Anant Singh arrest : अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद पटना ssp ने बुलाई प्रेस कॉन्फ्रेंस! कुछ देर में हो जाएगी आधिकारिक पुष्टि ; क्या होगा मोकामा सीट पर असर बड़ी खबर : दुलारचंद हत्याकांड मामले में पुलिस ने अनंत सिंह को किया अरेस्ट ! दो गाड़ियों से साथ लेकर रवाना हुए सीनियर अधिकारी ! इलाके में चर्चा हुई तेज शिक्षा और शोध में नई दिशा: पटना ISM के चेयरमैन के जन्मदिन पर IJEAM का प्रथम अंक जारी Bihar Crime News: बिहार में इलाज के दौरान महिला की मौत पर हंगामा, अस्पताल छोड़कर भागे डॉक्टर और हेल्थ स्टाफ Bihar Crime News: चुनावी तैयारियों के बीच बिहार में चाकूबाजी की घटना, नाबालिग लड़के की हत्या से हड़कंप Mahila Rojgar Yojana: अब तक 1.51 करोड़ महिलाओं को मिला 10-10 हजार, लाभ मिलने तक जारी रहेगी योजना...आवेदन की कोई अंतिम तिथि नहीं Mahila Rojgar Yojana: अब तक 1.51 करोड़ महिलाओं को मिला 10-10 हजार, लाभ मिलने तक जारी रहेगी योजना...आवेदन की कोई अंतिम तिथि नहीं Mokama Dularchand Murder Case: मोकामा में दुलारचंद हत्याकांड में पुलिस ने अबतक क्या की कार्रवाई? पटना SSP ने दिया जवाब Mokama Dularchand Murder Case: मोकामा में दुलारचंद हत्याकांड में पुलिस ने अबतक क्या की कार्रवाई? पटना SSP ने दिया जवाब Koilwar bridge accident : कोइलवर सिक्सलेन पुल पर स्कूल बस और कंटेनर की टक्कर, ड्राइवर की हालत गंभीर
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 29 Aug 2025 07:44:15 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Toll Plaza: देश के नेशनल हाईवेज पर यात्रा करने वालों को अक्सर टोल प्लाजा की वजह से काफी परेशानी का सामना करना पड़ता रहा है, खासकर जब ये प्लाजा एक-दूसरे से बहुत करीब होते हैं या शहरों के नजदीक होते हैं। इसी समस्या को दूर करने के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने हाल ही में एक नया सर्कुलर जारी किया है। इस सर्कुलर में साफ निर्देश दिए गए हैं कि दो टोल प्लाजा के बीच कम से कम 60 किलोमीटर की दूरी होनी चाहिए और कोई भी टोल प्लाजा नगरपालिका सीमा से 10 किलोमीटर के अंदर नहीं बनाया जा सकता। यूजर्स की लगातार शिकायतों के बाद यह कदम उठाया गया है, यह नेशनल हाईवे फी रूल्स 2008 के तहत ही लागू होगा। मंत्रालय का कहना है कि इससे यात्रियों पर अनावश्यक बोझ कम होगा और टोल संग्रहण में पारदर्शिता आएगी।
इस सर्कुलर के अनुसार हाईवे विकास एजेंसियों और कॉन्सेशनेयरों को प्रोजेक्ट की तकनीकी मंजूरी देते समय टोल प्लाजा की लोकेशन पर विशेष ध्यान देना होगा। अगर किसी वजह से 60 किलोमीटर से कम दूरी पर या नगरपालिका सीमा के करीब प्लाजा बनाना जरूरी हो तो विस्तृत कारणों के साथ मंत्रालय से विशेष अनुमति लेनी पड़ेगी जो केवल उच्च स्तर पर ही दी जाएगी। सभी प्रोजेक्ट नोट्स में टोल प्लाजा की स्थिति का स्पष्ट उल्लेख अनिवार्य कर दिया गया है और इसे स्टैंडिंग फाइनेंस कमेटी, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप अप्रेजल कमेटी या पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड में पेश करते समय नियमों के पालन की लिखित पुष्टि करनी होगी। मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि लापरवाही बरतने वाली एजेंसियों पर कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी अनियमितताएं न हों।
पिछले कुछ समय में कई राज्यों में टोल प्लाजा की गलत लोकेशन को लेकर विवाद बढ़े थे, जहां 60 किलोमीटर से कम दूरी पर प्लाजा बनने से यात्रियों को दोबारा टोल देना पड़ रहा था। MoRTH ने इन शिकायतों पर तुरंत ध्यान दिया और सर्कुलर के जरिए सख्ती बरतने का फैसला किया। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम न केवल यात्रियों की जेब बचाएगा बल्कि हाईवे पर ट्रैफिक फ्लो को भी सुगम बनाएगा। हालांकि, मौजूदा प्लाजा जो पहले से नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, उनके बारे में मंत्रालय ने अलग से समीक्षा का आदेश दिया है।
यह सर्कुलर यात्रा करने वालों के लिए राहत की सांस है, लेकिन इसका पूरा असर तभी दिखेगा जब सभी हाईवे एजेंसियां इसे अमल में लाएं। अगर आप भी नेशनल हाईवे पर सफर करते हैं तो अब टोल प्लाजा की मनमानी से कुछ हद तक निजात मिलेगी। अधिक जानकारी के लिए MoRTH की आधिकारिक वेबसाइट पर नजर रखें।