PATNA : बिहार में 65 प्रतिशत आरक्षण को भारतीय संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर आरजेडी सांसदों ने गुरुवार को संसद में विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान RJD सांसद मीसा भारती ने कहा कि केंद्र सरकार बढ़ाए गए आरक्षण कोटे को 9वीं अनुसूची में शामिल करें ताकि दलितों, आदिवासियों, अतिपिछड़ों को उनका अधिकार मिल सके।
दरअसल, राजद सांसद ने कहा कि केंद्र की डबल इंजन सरकार ने संसद में एक प्रश्न के उत्तर में बिहार में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में दलितों, पिछड़ों, अतिपिछड़ों और आदिवासियों के लिए बढ़ायी गयी 𝟔𝟓% आरक्षण सीमा को संविधान की 𝟗वीं अनुसूची में शामिल करने से इनकार कर दिया है। उसके बाद आरक्षण विरोधी एनडीए सरकार के इस निर्णय के विरुद्ध बिहार से राजद सांसदों अभय कुशवाहा, डॉ मीसा भारती, डॉ सुरेंद्र यादव, डॉ फैयाज अहमद, प्रेमचंद गुप्ता, प्रो मनोज झा, सुधाकर सिंह, संजय यादव ने आज संसद में प्रदर्शन किया।
वहीं RJD सांसद मनोज झा ने कहा कि हमारी मांग बिल्कुल सहज और सरल है। बिहार में जब तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार साथ थे तो सामाजिक न्याय बलवती हुआ और 65 प्रतिशत आरक्षण कोटा बढ़ाया गया। तेजस्वी कैबिनट से पास करके इसे केंद्र के पास भेजा गया कि नौवीं अनुसूची में इसे शामिल किया जाए।
उधर, बिहार में बढ़ाए गए आरक्षण पर पहले पटना हाईकोर्ट ने रोक लगा दी। इसके बाद अब 29 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने भी बिहार सरकार को झटका देते हुए पटना हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। वहीं केंद्र सरकार ने भी इस आरक्षण कोटे को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया है।