1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 22 Oct 2025 12:01:31 PM IST
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Bihar Election: बिहार में विधानसभा चुनाव का माहौल तेज हो गया है और नेताओं के चुनावी वादों का शोर अब हर तरफ सुनाई देने लगा है। इस बार चुनावी मैदान में सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों ही दलों ने अपनी-अपनी रणनीतियां तेज कर दी हैं। विपक्ष के नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार जनता को अपने बड़े वादों से लुभाने में जुटे हैं। उन्होंने हर दिन यह दावा किया है कि उनकी सरकार बनने पर सरकारी नौकरी पाने की संभावनाओं में वृद्धि होगी और संविदा कर्मियों को स्थायी सरकारी कर्मचारी बनाने की प्रक्रिया को भी आगे बढ़ाया जाएगा।
लेकिन इस वादों के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने विपक्ष पर तीखे हमले शुरू कर दिए हैं। उन्होंने तेजस्वी यादव और उनके परिवार पर सीधा आरोप लगाया है कि आज जो लोग नौकरी और रोजगार के बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं, उन्हें यह याद रखना चाहिए कि उनके परिवार ने 15 साल पहले बिहार को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।
सम्राट चौधरी ने कहा कि यह वही लोग हैं जिन्होंने पहले कभी नहीं कहा था कि दो करोड़ 70 हजार लोगों को सरकारी नौकरी देंगे। लेकिन आज वही लोग सिर्फ वादों और घोषणा के जरिए जनता को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना है कि बिहार की जनता ने पिछले 15 साल में उनके परिवार द्वारा किए गए भ्रष्टाचार और लूट की पूरी तस्वीर देखी है। इस दौरान उनके परिवार ने राज्य के संसाधनों का गबन किया और विकास के नाम पर केवल भ्रष्ट गतिविधियों को बढ़ावा दिया।
सम्राट ने आगे कहा कि आज पूरा बिहार जानता है कि ये लोग सिर्फ गप मारने वाले हैं, केवल सपने दिखाने के लिए जनता के सामने आते हैं। उनका मुख्य उद्देश्य केवल सत्ता में आना और बिहार की जनता के अधिकारों और संसाधनों का लाभ उठाना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बिहार को लूटने और बर्बाद करने के लिए यह परिवार हमेशा ही जाना जाता रहा है।
चौधरी ने जनता को चेतावनी दी कि चुनाव से पहले केवल वादों में बहकने से बचें और उन नेताओं के पिछले रिकॉर्ड और कार्यों का मूल्यांकन करें। उनका कहना था कि जिन लोगों ने 15 साल तक राज्य की कमज़ोर आर्थिक और सामाजिक स्थिति को नजरअंदाज किया, वे आज रोजगार और विकास के नाम पर जनता को भ्रमित कर रहे हैं।
इस पूरे मामले में देखा जाए तो बिहार का चुनावी माहौल न केवल तेजस्वी यादव और उनके वादों के इर्द-गिर्द घूम रहा है, बल्कि विपक्ष और सत्तारूढ़ दल के हमलों और जवाबों के बीच भी जनता की नजरें बनी हुई हैं। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने साफ संदेश दे दिया है कि चुनाव में केवल वादों की नहीं, बल्कि कार्यों और अतीत के रिकॉर्ड की भी जनता पूरी तरह से समीक्षा करेगी।
बहरहाल, इस बार बिहार के मतदाता बड़े पैमाने पर यह सोचकर मतदान करेंगे कि कौन अपने वादों को धरातल पर उतार सकता है और कौन सिर्फ सत्ता हासिल करने के लिए लोगों को भ्रमित कर रहा है। राज्य के राजनीतिक माहौल में नौकरी और रोजगार का मुद्दा प्रमुख है, लेकिन इसके साथ ही पारिवारिक इतिहास और पिछले कार्यकाल की आलोचना भी चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकती है।