Bihar News: बिहार प्रशासनिक सेवा के इस अफसर के खिलाफ होगा एक्शन ! भू-अर्जन से जुड़ा है मामला.... Bihar Island: थाईलैंड को टक्कर देता है बिहार का यह अनोखा आइलैंड, यहां घूमने आते हैं देश-विदेश के पर्यटक Cricket: क्लीन बोल्ड करने के मामले में यह भारतीय गेंदबाज सबसे आगे, कुंबले और कपिल देव को भी पछाड़ा Illegal Immigrants: रोहिंग्या और बांग्लादेशियों पर और सख्त हुई सरकार, अब यहां बनाए गए 4 डिटेंशन सेंटर INDvsENG: ICC के इस नियम से गुस्सा हुए इंग्लैंड के कप्तान, कहा "इन्हें कॉमन सेंस की जरुरत" Bihar Flood Alert: बिहार के कई जिलों में बाढ़ का खतरा, खोले गए फरक्का बराज के सारे गेट Bihar Crime News: बिहार में सरपंच की गोली मारकर हत्या, पुलिस छापेमारी में जुटी Bihar Weather: बिहार में अगले 7 दिन बारिश का तांडव, इन जिलों के लोगों को बरतनी होगी विशेष सावधानी बगहा में खाद की किल्लत से नाराज़ किसानों ने NH-727 पर किया चक्का जाम, प्रशासन से मांगा समस्या का समाधान बिहार में अपराधी बेलगाम: सारण में दिनदहाड़े 7 लाख की लूट, पेट्रोल पंप कर्मी को बनाया निशाना
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 09 Jan 2025 08:11:22 AM IST
Bihar Teacher News - फ़ोटो file photo
Bihar Teacher News : सूबे के शिक्षकों के लिए यह काफी काम की खबर है। अब विश्वविद्यालय और कॉलेज के शिक्षक छुट्टी को अपने अधिकार के रूप में दावा नहीं कर पाएंगे। बल्कि जब सेवा की अनिवार्यता होगी तो सक्षम प्राधिकारी के पास किसी भी प्रकार की छुट्टी को अस्वीकार करने या रद्द करने का अधिकार होगा। हालांकि, शिक्षक को अनुशासनात्मक कारणों को छोड़कर छुट्टी पर जाने से रोका नहीं जाएगा।
वहीं, विशेष रूप से बार-बार मेडिकल लीव के नाम पर छुट्टी लेने वाले शिक्षकों पर सख्ती की जाएगी। यदि कोई शिक्षक बार-बार बीमारी का हवाला देकर छुट्टी लेता है, तो उसे मेडिकल जांच के लिए अधिकृत चिकित्सा प्राधिकारी के पास भेजा जाएगा। इसके आधार पर यह तय होगा कि शिक्षक को आराम की आवश्यकता है या वह ड्यूटी के लिए फिट है।
इसके साथ ही साथ चिकित्सा आधार पर छुट्टी के लिए पंजीकृत चिकित्सा अधिकारी का मेडिकल सर्टिफिकेट अनिवार्य होगा। सर्टिफिकेट में बीमारी का विवरण और संभावित अवधि का उल्लेख जरूरी होगा। यह सर्टिफिकेट केवल एमबीबीएस या इसके समकक्ष योग्यता वाले डॉक्टर द्वारा जारी किया जाना चाहिए। चिकित्सा आधार पर छुट्टी पूरी करने के बाद शिक्षक को अपनी फिटनेस का प्रमाणपत्र जमा करना होगा। यदि शिक्षक स्वीकृत अवकाश के बाद तय समय पर ड्यूटी पर नहीं लौटता, तो इसे "ओवरस्टे" माना जाएगा। इस स्थिति में छुट्टी वेतन अस्वीकार किया जा सकता है और इसे कदाचार माना जाएगा, जब तक कि सक्षम प्राधिकारी इसे माफ न करे दें।
वहीं, नए दिशा-निर्देशों के अनुसार शिक्षकों को छुट्टी केवल उनके अनुरोध पर दी जाएगी। सक्षम प्राधिकारी शिक्षक की सहमति के बिना भी छुट्टी को मंजूर कर सकता है लेकिन छुट्टी की प्रकृति में बदलाव नहीं करेगा। छुट्टी के दौरान शिक्षक किसी अन्य रोजगार, व्यापार, या व्यवसाय में शामिल नहीं हो सकता, चाहे वह पूर्णकालिक हो या अंशकालिक। हालांकि, आकस्मिक प्रकृति की सार्वजनिक सेवा या विशेष परिस्थितियों में यह छूट दी गई है।
आपको बताते चलें कि, यूजीसी ने यूजीसी रेगुलेशन 2025 के मसौदे में पहली बार छुट्टी से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत शिक्षकों के लिए पांच सामान्य कर्तव्यों का निर्धारण भी किया गया है। यूजीसी के इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य शिक्षकों की छुट्टी से संबंधित प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना और अनियमितताओं पर अंकुश लगाना है। शिक्षक अब इन नियमों में बंधे होंगे औऱ मनमने ढंग से छुट्टी नहीं ले सकेंगे।