससे नाराज  मनकेश्वर प्रसाद सिंह  इस घटना को लेकर  उपभोक्ता आयोग में परिवाद दाखिल किया था। अब इस मामले में 9 साल बीत जाने के बाद कोर्ट ने अपना यह फैसला सुनाया है। 


जानकारी के अनुसार, मनकेश्वर प्रसाद सिंह की शिकायत पर जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष वीरेंद्र प्रताप सिंह और सदस्य मनमोहन कुमार की पीठ ने सुनवाई करते हुए यात्री को शारीरिक और मानसिक कष्ट पहुंचाने के लिए ₹25000 जुर्माना उत्तर रेलवे नई दिल्ली के महाप्रबंधक वाणिज्य को भुगतान करने का आदेश दिया है। साथ ही मुकदमा शुल्क के तौर पर ₹5000 अलग से देने होंगे। 2 माह के अंदर यह राशि भुगतान नहीं करने पर 9% ब्याज दर की दर से आवेदक को भुगतान करना होगा।