काउंटिंग कराने वाले अधिकारियों को तेजस्वी ने दी चेतावनी, कहा..गड़बड़ी की तो मिलेगा करारा जवाब जमुई पुलिस कैंप में हादसा: पानी की टंकी गिरने से दो CRPF जवान घायल, अस्पताल में भर्ती पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह को मिली जमानत, आचार संहिता उल्लंघन मामले में बिक्रमगंज कोर्ट से मिली राहत साइबर थाने में केस दर्ज होने पर बोले सुनील सिंह, कहा..हमारी आवाज को कोई दबा नहीं सकता काउंटिंग से पहले तेजस्वी यादव ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग, महागठबंधन के तमाम नेता मौजूद श्रेयसी सिंह को जान से मारने की मिली धमकी, साइबर DSP से भाजपा प्रत्याशी ने की शिकायत Bihar Election 2025: 14 नवंबर को सुबह 8 बजे से शुरू होगी बिहार चुनाव की मतगणना, 4372 काउंटिंग टेबलों पर 5 करोड़ वोटों की गिनती Bihar Election 2025: 14 नवंबर को सुबह 8 बजे से शुरू होगी बिहार चुनाव की मतगणना, 4372 काउंटिंग टेबलों पर 5 करोड़ वोटों की गिनती दिल्ली ब्लास्ट अलर्ट के बीच बाबा बागेश्वर की पदयात्रा में घुसा संदिग्ध युवक, फर्जी पुलिस आईडी के साथ गिरफ्तार जमुई में मतगणना की तैयारियाँ पूरी: डीएम-एसपी ने की संयुक्त ब्रीफिंग, सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम
1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Sat, 20 Sep 2025 01:07:06 PM IST
प्रतिकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar Crime News: बिहार के नवादा में अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक फाइनेंशियल बैंक और अन्य वित्तीय कंपनियों के नाम पर सस्ते दर पर लोन दिलाने का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी करने वाले साइबर गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। वारिसलीगंज पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर एक सिविल इंजीनियर समेत सात साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में गिरोह का सरगना भी शामिल है।
घटना शुक्रवार शाम की है, जब वारिसलीगंज थानाध्यक्ष पंकज कुमार सैनी के नेतृत्व में गठित एसआईटी ने पैंगरी गांव स्थित एक घर में छापेमारी कर छह साइबर अपराधियों को रंगेहाथ पकड़ा। इसके बाद शुक्रवार सुबह सातवें आरोपी को गोड़ापर गांव से गिरफ्तार किया गया।
मुख्यालय डीएसपी निशु मल्लिक ने प्रेस वार्ता में बताया कि आरोपियों के पास से 10 मोबाइल फोन, चार पेज की कस्टमर डेटा शीट, फर्जी लोन अप्रूवल लेटर, बैंक ट्रांजैक्शन के स्क्रीनशॉट और ग्राहकों से की गई चैटिंग के साक्ष्य बरामद किए गए हैं। बरामद सिम कार्डों में से चार सिम फर्जी पाए गए, जिनमें से दो महाराष्ट्र, एक-एक पश्चिम बंगाल और ओडिशा के उपभोक्ताओं के नाम पर जारी थे।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान गिरीश प्रसाद (पैंगरी, वारिसलीगंज), राजेश कुमार, अनिश कुमार, मनीष कुमार उर्फ मन्नु, मनीष कुमार (पैंगरी, वारिसलीगंज), विक्रम कुमार (गोड़ापर, वारिसलीगंज) और विमलेश कुमार (नागडीह, बरबीघा, शेखपुरा) के रूप में हुई है।
आरोपियों ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि वे खुद को बैंक प्रतिनिधि बताकर लोगों को कॉल करते थे और उन्हें कम ब्याज पर लोन दिलाने का झांसा देते थे। इसके लिए सोशल मीडिया और अन्य मार्केटिंग प्लेटफॉर्म से उपभोक्ताओं का डेटा एकत्र किया जाता था। उपभोक्ताओं से आधार कार्ड, पैन कार्ड, ईमेल आईडी, फोटो व बैंक डिटेल मंगवाई जाती थी और फर्जी लोन अप्रूवल लेटर भेजे जाते थे। इसके बाद प्रोसेसिंग फीस या अन्य चार्ज के नाम पर विभिन्न बैंक खातों में रुपये ट्रांसफर कराए जाते थे।
पुलिस ने मामले में साइबर अपराध और धोखाधड़ी की धाराओं के तहत दो प्राथमिकी वारिसलीगंज थाना में दर्ज की हैं। अब तक कुल 14 आरोपियों में से 7 गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जबकि बाकी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी अनजान कॉल या लिंक पर भरोसा न करें। यदि कोई व्यक्ति खुद को बैंक अधिकारी बताकर दस्तावेज मांगता है तो पहले स्थानीय थाने या बैंक से पुष्टि करें।