Bihar Politics: ‘बिहार एनडीए के साथ, विपक्ष का मैनिफेस्टो आईवॉश’, रोहित सिंह का तेजस्वी पर हमला Bihar Politics: ‘बिहार एनडीए के साथ, विपक्ष का मैनिफेस्टो आईवॉश’, रोहित सिंह का तेजस्वी पर हमला Dharmendra Health: बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार धर्मेंद्र की तबीयत बिगड़ी, ब्रीच कैंडी अस्पताल में हुए भर्ती Dharmendra Health: बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार धर्मेंद्र की तबीयत बिगड़ी, ब्रीच कैंडी अस्पताल में हुए भर्ती Bihar Crime News: बिहार में चुनावी तैयारियों के बीच EOU का बड़ा एक्शन, तीन साइबर ठगों को दबोचा; 4 लाख कैश और भारी मात्रा में सीम कार्ड बरामद Bihar Crime News: बिहार में चुनावी तैयारियों के बीच EOU का बड़ा एक्शन, तीन साइबर ठगों को दबोचा; 4 लाख कैश और भारी मात्रा में सीम कार्ड बरामद Bihar Election 2025: 20 साल के शासनकाल के बाद भी बिहार पिछड़ा क्यों? VIP प्रमुख मुकेश सहनी ने पूछे सवाल Bihar Election 2025: 20 साल के शासनकाल के बाद भी बिहार पिछड़ा क्यों? VIP प्रमुख मुकेश सहनी ने पूछे सवाल Bihar Election 2025: प्रशांत किशोर ने मुजफ्फरपुर में किया भव्य रोड शो, पार्टी के उम्मीदवारों के लिए मांगा समर्थन Bihar Election 2025: प्रशांत किशोर ने मुजफ्फरपुर में किया भव्य रोड शो, पार्टी के उम्मीदवारों के लिए मांगा समर्थन
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 31 Oct 2025 01:53:00 PM IST
 
                    
                    
                    - फ़ोटो
PM Modi : बिहार के दरभंगा व्यवहार न्यायालय के प्रधान सत्र न्यायाधीश शिव गोपाल मिश्रा ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मां के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के मामले में आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी गई। सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र के एक आरोपी की नियमित जमानत और जाले थाना क्षेत्र के दूसरे आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका गुरुवार को अदालत द्वारा अस्वीकार कर दी गई। फिलहाल इस मामले में केवल एक आरोपी की गिरफ्तारी हो पाई है, जबकि मुख्य आरोपी अभी फरार है।
घटना 27 अगस्त 2025 को दरभंगा के अतरबेल चौक पर हुई थी। इस दिन लोकसभा प्रतिपक्षी नेता राहुल गांधी और बिहार विधानसभा प्रतिपक्षी नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन ने 'मत अधिकार यात्रा' का आयोजन किया था। इस यात्रा के दौरान मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे पूरे राज्य में आक्रोश फैल गया। भाजपा ने इस घटना को महागठबंधन की 'नफरत भरी राजनीति' बताते हुए कड़ी निंदा की।
भाजपा नेता की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए दरभंगा भाजपा जिला अध्यक्ष आदित्य नारायण चौधरी उर्फ मन्ना ने सिमरी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई। कांड संख्या 243/2024 के तहत मोहम्मद नौशाद और उनके सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ। पुलिस ने जांच के दौरान एक आरोपी को गिरफ्तार किया और 29 अगस्त 2025 को न्यायिक अभिरक्षा में मंडल कारा दरभंगा भेज दिया। मुख्य आरोपी नौशाद अभी फरार है, जबकि सह-आरोपी जेल में बंद है। प्राथमिकी में धारा 153ए, 504 और 505 आईपीसी के तहत आरोप लगाए गए हैं, जो सामाजिक विद्वेष फैलाने से जुड़े हैं।
लोक अभियोजक अमरेन्द्र नारायण झा ने दोनों जमानत याचिकाओं का कड़ा विरोध किया। उन्होंने अदालत को बताया कि आरोपियों ने सुनियोजित तरीके से समाज और देश में विद्वेष फैलाने का प्रयास किया। वीडियो साक्ष्य और गवाहों के बयानों के आधार पर पीपी ने तर्क दिया कि यह घटना महज व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं, बल्कि राजनीतिक साजिश का हिस्सा थी। कोर्ट ने इन तर्कों को स्वीकार करते हुए दोनों याचिकाएं खारिज कर दी। पीपी झा ने कहा, "समाज में शांति बनाए रखने के लिए संगीन अपराधों में किसी को भी जिला स्तर पर राहत नहीं मिलेगी।"
इस मामले के बारे में पीपी झा ने कहा कि 28 अगस्त 2025 को सिमरी थाना कांड संख्या 243/25 भाजपा के दरभंगा जिला अध्यक्ष आदित्य नारायण चौधरी ने दर्ज कराया था। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के कारण समाज में विद्वेष फैलने का प्रयास हुआ। सत्र न्यायाधीश शिव गोपाल मिश्रा ने अग्रिम और नियमित जमानत याचिका दोनों को गुरुवार को खारिज कर दिया।
फैसले का भाजपा ने स्वागत किया। जिला अध्यक्ष मन्ना ने इसे 'न्याय की जीत' बताया और कहा कि विपक्ष की नफरत भरी राजनीति अब बेनकाब हो रही है। वहीं, इंडिया गठबंधन के नेताओं ने फैसले को 'राजनीतिक प्रतिशोध' करार दिया। राहुल गांधी के कार्यालय से बयान जारी कर कहा गया कि यात्रा शांतिपूर्ण थी और अपशब्दों की निंदा की जाती है, लेकिन कोर्ट का फैसला जल्दबाजी में लिया गया लगता है। तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर पीएम मोदी से 'क्षेत्रीय मुद्दों पर ध्यान' देने की अपील की। इस मामले ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक तापमान और बढ़ा दिया है।
अदालत के फैसले के बाद आरोपी पक्ष उच्च न्यायालय में अपील करने की तैयारी कर रहा है। पीपी झा ने स्पष्ट किया कि जांच पूरी होने के बाद चार्जशीट दाखिल की जाएगी, जिसमें वीडियो और डिजिटल साक्ष्यों का इस्तेमाल होगा। मुख्य आरोपी नौशाद की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें सक्रिय हैं। कोर्ट ने पहले ही आरोपी का क्रिमिनल रिकॉर्ड मंगवाया है, जो अगली सुनवाई में निर्णायक साबित हो सकता है। यह मामला अब राज्य स्तर पर एक मिसाल बन सकता है, जहां सामाजिक सद्भाव के खिलाफ अपराधों पर सख्ती बरती जा रही है।
बहरहाल, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के जरिए विद्वेष फैलाना एक नई चुनौती है, जिसके खिलाफ सख्त कानूनों की जरूरत है। बिहार में पहले भी ऐसे मामले हुए हैं, लेकिन इस बार प्रधानमंत्री से जुड़े होने के कारण राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित हुआ। एनडीए सरकार ने इसे 'लोकतंत्र की रक्षा' का प्रतीक बताया, जबकि विपक्ष ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सवाल उठाए। यह फैसला न केवल कानूनी बल्कि सामाजिक स्तर पर भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह समाज में शांति और सामाजिक सद्भाव बनाए रखने के लिए कानून के सख्त अनुपालन का संदेश देता है।