Bihar News: बिहार के दो थानेदारों को SSP ने किया लाइन हाजिर, सरकारी काम में लापरवाही पड़ी भारी Bihar News: बिहार के दो थानेदारों को SSP ने किया लाइन हाजिर, सरकारी काम में लापरवाही पड़ी भारी Bihar Police Alert: स्वतंत्रता दिवस और चेहल्लुम को लेकर बिहार में हाई अलर्ट, पुलिस मुख्यालय ने जिलों को जारी किए निर्देश Bihar Police Alert: स्वतंत्रता दिवस और चेहल्लुम को लेकर बिहार में हाई अलर्ट, पुलिस मुख्यालय ने जिलों को जारी किए निर्देश Bihar Crime News: बिहार में बैंक के 251 खातों से 5.58 करोड़ की साइबर ठगी, ईओयू ने दर्ज किया केस Bihar Crime News: बिहार में बैंक के 251 खातों से 5.58 करोड़ की साइबर ठगी, ईओयू ने दर्ज किया केस Bihar Crime News: बिहार के इस जिले में बड़े सेक्स रैकेट का खुलासा, तीन नाबालिग लड़कियां बरामद; भारी मात्रा में मिलीं गर्भ निरोधक गोलियां Bihar Crime News: बिहार के इस जिले में बड़े सेक्स रैकेट का खुलासा, तीन नाबालिग लड़कियां बरामद; भारी मात्रा में मिलीं गर्भ निरोधक गोलियां Bihar Election 2025: कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक की तारीख तय, बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर उम्मीदवारों के साथ होगी चर्चा Bihar Election 2025: कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक की तारीख तय, बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर उम्मीदवारों के साथ होगी चर्चा
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 02 May 2025 08:45:32 AM IST
केदारनाथ धाम की पौराणिक कथा और इतिहास - फ़ोटो Google
Kedarnath Dham history: 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, केदारनाथ धाम के कपाट आज शुक्रवार सुबह 7:00 बजे विधि-विधान के साथ भक्तों के दर्शन हेतु खोल दिए गए। हिमालय की गोद में बसा यह पवित्र स्थल हर साल 6 महीने बर्फबारी के कारण बंद रहता है और गर्मी के आगमन पर खुलता है। कपाट खुलते ही पहले दिन ही हजारों श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन को पहुंच गए।
पौराणिक मान्यताएं: नर-नारायण की भक्ति से प्रकट हुए भगवान शिव
शिवपुराण की कोटीरुद्र संहिता के अनुसार, बदरीवन में भगवान विष्णु के अवतार नर-नारायण ने कठोर तपस्या के साथ प्रतिदिन पार्थिव शिवलिंग की पूजा की। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव वहां प्रकट हुए और वरदान मांगने को कहा। नर-नारायण ने प्रार्थना की कि भगवान शिव सदा के लिए यहीं वास करें, ताकि सभी भक्तों को उनके दर्शन सहज हो सकें। तभी से यह क्षेत्र 'केदार' कहलाया और शिव यहां केदारनाथ के रूप में पूजे जाने लगे।
महाभारत से जुड़ी कथा: भैंसे के रूप में पांडवों को दिए दर्शन
महाभारत युद्ध के पश्चात, पांडव अपने कर्मों के प्रायश्चित हेतु भगवान शिव की तलाश में निकले। शिव जी पांडवों से बचने के लिए भैंसे का रूप धारण कर केदार क्षेत्र में छिप गए। भीम ने उन्हें पहचान कर पकड़ा, और उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए। यही कारण है कि केदारनाथ में शिव की पूजा भैंसे की पीठ के रूप में होती है। मान्यता है कि शिव का मुख नेपाल के पशुपतिनाथ में प्रकट हुआ।
आदि शंकराचार्य का योगदान: मंदिर का पुनर्निर्माण
पौराणिक मान्यता है कि केदारनाथ मंदिर का निर्माण पांडव वंश के राजा जनमेजय द्वारा करवाया गया था। समय के साथ क्षतिग्रस्त हुए मंदिर का पुनर्निर्माण 8वीं सदी में आदि गुरु शंकराचार्य ने करवाया और यहीं उनका समाधि स्थल भी स्थित है।
आज के दिन की विशेषता: अखंड ज्योत के दर्शन
कपाट खुलने के साथ ही भक्तों ने मंदिर में अखंड ज्योत के दर्शन किए। केदारनाथ धाम का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यंत विशिष्ट है। यदि आप भी इस दिव्य धाम की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो मौसम और स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि यह यात्रा कठिन और ऊँचाई वाली है।