MOTIHARI: फेमस यूट्यूबर मनीष कश्यप को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में जमानत मिल गयी। आज मोतिहारी कोर्ट में मनीष की पेशी हुई थी। जमानत मिलने के बाद उन्होंने अपनी पीड़ा बतायी। कहा कि मुझे घूमने तक नहीं दिया जा रहा है। यहां के नेता जी को यह डर सता रहा है कि यदि मझौलिया मैदान में 50 हजार लोगों को जुटा लिया तो मनीषवा का नाम दिल्ली तक चला जाएगा।
मनीष कश्यप ने कहा कि मंझौलिया ग्राउंड में सभा के लिए हमने दो बार परमिशन मांगा था लेकिन परमिशन नहीं दिया गया। 50 से 60 हजार लोग आने वाले थे जिसे लेकर नेताजी डरे हुए हैं कि कही इतना आदमी को जुटा लेगा तो मनीषवा का नाम दिल्ली तक चल जाएगा। मनीष कश्यप ने आगे कहा कि मेरा नाम दबाने के लिए ऐसा किया जा रहा है। मुझे सुरक्षा नहीं मिल रही है और बाहर निकलता हूं तो केस कर दिया जाता है। प्रशासन कह रहा है कि 5000 लोगों की भीड़ इकट्ठा कर लिये। यदि मनीष कश्यप के एक फेसबुक पोस्ट से इतने लोग आ जा रहे हैं तो कही ना कही मनीष ताकतवर है तब ना आ रहे है। जनसभा के लिए परमिशन नहीं मिल रहा है। जनसंपर्क करने जाने पर एफआईआर हो जाएगा। लोकतंत्र में हम लोग करे तो क्या करे?
यूट्यूबर मनीष ने आगे कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी एक सत्याग्रह की शुरुआत यही से किया था दूसरा सत्याग्रह मनीष कश्यप भी यही से करेगा। बिहार के सबसे कम विकास वाले इलाके लोगों के बुलावे पर गया था जहां सीओ ने एफआईआर कर दिया। एफआईआर आठवां महीना 2024 फ्यूचर में कर दिया है। वहां के थाना प्रभारी ने बिना एफआईआर पढ़े सेक्शन लगा दिया। लेकिन हम घबराने वाले नहीं है हमें न्यायालय पर भरोसा है।
उन्होंने कहा कि हम जैसे साधारण परिवार के युवाओं को राजनीति में आना चाहिए नेता पूरी तरीके से डरे हुए है चाहते हैं कि हम लोग मिल बांट कर बिरयानी खा लेंगे एक दूसरे का कुर्ता फाड़ देंगे लेकिन बीच में मनीष कश्यप की एंट्री नहीं होने देंगे। यही यहां के नेता चाहते हैं। नरकटियागंज ब्लॉक में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। जमीन की जमाबंदी, दाखिल खारिज सहित तमाम काम बिना पैसे के वहां नहीं होता। वहां पर गलत तरीके से सड़के बनायी गयी है ठेकेदार पर सीओ साहब क्यों नहीं कार्रवाई करते हैं। मनीष ही हर बार बलि का बकरा बनता है। इसलिए हर बार केस कर दिया जाता है। इस बार तो मेरे साथ-साथ समर्थक पर भी केस कर दिया गया है। हमने लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा जब से की तब से किसी ना किसी केस में फंसाने की कोशिश की जा रही है। सच बोलने वाले को कोई पसंद नहीं करता है।