ब्रेकिंग न्यूज़

गयाजी में किसान सम्मेलन का आयोजन, सूरज यादव ने किसानों की आवाज़ बनने का लिया संकल्प थाने के लॉकअप से फरार कैदियों को पुलिस ने दबोचा, चौकीदार और OD ऑफिसर पर सहरसा SP ने की कार्रवाई बाढ़ पीड़ितों के लिए मुआवजे की मांग: अनशन के दौरान RJD नेता की बिगड़ी तबीयत, अस्पताल में मिलने पहुंचे मनोज झा मुजफ्फरपुर: कॉलेज प्राचार्या पर महिला कर्मी की पिटाई और वसूली का आरोप, मानवाधिकार आयोग पहुंचा मामला पूर्णिया में NSD का नाट्य उत्सव: विद्या विहार स्कूल में 21-22 सितम्बर को विशेष प्रस्तुतियाँ बिहार में चुनावी सरगर्मी हुई तेज: शाह-नीतीश की मुलाकात के बाद JDU ने की बैठक, राहुल और तेजस्वी पर साधा निशाना अमित शाह का बेगूसराय दौरा, राहुल-लालू-तेजस्वी पर साधा जमकर निशाना पटना के गर्दनीबाग में 28.66 करोड़ से बनेगा आधुनिक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, क्रिकेट की 15 पिचों समेत जिम-हॉल की सुविधा BIHAR NEWS : 'एक दिन एक घंटा एक साथ’, बिहार में ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान शुरू, गंगा तटवर्ती जिलों में पहुँचेगा स्वच्छता संदेश कल BJP के किस नेता का नंबर..? प्रशांत किशोर चौथा किस्त जारी करेंगे, दावा- जो फड़फड़ा रहा वो धाराशाई होकर गिर जाएगा

आज से दो दिनों की बैंक हड़ताल, निजीकरण का विरोध

1st Bihar Published by: Updated Mon, 15 Mar 2021 07:33:52 AM IST

आज से दो दिनों की बैंक हड़ताल, निजीकरण का विरोध

- फ़ोटो

PATNA : निजीकरण के विरोध में आज यानी सोमवार से बैंक कर्मियों की 2 दिन की हड़ताल शुरू हो गई है। 15 और 16 मार्च को बैंक कर्मी स्ट्राइक पर हैं और सरकार की तरफ से बैंकों का निजीकरण किए जाने के फैसले पर अपना विरोध जता रहे हैं। 2 दिनों की इस बैंक स्ट्राइक का व्यापक असर देखने को मिलेगा। इस दौरान एटीएम सेवा भी प्रभावित रहेगी। 


यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर बुलाई गई बैंक हड़ताल को लेकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया समेत राज्य के 3978 राष्ट्रीयकृत व्यवसायिक और 2110 ग्रामीण बैंक बंद रहेंगे। इस बैंक स्ट्राइक से 70 हजार करोड़ से ज्यादा के कारोबार के प्रभावित होने की संभावना है। एटीएम सेवा पर भी इस बैंक स्ट्राइक का बुरा असर पड़ेगा। 


ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर एसोसिएशन के संयुक्त सचिव डीएन त्रिवेदी के मुताबिक ग्राहकों, किसानों, बेरोजगारों, महिलाओं और स्टूडेंट के साथ-साथ आम आदमी को बैंकों के निजीकरण को लेकर चिंता है। बैंकों का निजीकरण करने का प्रस्ताव एक ऐसी परिस्थिति सामने लेकर आया है कि इस पर विरोध जताना आवश्यक है। बिहार प्रोविंशियल बैंक एंपलाइज एसोसिएशन के उप महासचिव संजय तिवारी ने कहा है कि बैंकों के अलावे जनप्रतिनिधियों को यूनियन से संपर्क कर निजीकरण के नुकसान के बारे में बताया गया है। सरकार के इस फैसले का हम पूरी तरह विरोध करते हैं और निजीकरण के खिलाफ हमारा संघर्ष जारी रहेगा।