53 दिन बाद भी मधुबनी DPO राजेश कुमार का सुराग नहीं, पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल

53 दिन बाद भी मधुबनी DPO राजेश कुमार का सुराग नहीं, पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल

MUZAFFARPUR: मधुबनी DPO  राजेश कुमार 53 दिन पहले रहस्यमय ढंग से लापता हो गये थे। उनका अब तक पुलिस सुराग नहीं लगा पाई है। अब पुलिस की कार्यशैली पर सवाल पर सवाल खड़े हो रहे हैं। परिजन पुलिस से मदद की गुहार लगा रहे हैं। लापता मधुबनी डीपीओ राजेश कुमार की पत्नी अर्चना कुमारी को अब भगवान पर ही भरोसा है। वो भगवान से प्रार्थना कर रही हैं कि उनके पति सकुशल घर लौट आए क्योंकि पुलिस अब तक उनका पता नहीं लगा सकी है। पति की बरामदगी को लेकर वह डीजीपी से भी गुहार लगा चुकी है।


मुज़फ़्फ़रपुर जिले के अहियापुर थाना क्षेत्र से रहस्यमयी तरीके से लापता मधुबनी के डीपीओ राजेश कुमार का अब तक पता नहीं चल सका है। लापता हुए 53 दिन हो गये हैं लेकिन पुलिस उनका सुराग नहीं लगा सकी है। परिजन अहियापुर थाना क्षेत्र के अयाची ग्राम में रहते है। लेकिन आज भी अपने परिवार के मुखिया डीपीओ राजेश कुमार के आने की राह देख रहे है।


 लापता मधुबनी के डीपीओ राजेश कुमार की पत्नी अर्चना कुमारी ने बताया कि अब सिर्फ भगवान पर ही भरोसा है। वही बेटे हर्षित का कहना है कि कोई न कोई गलत हाथों में पापा पड़ गए है। उनका अपहरण किया गया है। बता दें कि मधुबनी के डीपीओ राजेश कुमार मुज़फ़्फ़रपुर जिले के अहियापुर थाना क्षेत्र से अचानक रहस्यमयी तरीके से गायब हो गए थे। डीपीओ राजेश की पत्नी ने अहियापुर थाना में अपहरण की शिकायत दर्ज कराई थी। तब से अबतक पुलिस की जांच चल रही है लेकिन अबतक कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है। 


बताते चलें कि गायब बीपीओ राजेश कुमार के बैंक खाते से बीते 4 फरवरी को दो बार पैसे की निकासी हुई थी। जिसमें एक बार 11000 और दूसरी बार ₹21000 रुपये निकाले गए थे। पुलिस की जांच में पता चला कि दोनों निकासी किसी ने फ्रॉड किया है। जिसके बाद पुलिस यह पता लगाने में जुटी थी कि कही डीपीओ राजेश कुमार किसी फ्रॉड के चक्कर में तो नहीं पड़ गए। इसकी जांच कर रही पुलिस के हाथ अभी भी खाली है।  


मुजफ्फरपुर के लोग भी पुलिस की इस कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब अपने सरकारी कर्मचारी का पुलिस नहीं खोज पा रही है तो आमलोगों का तो भगवान ही मालिक है। अब सवाल उठता है कि आखिर पुलिस किस तरह से जांच कर रही है कि सरकारी अधिकारी को भी ढूंढ नहीं पा रही है। क्या इसी जांच का हवाला देते हैं बिहार के सुशासन बाबू। क्या यही है बिहार में सुशासन। अगर किसी के साथ अनहोनी हो जाए तो वो किसके पास जाएगा। पुलिस प्रशासन पर तो परिजनों ने भरोसा किया लेकिन घटना के 53 दिन हो गये है लेकिन अब तक डीपीओ साहब का पता पुलिस नहीं लगा पाई है। सूत्रों का कहना है कि डीपीओ के परिजनों को पुलिस ने मंदिर और मठों में भी डीपीओ साहब को खोजने को कहा है। यह अनुमान लगाया गया कि हो सकता है किसी बात को लेकर डिप्रेशन में होंगे और किसी मंदिर और मठ में शरण लिये होंगे। 


मुजफ्फरपुर से रहस्यमय तरीके से गायब मधुबनी के डीपीओ राजेश कुमार के बड़े बेटे हर्षित कुमार और उनकी पत्नी अर्चना कुमारी को आज भी उन्हें सकुशल वापस आने की उम्मीद है। राजेश कुमार की कुशल वापसी के लिए वे भगवान से मिन्नतें मांग ही रहे हैं। साथ ही साथ आमलोगों से विनती कर रहे हैं कि किन्ही को इस संबंध में पता चले तो मदद करें। पत्नी अर्चना कहती है कि इस मामले को लेकर वह बिहार के डीजीपी तक से गुहार लगा चुकी हैं। पुलिस की जांच चल ही रही है लेकिन जिस हिसाब से जांच चल रही है अभी तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है। परिजन काफी परेशान हैं। जहां तक बन पड़ा है वे खोजबीन कर रहे हैं। मंदिर,मठ,घर परिवार, रिश्तेदार सभी जगह पर लोग डीपीओ की तलाश कर रहे हैं।


मधुबनी के गायब डीपीओ राजेश कुमार के बड़े पुत्र की माने तो पुलिस जांच पड़ताल के क्रम में पुलिस की टीम को अंतिम लोकेशन मुजफ्फरपुर के बीबीगंज में मिला था। उसके बाद से उनका मोबाइल बंद है। कहीं कोई ड्रेस नहीं मिल रहा है ना ही कोई अब तक किसी का कॉल आया है। किसी ने अपहरण कर उन्हें अपने पास रखा है। बेटे को विश्वास है कि भगवान सब कुछ ठीक करेंगे और पापा जरूर वापस आएंगे। 


पूरे मामले पर पूछे जाने पर मुजफ्फरपुर के नगर डीएसपी राघव दयाल ने बताया कि लापता डीपीओ का अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। परिजन लगातार पुलिस के संपर्क में हैं। वैज्ञानिक एवं मानवीय सूचना संकलन के आधार पर खोजबीन जारी है। उम्मीद है जल्द नतीजे सामने आएंगे। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि आज 53 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक सरकारी अधिकारी की बरामदगी नहीं हो पाई है। ऐसे में क्या यह उम्मीद लगाया जा सकता है कि मुजफ्फरपुर की पुलिस टीम लापता मधुबनी के डीपीओ राजेश कुमार को सकुशल बरामद कर लेगी। सवाल उठना लाजमी है क्योंकि परिजनों ने अपहरण की आशंका जताकर अहियापुर थाना में केस दर्ज कराया था। डीपीओ के परिजनों ने मीडिया के माध्यम से भी लोगों से अपील की है कि किन्ही को अगर यह दिखते हैं तो अविलंब अपने नजदीकी थाने या फिर मुजफ्फरपुर पुलिस को इसकी सूचना दें।