Bihar News: मंत्री संजय सरावगी ने मुजफ्फरपुर में की समीक्षा बैठक, अधिकारियों को दिए जरूरी निर्देश Bihar News: मंत्री संजय सरावगी ने मुजफ्फरपुर में की समीक्षा बैठक, अधिकारियों को दिए जरूरी निर्देश Bengaluru Stampede: विराट कोहली के खिलाफ थाने में शिकायत, बेंगलुरू हादसे को लेकर FIR दर्ज करने की मांग Bengaluru Stampede: विराट कोहली के खिलाफ थाने में शिकायत, बेंगलुरू हादसे को लेकर FIR दर्ज करने की मांग Buxar News: अजय सिंह के नेतृत्व में भारत प्लस इथेनॉल प्लांट की बड़ी उपलब्धि, सफलतापूर्वक विकसित किया CO2 स्टोरेज सिस्टम Buxar News: अजय सिंह के नेतृत्व में भारत प्लस इथेनॉल प्लांट की बड़ी उपलब्धि, सफलतापूर्वक विकसित किया CO2 स्टोरेज सिस्टम Bihar News: बिहार में सबसे सस्ता गोल्ड रेट और मेकिंग चार्ज लेकर आया श्री हरी ज्वेलर्स, मौका कहीं छूट न जाए Bihar News: बिहार में सबसे सस्ता गोल्ड रेट और मेकिंग चार्ज लेकर आया श्री हरी ज्वेलर्स, मौका कहीं छूट न जाए Patna News: पटना में यहां मिल रहा खादी के कपड़ों पर आकर्षक डिस्काउंट, खरीदने के लिए उमड़ रही भारी भीड़ Patna News: पटना में यहां मिल रहा खादी के कपड़ों पर आकर्षक डिस्काउंट, खरीदने के लिए उमड़ रही भारी भीड़
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 20 Apr 2025 10:28:30 AM IST
प्रतीकात्मक तस्वीर - फ़ोटो Google
Highway steel theft: जहानाबाद जिले में भारत सरकार की महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना के तहत आमस (गया) से दरभंगा तक बन रहे एक्सप्रेस वे निर्माण कार्य में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। यह परियोजना जहानाबाद से भी होकर गुजरती है और इसी दौरान ओकरी थाना क्षेत्र से छड़ की चोरी का मामला सामने आया है, जिसमें पुलिस की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, निर्माण कार्य में लगे प्लांट से चोरी हुए छड़ों की शिकायत परियोजना अधिकारियों ने ओकरी थाने को लिखित रूप में दी थी। कार्रवाई करते हुए थाना पुलिस ने शाइस्ताबाद पंचायत के लक्षणबीघा गांव में छापेमारी की और वहां से बड़ी मात्रा में चोरी किया गया छड़ बरामद किया। इस मामले में गांव के दो युवकों को हिरासत में लिया गया था। लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि स्थानीय सफेदपोश नेताओं के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने दोनों युवकों को चुपचाप छोड़ दिया।
परियोजना अधिकारी सोनू सिंह ने बताया कि जिनके घर से चोरी का माल मिला, उन्हें छोड़ देना और बरामद छड़ों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट कर कुएं में फेंक देना, यह साफ दर्शाता है कि पुलिस और चोरों की मिलीभगत है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस छड़ की चोरी हुई है, वह आम बाजार में उपलब्ध नहीं होती और केवल बड़े-बड़े सरकारी प्रोजेक्ट्स में ही सप्लाई होती है। स्थानीय ग्रामीणों का भी कहना है कि छड़ों को पुलिस की मौजूदगी में ही कुएं में डलवाया गया, ताकि सबूत मिटाया जा सके।
इस पूरे प्रकरण पर घोषी अनुमंडल के पुलिस पदाधिकारी संजीव कुमार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए मैंने ओकरी थाना प्रभारी को जांच के आदेश दिए हैं। जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी।यह घटना न केवल स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती है, बल्कि पुलिस और नेताओं के गठजोड़ की भी पोल खोलती है। अब देखना यह होगा कि इस मामले में निष्पक्ष जांच होती है या फिर यह भी सिस्टम की चुप्पी में दबा दिया जाएगा।