9 दिन..3 मर्डर..एक पैटर्न, अरेस्ट हुआ सीरियल किलर ; स्मैक की लत के लिए पहले की चोरी फिर करने लगा हत्या

9 दिन..3 मर्डर..एक पैटर्न, अरेस्ट हुआ सीरियल किलर ; स्मैक की लत के लिए पहले की चोरी फिर करने लगा हत्या

MUZAFFARPUR : बिहार में पुलिस महकमे को बड़ी सफलता हाथ लगी है। यहां के मुजफ्फरपुर में 9 दिन के अंदर 3 मर्डर करने वाले एक सिलियर किलर को अरेस्ट किया गया है। यह किलर पहले स्मैक की लत के कारण चोरी की घटना को अंजाम दिया।  उसके बाद जब इससे भी इसका काम नहीं चला तो नशे की लत के कारण लोगों की जान लेना भी शुरू कर दिया। इसने चोरी की वारदात के दौरान अलग-अलग जगहों पर सोए हुए तीन लोगों की हत्या कर डाली। 


दरअसल, पिछले 9 दिनों के अंदर मुजफ्फरपुर में घर में सोए हुए तीन लोगों की हत्या कर डाली गई। इसके बाद पुलिस प्रशासन पर भी सवाल उठने शुरू हो गए, इसके उपरांत पुलिस की तेआम हरकत में आई और अब इस घटना को अंजाम देने वाले सिलियर किलर को अरेस्ट कर लिया। यह किलर ने पूछताछ में बताया कि, उसे नशे के लिए पैसों की जरूरत थी। रोज उसे स्मैक पीने के लिए 1 हजार रुपए चाहिए थे।


इसके लिए पहले उसने अपने कपड़ों को किलो के भाव में बेचा। फिर अपना फोन बेच दिया। इससे भी उसकी उसका काम नहीं चल पाया तो उसने चोरी करना शुरू कर दिया। लेकिन, उसे डर था कि चोरी करते हुए उसे  कोई पहचान न ले। इसलिए वह हत्या कर लोगों को लूटने लगा। वह, हत्या के लिए लोहे की रॉड का इस्तेमाल करता था। इस  सीरियल किलर की पहचान अहियापुर थाना के कोलहुआ पैगंबरपुर निवासी शिवचंद्र पासवान उर्फ भोला उर्फ भालवा  के रूप में की गई है।


मालूम हो कि, इस सिलियर किलर ने पहली हत्या 30 अप्रैल को हुई, फिर 1 मई और 8 मई को इसने अपने काले कारनामों को अंजाम दिया। जिसके बाद इस मामले को लेकर अहियापुर में पुलिस गश्त लगा रही थी। अब गुप्त सुचना के आधार पर पुलिस टीम ने एक्शन लिया और सफलता हाथ आई। अरेस्ट हुए किलर ने बताया कि,वह भोर में तीन से पांच बजे के बीच निकलता था। सोए हुए व्यक्ति के सिर पर खंती से वार करता था और मोबाइल लेकर फरार हो जाता थावह मोबाइल को एक से डेढ़ हजार रुपये में बेचता था, जिससे स्मैक खरीदकर पीता था। इसने अपनी सभी घटना को कोल्हुआ पैगंबरपुर में 500 मीटर के दायरे में अंजाम दिया है। 


इधर, इस पुरे मामले को लेकर एसएसपी ने बताया कि आरोपी से पूछताछ की गई है। उसने बताया कि उसके पिता की पहले ही मृत्यु हो चुकी है। पिता की मृत्यु के बाद वह लकड़ी बेचने लगा था। इसी बीच उसे स्मैक की लत लग गई। लत पूरा करने के लिए पैसे की जरूरत थी। एक दिन का खर्च करीब 1 हजार रुपए है। जो उसके पास नहीं होते थे। नशे के कारण धीरे-धीरे पैसे कम पड़ने पर वह मां के साथ मारपीट करने लगा। इससे परेशान होकर उसकी मां उसे छोड़कर चली गई। मां के जाने के बाद वह पत्नी से मारपीट करने लगा। कुछ दिनों बाद पत्नी भी घर से भाग गई। इसके बाद वह अकेले रहने लगा।