1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 21 Oct 2025 08:05:34 AM IST
बिहार चुनाव 2025 - फ़ोटो Google
बिहार चुनाव 2025: बिहार में 6 नवंबर को पहले चरण का मतदान होने जा रहा है और विधानसभा चुनाव 2025 का अंतिम अंतिम चरण पहुंच गया है। चुनाव से पहले विभिन्न राजनीतिक मठों के नेता अपने-अपने संप्रदाय को सक्रिय लेकर आते हैं और जंगी जंग जारी करते हैं। इसी क्रम में सेंट्रल मिनिस्टर और रिपब्लिक (आर) सुप्रीमो चिराग पासवान ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर तंज कसा है।
चिराग़ साओन का कहना है कि जिस तरह की नामांकित धाराशायी हो गई है, उसके लिए कई नामांकन पर जीत की संभावनाएँ बढ़ गई हैं। उन्होंने यह भी कहा कि युवा यादव एक गठबंधन को एकजुट नहीं रख सकते, तो बिहार को एकजुट कैसे किया जा सकता है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में कुल 243 सीटों पर मतदान होना है। पहले चरण में 18 नारियल के 121 विधानसभा क्षेत्र में वोट डाला जाएगा। राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, कट्टरपंथियों के बीच असंतोष को लेकर असंतोष और उहापोह की स्थिति बनी हुई है। कुछ घटक सिद्धांतों ने एक-दूसरे के खिलाफ कई उम्मीदवार दिए हैं, जिससे गठबंधन की नाजुक स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
चिराग पासवान ने कहा, "महागठबंधन के अंदर यह रैली और अन्य खिलाड़ी के लिए कई ऐसे अवसर पैदा हुए, जहां पहले हमारी जीत मुश्किल रही थी। अपने घटक गठबंधन को बरकरार नहीं रखा जा सकता था और 5-6 गठबंधन को एक साथ नहीं रखा जा सकता था, तो वह बिहार और बिहारियों को एक साथ कैसे रख सकते हैं।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि प्रोटोटाइप में जारी विवाद से कई झलकियां भी मिलती हैं, जिन पर कल्पित को वॉक ओवर मीटिंग की संभावना है।
वहीं, विधानसभा चुनाव में यह स्थिति अविनाशी पर खराब असर डाल सकती है। लालचियों की रणनीति में बढ़त और अपने समर्थकों की जीत को सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित है। इसके अलावा, बाकी को अपने आंतरिक अल्ट्रासाउंड को सेट करना होगा, नहीं तो वह कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर पीछे रह सकता है।
अविश्वासियों के बीच, जनता भी अपनी राय बनाने में सक्रिय हो रही है। लोग दिग्गज और खिलाड़ी दोनों के विकास के आश्चर्य, नेतृत्व की क्षमता और स्थानीय विद्या पर ध्यान दे रहे हैं। राज्य के विभिन्न विचारधाराओं में पुस्तकालयों की जागरूकता बढ़ रही है और सोशल मीडिया, मित्रताएं और प्रचार अभियान इस चुनाव में विभिन्न भूमिका निभा रहे हैं।
इस बार चुनाव में कई नई और पुरानी राजनीतिक चालें देखने को मिलेंगी। प्रशिक्षु और शिष्य दोनों ही गठबंधन अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी ताकत से जुड़े हुए हैं। चिराग़ असैन के बयान में कहा गया है कि एलायंस के कट्टरपंथियों को सार्वजनिक रूप से शामिल किया गया है और यह साफ़ कर दिया गया है कि एलायंस के कट्टरपंथियों का मज़ा लिया जा सकता है।
बिहार विधानसभा चुनाव न केवल राजनीतिक विचारधारा के लिए बल्कि राज्य की जनता के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा। यह चुनाव तय है कि अगली सरकार विकास, एकता और जनता के हितों के लिए कैसे काम करेगी। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को है और राजनीतिक संतों के दर्शन हर मत पर हैं ।