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Bihar Politics: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहुंचे BJP दफ्तर,40 सीनियर लीडर के साथ कैंडिडेट चयन को लेकर होगी बैठक

। बिहार आने के बाद वह पार्टी दफ्तर पहचें हैं। जहां वह पार्टी के सीनियर लीडर के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद रहेंगे। इस बैठक में पार्टी बिहार चुनाव को लेकर कैंडिडेट चयन पर बातचीत करेंगे

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 26 Sep 2025 05:55:47 PM IST

amit saah

amit saah - फ़ोटो FILE PHOTO

Bihar Politics: केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह आज एक बार फिर बिहार पहुंचें। बिहार आने के बाद वह पार्टी दफ्तर पहचें हैं। जहां वह पार्टी के सीनियर लीडर के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद रहेंगे।  इस बैठक में पार्टी बिहार चुनाव को लेकर कैंडिडेट चयन पर बातचीत करेंगे और इसके बाद लगभग यह तय हो जाएगा की भाजपा कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी और वहां उनके कैंडिडेट कौन होंगे।


जानकारी के मुताबिक, अमित शाह अब से कुछ देर बाद प्रदेश अध्यक्ष डाॅ दिलीप जायसवाल, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा के साथ 40 सीनियर लीडर के साथ बैठक करेंगे। इस दौरान पिछले दो दिनों के बैठक में जिला संगठन के तरफ से जो नाम आए हैं उनको लेकर विचार किए जाएंगे और उनमें से किसी एक नाम पर बाकी के 40 नेताओं से राय विचारी की जाएगी और उसके बाद जो नाम तय होंगे उसके आगे बढाए जाने की बात होगी। इसके साथ ही अभी तक भाजपा के तरफ से जो सर्वे करवाए गए हैं उसके रिपोर्ट के आधार पर भी लिस्ट के नाम पर चर्चा होगी।


सूत्रों के मुताबिक,अमित साह के आगमन से पहले भाजपा के संगठन महामंत्री को यह जानकारी दे दी गई थी। पिछले दो दिनों तक बैठक में जो बातें सामने आई है उसको बिंदुवार तरीके से सामने रखें और उस लिस्ट में जो नाम तय किए गए हैं उसे छोटा करके कुछ चुनिंदा कैंडिडेट का नाम तय करें। लंबी लिस्ट होने से चर्चा में अधिक समय लगता है ऐसे में संगठन महामंत्री यह तय कर लें की किस विधानसभा सीट पर सीटिंग विधायक के अलावा दूसरे कौन से नेता अच्छी पकड़ बनाए हुए हैं और क्या सीटिंग विधायक से अच्छी पकड़ उनकी है और यदि सीटिंग विधायक का टिकट काटा जाएगा तो उसका वाजिब कारण क्या होगा।  


अमित शाह ने नेताओं को यह स्पष्ट संदेश दिया कि भाजपा इस बार टिकट बंटवारे में किसी तरह का समझौता नहीं करेगी। केवल वे ही उम्मीदवार मैदान में उतरेंगे जिनकी जमीन पर पकड़ मजबूत होगी और जिनके पीछे कार्यकर्ताओं का समर्थन साफ तौर पर दिखाई देगा। शाह ने यह भी कहा कि किसी भी सीट पर जातीय समीकरणों और सामाजिक समीकरणों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाएगा। भाजपा चाहती है कि टिकट वितरण में सामंजस्य हो और इससे संगठन के भीतर कोई असंतोष न फैले।


बैठक का माहौल गंभीर और रणनीतिक रह सकता है। नेताओं ने अपनी-अपनी विधानसभा क्षेत्रों से जुड़े अनुभव और रिपोर्ट साझा करेंगे। चर्चा में यह भी सामने आया कि जिन सीटों पर भाजपा लंबे समय से कमजोर रही है, वहां नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है। वहीं जिन क्षेत्रों में सीटिंग विधायक ने बेहतर काम किया है, वहां उनकी दावेदारी को बरकरार रखा जाएगा।


इस बैठक के बाद भाजपा का उम्मीदवार चयन लगभग अंतिम चरण में पहुंच गया है। कुछ ही दिनों में आधिकारिक सूची जारी होने की संभावना है। अमित शाह का यह दौरा भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए उत्साह बढ़ाने वाला भी साबित हुआ है। शाह ने स्पष्ट कर दिया कि चुनाव सिर्फ सीट जीतने का नहीं, बल्कि बिहार में भाजपा की मजबूती और भविष्य की राजनीति तय करने का सवाल है।


इस तरह, अमित शाह की अगुवाई में भाजपा बिहार चुनाव के लिए अपनी सबसे बड़ी रणनीति पर काम कर रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि उम्मीदवारों की अंतिम सूची आने के बाद पार्टी के भीतर और बाहर किस तरह की प्रतिक्रिया सामने आती है।