Bihar News: बिहार में सड़क किनारे खड़े ट्रक से टकराया तेज रफ्तार ट्रक, हादसे में ड्राइवर की दर्दनाक मौत Bigg Boss 19: बिग बॉस 19 में फराह खान की एंट्री से बढ़ा टेंशन, बसीर ने नेहल से तोड़ी दोस्ती Patna News: पटना में JDU-BJP दफ्तर के बाहर धारा 163 लागू, अब प्रदर्शन करने वालों की खैर नहीं Patna News: पटना में JDU-BJP दफ्तर के बाहर धारा 163 लागू, अब प्रदर्शन करने वालों की खैर नहीं Bihar News: बिहार सरकार की बड़ी कार्रवाई, 12 अधिकारियों को किया सस्पेंड; क्या है वजह? Bihar News: बिहार सरकार की बड़ी कार्रवाई, 12 अधिकारियों को किया सस्पेंड; क्या है वजह? Road Accident: BPSC परीक्षा देकर लौट रहे युवक की सड़क हादसे में मौत, एक गंभीर रूप से घायल Bihar Crime News: पत्नी से अनबन के बाद युवक की हत्या, बदमाशों ने गोलियों से भूना Durga Puja 2025: पटना में इस साल इतनी पूजा समितियों को मिलेगा दुर्गापूजा का लाइसेंस, सुरक्षा मानकों पर होगी सख्ती Durga Puja 2025: पटना में इस साल इतनी पूजा समितियों को मिलेगा दुर्गापूजा का लाइसेंस, सुरक्षा मानकों पर होगी सख्ती
1st Bihar Published by: KHUSHBOO GUPTA Updated Fri, 14 Mar 2025 07:36:59 AM IST
होली के दिन सुबह-सुबह भूकंप - फ़ोटो google
Earthquake: होली के दिन भारत के सुदूर उत्तरी हिस्से में सुबह-सुबह भूकंप के झटके महसूस हुए। लद्दाख के कारगिल में 5.2 तीव्रता का भूकंप आया। यहां रात 2.50 मिनट पर यह झटके महसूस हुए। वहीं कारगिल के साथ ही पूरे लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में भी भूकंप के झटके महसूस किये गये।
पहला भूकंप उत्तर भारत में आया। इस भूकंप का केंद्र लद्दाख का कारगिल क्षेत्र था। यहां पर देर रात 2.50 बजे भूकंप के झटके महसूस हुए। कारगिल में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.2 थी। इस भूकंप का केंद्र जमीन से मात्र 15 किमी की गहराई में था। भूकंप देर रात आया, इसलिए ज्यादातर लोगों को इसके बारे में पता नहीं चला। लेकिन जिसे भी पता चला, वह तुरंत घर से बाहर की ओर भागा। कारगिल क्षेत्र में रात का तापमान काफी कम होने की वजह से यहां पर ठंड अब भी जारी है।
दूसरा भूकंप आज सुबह 6.01 बजे अरुणाचल प्रदेश के वेस्ट केमेंग में महसूस किया गया। यहां पर भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4 मापी गई। भूकंप का केंद्र जमीन से सिर्फ 10 किमी की गहराई में था।। आपको बता दें कि लेह और लद्दाख दोनों ही इलाके भूकंपीय क्षेत्र-IV में आते हैं, जिसका मतलब है कि भूकंप के लिहाज से ये बहुत ज्यादा जोखिम वाले क्षेत्र हैं। टेक्टोनिक रूप से सक्रिय हिमालय क्षेत्र में स्थित होने के कारण लेह और लद्दाख में अक्सर भूकंप आते रहते हैं।