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शेयर बाजार में गिरावट की बयार: 28 साल पुराना रिकॉर्ड टूटने की कगार पर

देश के लाखों निवेशकों के लिए इन दिनों शेयर बाजार की स्थिति निराशाजनक बनी हुई है। निफ्टी और सेंसेक्स जैसे प्रमुख इंडेक्सों में जबरदस्त गिरावट ने निवेशकों को चिंता में डाल दिया है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 27 Feb 2025 03:58:12 PM IST

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Share market - फ़ोटो Social Media

पिछले पांच महीनों से बाजार लगातार गिरावट के रुझान में है, और अब निफ्टी एक ऐसा रिकॉर्ड तोड़ने के करीब है जो पिछले 28 सालों में कभी नहीं हुआ। यह वही निफ्टी है, जो 1996 के बाद से लगातार पांच महीने तक गिरावट की चपेट में नहीं आया था। लेकिन अब यह गिरावट एक नई ऊंचाई छूने की तैयारी में है, जो निवेशकों के लिए चिंता का विषय बन चुका है।

फरवरी 2025 अब तक निफ्टी में लगभग 4% की गिरावट दर्ज की जा चुकी है। अगर इस महीने के अंत तक बाजार में कोई बड़ी रिकवरी नहीं आती, तो निफ्टी 1996 के बाद पहली बार पांच महीनों तक लगातार गिरावट का सामना करेगा। अब तक की गिरावट निफ्टी में कुल 14% तक पहुंच चुकी है, जो कोविड-19 महामारी के बाद आई तेजी के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है। इस गिरावट के चलते निवेशकों के पोर्टफोलियो में भी भारी नुकसान देखने को मिल रहा है। मिडकैप इंडेक्स 18.5% और स्मॉलकैप इंडेक्स 22% नीचे गिर चुका है। सरकारी कंपनियों के शेयरों (PSU) में भी 29% की गिरावट आई है, जबकि रियल एस्टेट और PSU बैंक इंडेक्स में भी 27-29% की कमी आई है।

कंपनियों के तिमाही नतीजों में निराशा, विदेशी निवेशकों की बिकवाली, और आर्थिक अनिश्चितताएं इस गिरावट के प्रमुख कारण हैं। पिछले पांच महीनों में निफ्टी के गिरने की गति ने निवेशकों का मनोबल गिरा दिया है। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के एनालिस्ट्स ने अपनी रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि आने वाले महीनों में बाजार में तेजी से कोई बदलाव नहीं होने की संभावना है। हालांकि, इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि दीर्घकालिक निवेश के लिहाज से रिटर्न स्थिर बने रहने की उम्मीद जताई गई है।

अगर हम निफ्टी के इतिहास पर नज़र डालें, तो 1990 के बाद से यह दूसरा मौका है, जब निफ्टी लगातार पांच या उससे अधिक महीनों तक गिरावट के शिकार हुआ है। सबसे लंबी गिरावट सितंबर 1994 से अप्रैल 1995 के बीच रही, जब निफ्टी 31.4% गिर गया था। हालांकि, मौजूदा गिरावट पिछले समय की तुलना में कम है, फिर भी निवेशकों के लिए यह एक चेतावनी है।

बाजार की इस गिरावट के पीछे कई कारण हैं। कंपनियों के तिमाही नतीजों ने निवेशकों का विश्वास डगमगाया है। दूसरी ओर, विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली ने बाजार में अस्थिरता पैदा की है। इसके अलावा, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं और घरेलू वित्तीय परेशानियां भी बाजार में गिरावट की वजह बन रही हैं।

फिलहाल, बाजार में सुधार की उम्मीदें कम नजर आ रही हैं। हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले महीनों में बाजार में कोई बड़ा सुधार देखने को नहीं मिलेगा। निफ्टी और सेंसेक्स दोनों ही 8 महीने के निचले स्तरों पर पहुँच चुके हैं। निफ्टी में अब तक 13.8% और सेंसेक्स में 12.98% की गिरावट आ चुकी है, जो कि 2024 के सितंबर महीने के उच्चतम स्तर से काफी नीचे हैं।