ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Crime News: बिहार में श्राद्ध का भोज नहीं खाने पर बड़े भाई ने फेंका तेजाब, छोटा भाई बुरी तरह झुलसा; हालत गंभीर Bihar Crime News: बिहार में श्राद्ध का भोज नहीं खाने पर बड़े भाई ने फेंका तेजाब, छोटा भाई बुरी तरह झुलसा; हालत गंभीर Bihar News: पटना एयरपोर्ट पर बड़ा हादसा, डिवाइडर से टकराई कार; मौके पर मचा हड़कंप Bihar News : बिहार में कॉन्सटेबल ने उठाया बड़ा खौफनाक कदम, अधिकारियों पर लगाया बड़ा आरोप Bihar Health Department : बिहार में दिवाली और छठ पर्व को लेकर स्वास्थ्य विभाग में हाई अलर्ट, 24 घंटे इमरजेंसी सेवाएं चालू; रद्द रहेगी इनकी छुट्टी Bihar Assembly Election 2025 : तेजस्वी यादव के खिलाफ बगावत पर उतरी RJD नेता ऋतू जायसवाल, फेसबुक पोस्ट कर बताई वजह; निकाली भड़ास Bihar Assembly Election 2025 : शाहाबाद को लेकर BJP ने बनाया यह मास्टर प्लान, चुनाव से पहले ही हुआ फ्री; जानिये वजह bihar chunav 2025 : गिरिराज सिंह ने मुसलमानों को ‘नमक हराम’ बताया, कहा- मौलबी साहब मुझे 'नमक हरामों' का वोट नहीं चाहिए,जानिए क्या है वजह Bihar News: बिहार में ऐसे पुलिस अधिकारियों और कर्मियों पर कार्रवाई की तैयारी, आदेश जारी.. Bihar Assembly Election 2025 : पार्टी से पहले परिवार.... ! बिहार चुनाव में अपने बेटा-बेटी,पत्नी और समधी-समधन को सेट करने में लगे हैं सभी दलों के नेता जी; समझिए पूरा हिसाब

Bihar Assembly Election 2025 : तेजस्वी यादव के खिलाफ बगावत पर उतरी RJD नेता ऋतू जायसवाल, फेसबुक पोस्ट कर बताई वजह; निकाली भड़ास

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राजद नेता रितु जायसवाल ने परिहार सीट से टिकट न मिलने पर नाराजगी जताई और स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की धमकी दी।

1st Bihar Published by: SAURABH KUMAR Updated Sun, 19 Oct 2025 10:22:55 AM IST

Bihar Assembly Election 2025 : तेजस्वी यादव के खिलाफ बगावत पर उतरी RJD नेता ऋतू जायसवाल, फेसबुक पोस्ट कर बताई वजह; निकाली भड़ास

- फ़ोटो

Bihar Assembly Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच राजद की तेजतर्रार महिला नेता रितु जायसवाल ने पार्टी से नाराजगी जाहिर की है। यह नाराजगी परिहार विधानसभा सीट से टिकट न मिलने के कारण सामने आई है। रितु जायसवाल ने फेसबुक के माध्यम से अपनी भावनाएं साझा करते हुए पार्टी के फैसले पर असंतोष जताया और साफ कर दिया कि अगर पार्टी ने उनका निर्णय नहीं बदला, तो वह परिहार से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगी।


रितु जायसवाल ने अपने पोस्ट में लिखा कि परिहार की मिट्टी, यहां के लोगों की खुशी, दुःख और संघर्ष उन्हें करीब से महसूस हैं। पिछले पांच वर्षों से वह क्षेत्र की समस्याओं और जनता की उम्मीदों के लिए काम करती आई हैं। उन्होंने बताया कि कल शाम जैसे ही चर्चा फैली कि उन्हें परिहार से टिकट नहीं दिया जाएगा और बेलसंड से चुनाव लड़ने की संभावना है, तो परिहार की जनता ने सोशल मीडिया और फोन के जरिए उनसे अपील की कि वे परिहार को छोड़ें नहीं।


रितु ने अपने पोस्ट में यह भी आरोप लगाया कि परिहार की वर्तमान स्थिति के लिए केवल भाजपा की विधायक गायत्री देवी ही जिम्मेदार नहीं हैं, बल्कि पूर्व विधायक डॉ. रामचंद्र पूर्वे भी उतने ही जिम्मेदार हैं। उन्होंने याद दिलाया कि पिछले विधानसभा चुनाव में डॉ. पूर्वे ने राजद के एमएलसी रहते हुए पार्टी से गद्दारी की थी, जिसके कारण रितु मामूली अंतर से हार गई थीं। अब डॉ. पूर्वे की बहू डॉ. स्मिता पूर्वे को परिहार से टिकट मिलने को उन्होंने इस गद्दारी का “पुरस्कार” बताया।


रितु ने यह स्पष्ट किया कि किसी अन्य सीट से चुनाव लड़ना उनकी आत्मा को स्वीकार नहीं है। उन्होंने पार्टी नेतृत्व को साफ तौर पर अवगत कराया कि यदि उनका निर्णय नहीं बदला गया तो वे परिहार से स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेंगी। रितु जायसवाल वर्षों से परिहार विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय रही हैं। वह लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से जनता से जुड़ी रहती हैं और यहां के लोगों की समस्याओं और अपेक्षाओं के प्रति संवेदनशील रहीं हैं।


परिहार विधानसभा सीट से राजद द्वारा डॉ. स्मिता पूर्वे को टिकट दिए जाने के बाद यह नाराजगी सामने आई है। इससे राजद के अंदर चुनावी रणनीति और टिकट वितरण को लेकर हलचल बढ़ गई है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि रितु जायसवाल के इस फैसले से पार्टी को काफी मुश्किलें सामने आ सकती हैं। रितु की लोकप्रियता और इलाके में उनकी सक्रियता को देखते हुए अगर वह स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ती हैं तो परिहार सीट पर मुकाबला कड़ा हो सकता है।


राजद के लिए यह चुनौती है कि वे रितु जायसवाल और डॉ. स्मिता पूर्वे के बीच संतुलन बनाए रखें। इस बीच सोशल मीडिया पर परिहार की जनता ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है और कई लोगों ने रितु के समर्थन में आवाज उठाई है। राजनीतिक माहौल में यह कदम चुनावी रणनीति और टिकट वितरण के मामलों में नई बहस को जन्म देगा।


इस घटना से यह भी साफ हो गया है कि बिहार विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण और क्षेत्रीय नेताओं की नाराजगी चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकती है। रितु जायसवाल का यह कदम पार्टी नेतृत्व के लिए चुनौतीपूर्ण साबित होगा। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि परिहार की जनता रितु जायसवाल से काफी जुड़ी हुई है, इसलिए अगर वह स्वतंत्र उम्मीदवार बनती हैं, तो इससे पार्टी को नुकसान हो सकता है।


राजद की रणनीति अब इस बात पर निर्भर करेगी कि वे रितु जायसवाल की नाराजगी को किस प्रकार शांत कर पाते हैं और टिकट वितरण में संतुलन कैसे बनाए रखते हैं। चुनावी हलचल के बीच यह मामला बिहार की राजनीति में ध्यान केंद्रित करने वाला बन गया है।