PATNA: बिहार में राजद के गठन के बाद से ही इसे यादव और मुस्लिम यानि एमवाई समीकरण वाली पार्टी कहा जाता रहा है. तीन साल पहले तेजस्वी यादव ने नया नारा दे दिया. तेजस्वी ने कहा कि उनकी पार्टी Aटू Z वाली पार्टी है. लेकिन आज जब राजद ने अपने जिलाध्यक्षों और जिला प्रधान महासचिवों की सूची जारी की तो साफ दिखा कि पार्टी अपने पुराने समीकरण की ओर लौट रही है।
वैसे तो बिहार में 38 जिले हैं. लेकिन राजद ने संगठन के लिहाज से 47 जिला कमेटी बना रखा है. इनमें जिला अध्यक्ष और जिला प्रधान महासचिव पद पर कुल 94 नेताओं का मनोनयन मंगलवार किया गया. 94 नेताओं की सूची में 51 यादव और मुस्लिम हैं. वैसे राजद ने ये भी एलान कर रखा था कि वह अपनी जिला कमेटी में पिछड़ों और दलितों के लिए पद आरक्षित करेगी और उन्हें पर्याप्त जगह दी जायेगी. लेकिन जिला कमेटियों में ये आरक्षण नहीं दिखा.
राजद की कई जिला कमेटी ऐसी होंगी जिनमें जिलाध्यक्ष औऱ जिला प्रधान महासचिव दोनों पदों पर एमवाई समीकरण के नेताओं को मनोनीत किया गया है. उदाहरण के लिए राजधानी पटना में दीनानाथ सिंह यादव पूर्व विधायक को जिलाध्यक्ष बनाया गया है तो मो0 अफरोज आलम को जिला प्रधान महासचिव. पश्चिमी चम्पारण में मो0 साहेब हुसैन अंसारी को जिलाध्यक्ष बनाया गया है तो अमर यादव को जिला प्रधान महासचिव. मधुबनी में वीर बहादुर राय को जिलाध्यक्ष तो असलम अंसारी को प्रधान महासचिव बनाया गया है. वहीं, दरभंगा में उदय शंकर यादव को जिलाध्यक्ष तो मो0 अफजल को जिला प्रधान महासचिव बनाया गया है. गया में मो0 मुर्शीद आलम उर्फ नेजाम को जिलाध्यक्ष और सुभाष यादव को जिला प्रधान महासचिव पद पर मनोनीत किया गया है.
ऐसे कई जिले हैं जहां अध्यक्ष और प्रधान महासचिव के पद पर एमवाई समीकरण के नेताओं को बिठाया गया है. किशनगंज जैसे जिले में तो जिलाध्यक्ष और प्रधान महासचिव दोनों पदों पर मुसलमान नेताओं को रखा गया है. वैसे राजद के जिलाध्यक्षों और जिला प्रधान महासचिवों की सूची से कई और बातें सामने आयी हैं. सीवान में शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब का पार्टी में पत्ता साफ हो गया है. वहां जिलाध्यक्ष या प्रधान महासचिव पद पर किसी मुसलमान को जगह नहीं दी गयी है. हां, यादव तबके को जरूर जगह मिली है.