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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 21 Aug 2025 04:03:34 PM IST
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Online Gaming Bill 2025: संसद ने गुरुवार को ऑनलाइन गेमिंग विनियमन विधेयक 2025 को मंजूरी दे दी है, जिससे ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री में हलचल मच गई है। बिल का उद्देश्य जहां ऑनलाइन मनी गेम्स को नियंत्रित करना है, वहीं इससे जुड़े ई-स्पोर्ट्स पेशेवरों और स्टेकहोल्डर्स में चिंता की लहर दौड़ गई है। ई-स्पोर्ट्स प्लेयर वेलफेयर एसोसिएशन (EPWA) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखते हुए बिल पर पुनर्विचार की मांग की है। उन्होंने कहा है कि सरकार को बेटिंग आधारित गेम्स और स्किल आधारित गेम्स के बीच स्पष्ट अंतर करना चाहिए।
संघ ने इस पत्र में सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि वे रेग्यूलेशन लाने के पक्ष में हैं, लेकिन स्किल आधारित गेम्स पर प्रतिबंध लगाने का विरोध करते हैं क्योंकि इससे लाखों युवाओं की आजीविका प्रभावित हो सकती है। EPWA ने लिखा, "आज भारत में गेमिंग सिर्फ शौक नहीं, बल्कि एक करियर विकल्प और आय का प्रमुख स्रोत बन चुका है।" पत्र में भारत के प्रमुख ई-स्पोर्ट्स खिलाड़ियों जैसे Dota 2 टीम के कप्तान मोइन एजाज और एशियन गेम्स 2018 के मेडलिस्ट तीर्थ मेहता का उदाहरण देकर बताया गया कि यह एक उभरता हुआ क्षेत्र है जिसे प्रोत्साहन की जरूरत है, प्रतिबंध की नहीं।
EPWA की वजह से स्किल-बेस्ड गेम्स का गलत वर्गीकरण, लाखों पेशेवर गेमर्स, कोच, स्ट्रीमर्स, कंटेंट क्रिएटर्स की आजीविका पर संकट, अवैध प्लेटफॉर्म्स की ओर यूज़र्स का झुकाव और भारत की ई-स्पोर्ट्स में अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान भी पहुंच सकता है, जो काफी चिंता का विषय भी है। संगठन ने सरकार को सुझाव दिया है कि एक ऐसा स्पष्ट फ्रेमवर्क बनाया जाए जो स्किल आधारित गेम्स और सट्टेबाजी आधारित गेम्स में अंतर करे, साथ ही गेमर्स के अधिकारों और डेटा गोपनीयता की सुरक्षा हो। उन्होंने यह भी कहा कि 450 मिलियन से अधिक गेमर्स के इस बड़े इंडस्ट्री को बिना गहराई से समझे एक समान कानून से नियंत्रित करना तर्कसंगत नहीं है।
इससे पहले संसद में विधेयक प्रस्तुत करते हुए केंद्रीय IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि ऑनलाइन मनी गेम्स आज एक सामाजिक बुराई का रूप ले चुके हैं। उन्होंने कहा कि लोग अपनी जीवनभर की कमाई इन गेम्स में हार जाते हैं, जिससे आर्थिक बर्बादी और आत्महत्याओं जैसी घटनाएं सामने आती हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या सरकार EPWA के सुझावों और इस बढ़ते उद्योग की जरूरतों को ध्यान में रखकर विधेयक में कुछ संशोधन करती है या नहीं।