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1st Bihar Published by: Updated Fri, 19 Nov 2021 01:26:23 PM IST
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MUZAFFARPUR:बिहार के मुजफ्फरपुर से एक खबर सामने आ रही है. जहां रिटायर्ड दरोगा अपने रिटायरमेंट के दो साल बाद भी मिठनपुरा थाने के 62 केस की फाइल को लेकर फरार हो गया. रिटायर्ड दरोगा श्रीवंश झा पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. मिठनपुरा पुलिस ने दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मामले की छानबीन में जुट गयी है.
जानकारी के अनुसार आइजी कमजोर वर्ग के आदेश पर मिठनपुरा थानेदार भागीरथ प्रसाद ने यह कार्रवाई शुरू की है. वहीं दारोगा चंद्रकांत पासवान को केस का आइओ बनाया गया है. जमादार के केस लेकर गायब रहने की वजह से एससी-एसटी कांड के पीड़ित को मुआवजा नहीं मिल सका था.
मिठनपुरा पुलिस ने दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मामले की छानबीन में जुट गयी है. थानेदार भागीरथ प्रसाद के बयान पर दर्ज प्राथमिकी में बताया गया है कि श्रीवंश झा 2018 से 2019 के बीच में मिठनपुरा थाने में तैनात थे.
आपको बता दें कि श्रीवंश झा कटिहार जिले के फलका थाने के पोठिया ओपी क्षेत्र के रहनेवाले हैं. जहां थानेदार का कहना है कि वरीय पदाधिकारी के आदेश पर केस का चार्ज सौंपने के लिए इससे पहले तीन बार रिटायर्ड जमादार के घर पर पत्र भेजा गया था. लेकिन रिटायर्ड दरोगा ना तो केस का चार्ज सौंपने आये और ना ही पत्र का कोई जवाब दिया. मिठनपुरा पुलिस ने दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मामले की छानबीन में शुरू कर दी है. थानेदार भागीरथ प्रसाद के बयान पर दर्ज प्राथमिकी में बताया गया है कि श्रीवंश झा 2018 से 2019 के बीच में मिठनपुरा थाने में तैनात थे.
जानकारी के अनुसार 19 अक्तूबर को उनका तबादला नगर थाने में हो गया. वही से 31 दिसंबर 2019 को श्रीवंश झा रिटायर्ड हो गये. रिटायरमेंट के बाद वे थाने का 62 केस का चार्ज दिये बिना वे घर चले गये. इन 62 केस का चार्ज नहीं सौंपा था, उसमें एक एससी-एसटी एक्ट का भी मामला था. इस मामले को लेकर आइजी कमजोर वर्ग के द्वारा लगातार प्रतिमाह समीक्षा किया जा रहा था. लेकिन, श्रीवंश झा द्वारा केस का प्रभार नहीं सौंपने के कारण पीड़ित को मुआवजा नहीं मिल सका.
वहीं इसके बाद आइजी कमजोर वर्ग ने FIR करने का आदेश दे दिया था. एसएसपी जयंतकांत और डीएसपी रामनरेश पासवान ने भी केस दर्ज करते हुए कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया था. इसलिए उन्होंने रिटायर्ड जमादार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. केस का प्रभार सौंपने के लिए दो साल में पांच बार कांड का प्रभार सौंपने के लिए रिमाइंडर भेजा था. दो बार रिश्तेदारों के जरिए से बातचीत भी की थी. लेकिन, उन्होंने लगातार लापरवाही का परिचय देते हुए केस का प्रभार नहीं सौंपा. जब वे फलका थानेदार से पुलिस टीम को उनके घर पर भेजा तब वे खुद नहीं आकर अपनी बेटी को भेज दिया कि पापा घर पर नहीं हैं.
केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है. अगर केस का प्रभार जल्द नहीं सौंपते हैं, तो कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट लेकर पुलिस उसके घर पर छापेमारी करेगी. श्रीवंश झा पर आइपीसी की धारा 409, 201 आर एससी-एसटी धारा में प्राथमिकी दर्ज की गयी है.