PATNA: बिहार में हुई शिक्षकों की बहाली को लेकर विपक्षी दल महागठबंधन की सरकार पर हमलावर बने हुए है और आरोप लगा रहे हैं की शिक्षक नियुक्ति में सरकार ने बड़ा फर्जीवाड़ा किया है। एनडीए में शामिल हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम जीतन राम मांझी ने इस मामले को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मांझी ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला है और कहा है कि आपसे तो अच्छे बड़े भाई थे जिन्होंने जमीन लेकर ही सही बिहार के लोगों को नौकरी दी।
दरअसल, बिहार में शिक्षकों की बहाली के लिए सरकार ने करीब 1.70 लाख पदों पर भर्ती निकाली थी। इस परीक्षा में बड़ी संख्या में अभ्यर्थी शामिल हुए थे लेकिन सिर्फ 1.22 लाख पद ही भरे जा सके हैं। आगामी दो नवंबर को सीएम नीतीश गांधी मैदान में नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपेंगे हालांकि एनडीए में शामिल दल शिक्षक बहाली में बड़े घोटाले का आरोप लगा रहे हैं। खासकर पूर्व सीएम और HAM के संरक्षक जीतन राम मांझी पिछले कुछ दिनों से शिक्षक बहाली को लेकर सरकार पर हमलावर बने हुए हैं।
जीतन राम मांझी ने एक बार फिर शिक्षक बहाली में बिहार के युवाओं के बदले यूपी के अभ्यर्थियों को जगह दिए जाने पर गहरी नाराजगी जताई है। इसको लेकर उन्होंने लालू और नीतीश पर एकसाथ तीखा तंज किया है। मांझी ने एक्स पर लिखा कि, ‘दुनिया को ज्ञान का प्रकाश देने वाले गया जिले फतेहपुर में सरकार को बिहारी अभ्यर्थी ही नहीं मिले इसलिए यहां के बच्चों को पढाने के लिए शिक्षक इम्पोर्ट करके लाए गए हैं। आपसे अच्छे तो बडे भाई थे, जमीन लेकर ही सही पर नौकरी तो बिहारियों को दी, आप भी नौकरी यहीं को लोगों को बेच देतें’।
इससे पहले मांझी ने कहा था कि बिहार के पढे लिखे युवा दुसरे राज्यों में मजदूरी करें और बिहारियों के हिस्से की सरकारी नौकरी आप बेच दें “लैंड फॉर जॉब” और “मनी फॉर जॉब” के तहत। “बिहारी नौकरियों पर पहला अधिकार मांगें बिहारी बेरोज़गार” “वोट दें बिहारी, नौकरी पाएं बाहरी” यह नहीं चलेगा। “सूबे में डोमिसाइल नीति लागू हो"।
जीतन राम मांझी ने कहा था कि बिहार में 1.70 लाख पदों पर हुई बीपीएससी शिक्षक बहाली में रेलवे के लैंड फॉर जॉब स्कैम की तरह बहुत बड़ा घोटाला हुआ है। उन्होंन आरोप लगाया था कि शिक्षक बहाली में पैसे लेकर लोगों को नौकरियां दी गई हैं। मांझी ने आरोप लगाया था कि आरक्षण की अनदेखी कर यह नियुक्ति रेलवे के “लैंड फॉर जॉब” के तर्ज पर “मनी फॉर जॉब” स्कीम के तहत की गई है। “पैसा दो सरकारी नौकरी लो” घोटाले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। बिहार सरकार ने युवाओं का बेडा गर्ग कर दिया है।
आपको बताते चलें कि, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा था कि, सूबे के BPSC शिक्षक नियुक्ति घोटाले में “जॉब फ़ॉर मनी” स्कैंडल को लेकर यदि ED की इंट्री होगी तो घमंडिया गठबंधन के लोग कहेंगें चुनाव है, तो छापेमारी हो रही है। नियुक्ति घोटाला हो या ट्रांसफर-पोस्टिंग घोटाला ED की इंट्री होनी चाहिए। “मोदी सरकार में कोई भ्रष्टाचारी नहीं बचने वाला”।