पटना में आदि गुरु शंकराचार्य की जयंती समारोह, शंकराचार्य और गोस्वामी समाज के संबंधों पर नेताओं ने डाला प्रकाश

पटना में आदि गुरु शंकराचार्य की जयंती समारोह, शंकराचार्य और गोस्वामी समाज के संबंधों पर नेताओं ने डाला प्रकाश

PATNA: अखिल भारतीय गोस्वामी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोरंजन गिरी की अध्यक्षता में आदि गुरु शंकराचार्य की जयंती मनाई गयी। बिहार विधान परिषद के सभागार में आयोजित इस जयंती समारोह का उद्घाटन राज्यसभा सदस्य वशिष्ठ नारायण सिंह और समारोह के मुख अतिथि के रुप में बिहार सरकार के भवन मंत्री अशोक चौधरी ने संयुक्त रूप से की। विशिष्ठ अतिथि के तौर पर नीरज कुमार, संजय कुमार सिंह, रणवीर नंदन, दुलालचंद गोस्वामी ने शंकराचार्य और गोस्वामी समाज के संबंधों पर प्रकाश डाला।


पटन देवी के महंत विजय शंकर गिरी, अरेराज के महंत रविशंकर गिरी सहित सैकड़ों गणमान्य लोग मौजूद रहे। मंच से मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि बिहार विद्वानों एवं वीरों की धरती रही है तभी तो शंकराचार्य जी ने बिहार में मंडन मिश्रा के साथ शास्त्रार्थ की और उनको पराजित होने के बाद उनकी पत्नी भारतीय ने शंकराचार्य के साथ शास्त्रार्थ किया। आज गोस्वामी समाज और शंकराचार्य राष्ट्र के लिए कृत संकल्पित है आदि गुरु शंकराचार्य राष्ट्रीय एकता के प्रतीक हैं। वक्ताओं ने गोस्वामी समाज के मान सम्मान के लिए सरकार से उचित भागीदारी के लिए भी आश्वासन दिया। 


पूरे विश्व में भारत को चारों मठ से एक सूत्र में बांधने का काम किया एवं विश्व शांति के लिए वसुधैव कुटुंबकम का नारा दिया। बिहार सरकार ने उनके अनुपालन में उनके पीछे केअनुयायियों को उनके वंशज को सरकार की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए आरक्षण दिया एवं लोकसभा सदस्य बनाया और मनोरंजन गिरी जी को भी मुख्य नेतृत्व की जिम्मेवारी दी जाएगी इसकी उन्होंने घोषणा की।


आदि गुरु शंकराचार्य जी की जन्म शताब्दी के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मनोरंजन गिरी जी ने कहा कि आदि गुरु शंकराचार्य पादु भाव से राष्ट्रीय सनातन धर्म की रक्षा हुई है। सनातन के आड़ में हुए पाखंड की समाप्ति हुई और राष्ट्रीय एकता का संजीवनी मंत्र मिला। उन्होंने अज्ञातवास पर एकता बनाकर चारों मठ अस्थापना कर भारतीय सीमा को रक्षा कवच के रूप में स्थापित किया। आज ऐसे श्री कृष्ण महाभारत में अर्जुन को गीता को उपदेश देकर किया उसके बाद देश चारों तरफ धर्म के प्रचार आज पूरे देश मे दशनाम गोस्वामी समाज की राजनीतिक एवं शैक्षणिक आर्थिक स्थिति हास्यपद है।


 राजनीति राष्ट्रीय एकता एवम संस्कृति धर्म पर कुठाराघात पहुंचा रही है जिसका शिकार यह समाज हमेशा से रहा है जब जिस देश में उपरोक्त स्थिति बनी है तब-तब यह यह देश गुलाम रहा है जिस देश में राष्ट्रीय अखंडता सर्वोच्च एकता एवम संस्कृति के रक्षा पतित को नजरअंदाज कर निजी स्वार्थ की राजनीति में आज कितनी बिहारी हो रही है वह आगे चलकर टिकाऊ नहीं होगी।


जिस भगवा रंग वाले संयासी समाज सर्वप्रथम 10 की आजादी की लडाई लड़े उसका अस्तित्व आज कहीं दिखाई नहीं दे रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है यह देश जगतगुरु बन सकता है यह सोचने विषय है। कुशेश्वर गिरि विनोद गिरि मन्नू गिरी उद्धव गोस्वामी दीपक पर्वत पंकज गिरी विपिन भारतीय सैलेस पर्वत राकेश कुमार भारती वीरेंद्र भारती रंजीत गिरी पंकज कुमार गिरी वीरेंद्र गिरी नागेंद्र गिरी मुकेश गिरि बबन गिरि एवं समस्त कार्यकर्ता गन अथक प्रयास किया।