पाटलिपुत्र और बलिया के बीच चलाई जाएगी एक पैसेंजर स्पेशल ट्रेन, यात्रियों की सुविधा को लेकर इस दिन से चलेगी ट्रेन यात्रीगण कृपया ध्यान दें: गोरखपुर-गोण्डा रेलखंड पर चल रहे काम को लेकर 2 ट्रेनों के परिचालन में किया गया बदलाव 53वीं सीनियर महिला नेशनल हैंडबॉल चैंपियनशिप का समापन, पंजाब ने जीता खिताब उपविजेता बना दिल्ली, बिहार-हरियाणा को मिला कांस्य पदक तालाब में किसने डाला जहर?.. 7 लाख की मछलियां तड़प-तड़प कर मरीं लव मैरिज करने के बाद चोर बन गया यूट्यूबर, 10 लाख कैश के साथ गिरफ्तार Accident News : तेज रफ़्तार का कहर ! कोचिंग से लौट रहे युवक की सड़क हादसे में मौत, परिजनों में मातम का माहौल 3 साल की बेटी को साथ लेकर बचपन के प्यार संग भागी महिला, 9 साल पहले दिल्ली के लड़के से हुई थी शादी, शराबी पति की करतूत से थी परेशान bihar news : ठंड से बचने के लिए आग जलाकर रखा था बुजुर्ग, अब जलने से हुई मौत Bihar Politics: सामने आई सुबह -सुबह CM नीतीश और राज्यपाल के मुलाकात की वजह, गवर्नर हाउस से हो गया बड़ा एलान makar sankranti : मकर संक्राति पर बेटी के मिठाई बना रही मां समेत 8 लोग झुलसी, सिलेंडर लीकेज होने से लगी आग
09-Jan-2025 08:11 AM
By
Bihar Teacher News : सूबे के शिक्षकों के लिए यह काफी काम की खबर है। अब विश्वविद्यालय और कॉलेज के शिक्षक छुट्टी को अपने अधिकार के रूप में दावा नहीं कर पाएंगे। बल्कि जब सेवा की अनिवार्यता होगी तो सक्षम प्राधिकारी के पास किसी भी प्रकार की छुट्टी को अस्वीकार करने या रद्द करने का अधिकार होगा। हालांकि, शिक्षक को अनुशासनात्मक कारणों को छोड़कर छुट्टी पर जाने से रोका नहीं जाएगा।
वहीं, विशेष रूप से बार-बार मेडिकल लीव के नाम पर छुट्टी लेने वाले शिक्षकों पर सख्ती की जाएगी। यदि कोई शिक्षक बार-बार बीमारी का हवाला देकर छुट्टी लेता है, तो उसे मेडिकल जांच के लिए अधिकृत चिकित्सा प्राधिकारी के पास भेजा जाएगा। इसके आधार पर यह तय होगा कि शिक्षक को आराम की आवश्यकता है या वह ड्यूटी के लिए फिट है।
इसके साथ ही साथ चिकित्सा आधार पर छुट्टी के लिए पंजीकृत चिकित्सा अधिकारी का मेडिकल सर्टिफिकेट अनिवार्य होगा। सर्टिफिकेट में बीमारी का विवरण और संभावित अवधि का उल्लेख जरूरी होगा। यह सर्टिफिकेट केवल एमबीबीएस या इसके समकक्ष योग्यता वाले डॉक्टर द्वारा जारी किया जाना चाहिए। चिकित्सा आधार पर छुट्टी पूरी करने के बाद शिक्षक को अपनी फिटनेस का प्रमाणपत्र जमा करना होगा। यदि शिक्षक स्वीकृत अवकाश के बाद तय समय पर ड्यूटी पर नहीं लौटता, तो इसे "ओवरस्टे" माना जाएगा। इस स्थिति में छुट्टी वेतन अस्वीकार किया जा सकता है और इसे कदाचार माना जाएगा, जब तक कि सक्षम प्राधिकारी इसे माफ न करे दें।
वहीं, नए दिशा-निर्देशों के अनुसार शिक्षकों को छुट्टी केवल उनके अनुरोध पर दी जाएगी। सक्षम प्राधिकारी शिक्षक की सहमति के बिना भी छुट्टी को मंजूर कर सकता है लेकिन छुट्टी की प्रकृति में बदलाव नहीं करेगा। छुट्टी के दौरान शिक्षक किसी अन्य रोजगार, व्यापार, या व्यवसाय में शामिल नहीं हो सकता, चाहे वह पूर्णकालिक हो या अंशकालिक। हालांकि, आकस्मिक प्रकृति की सार्वजनिक सेवा या विशेष परिस्थितियों में यह छूट दी गई है।
आपको बताते चलें कि, यूजीसी ने यूजीसी रेगुलेशन 2025 के मसौदे में पहली बार छुट्टी से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत शिक्षकों के लिए पांच सामान्य कर्तव्यों का निर्धारण भी किया गया है। यूजीसी के इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य शिक्षकों की छुट्टी से संबंधित प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना और अनियमितताओं पर अंकुश लगाना है। शिक्षक अब इन नियमों में बंधे होंगे औऱ मनमने ढंग से छुट्टी नहीं ले सकेंगे।