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रीतलाल से जेल में मिलना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है, भागलपुर के टी-सेल में तीन लेयर सुरक्षा में कैद

रीतलाल यादव को उच्च-स्तरीय सुरक्षा वाले "टी-सेल" में रखा गया है, जहां आमतौर पर खूंखार नक्सली, आतंकी और उच्च जोखिम वाले राजनीतिक बंदियों को रखा जाता है। यह सुरक्षा व्यवस्था तीन लेयर में विभाजित की गई है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 06 May 2025 02:58:33 PM IST

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तीन स्तरीय सुरक्षा में रीतलाल - फ़ोटो google

BHAGALPUR: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से दानापुर विधायक रीतलाल यादव से अब जेल में मुलाकात बेहद कठिन हो गई है। पटना के बिल्डर से रंगदारी मांगने के मामले में आरोपित और न्यायिक हिरासत में बंद रीतलाल यादव को पिछले दिनों पटना के बेऊर जेल से भागलपुर की विशेष केंद्रीय कारा में भेजा गया था। जहां कड़ी सुरक्षा के बीच रीतलाल को रखा गया है। जेल प्रशासन ने उनके साथ किसी भी प्रकार की मुलाकात को लेकर सख्त नियम लागू कर दिए हैं। यहां तक कि उनके परिजनों को भी अब आसानी से मुलाकात की इजाजत नहीं मिलेगी।


तीन स्तरीय सुरक्षा में रीतलाल

भागलपुर जेल प्रशासन के मुताबिक, रीतलाल यादव को उच्च-स्तरीय सुरक्षा वाले "टी-सेल" में रखा गया है, जहां आमतौर पर खूंखार नक्सली, आतंकी और उच्च जोखिम वाले राजनीतिक बंदियों को रखा जाता है। यह सुरक्षा व्यवस्था तीन लेयर में विभाजित की गई है। जेल परिसर में डोर फ्रेम, हैंड मेटल डिटेक्टर, स्कैनर और बीएमपी जवानों की तैनाती की गई है। जेल में आने जाने वाले सभी लोगों की सघन तलाशी ली जा रही है।यहां तक कि जेलकर्मियों को भी इस हिस्से में जाने से पहले विशेष अनुमति और उपस्थिति दर्ज करानी पड़ती है।


मुलाकात के लिए नई व्यवस्था

अब कोई भी व्यक्ति सीधे रीतलाल यादव से जेल में जाकर मुलाकात नहीं कर सकता। इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है जिसमें आधार कार्ड का सत्यापन ज़रूरी है। मुलाकात की स्वीकृति मिलने में कम से कम एक सप्ताह का समय लग सकता है। साथ ही, मिलने वालों को न केवल अपनी पहचान, बल्कि रीतलाल यादव से संबंध का स्पष्ट विवरण देना होगा। हर मुलाकात सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में होगी और मुलाकातियों को कड़ी तलाशी से गुजरना होगा।


रंगदारी के आरोप में रीतलाल की गिरफ्तारी

गौरतलब है कि राजद विधायक रीतलाल यादव पर पटना के एक बिल्डर से रंगदारी मांगने का गंभीर आरोप है। पटना पुलिस की दबिश के बाद रीतलाल यादव ने 17 अप्रैल 2025 को पटना व्यवहार न्यायालय में  आत्मसमर्पण कर दिया था। जिसके बाद उन्हें बेऊर जेल में रखा गया था। लेकिन बेऊर जेल में उनकी उपस्थिति से कानून-व्यवस्था प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही थी। इस स्थिति को देखते हुए पटना डीएम और एसएसपी ने भागलपुर जेल भेजने की बात कही थी। 


डीएम और एसएसपी की सिफारिश पर जेल आईजी प्रणव कुमार के आदेश के बाद 1 मई 2025 को उन्हें भागलपुर की विशेष केंद्रीय कारा में स्थानांतरित कर दिया गया। राजद विधायक रीतलाल यादव अब एक अत्यधिक संरक्षित बंदी हैं, जिनसे जेल में मुलाकात करना न केवल कठिन, बल्कि लगभग असंभव हो गया है। जेल प्रशासन की यह सख्ती कानून-व्यवस्था बनाए रखने और संभावित जोखिमों को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया कदम है।