1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 15 Dec 2025 08:04:12 PM IST
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PATNA: भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की कार्रवाई में सफलता मिली है। वर्ष 2025 के रिश्वत मांगने के सबसे बड़े मामले में न्यायालय द्वारा आरसीडी के भ्रष्ट कार्यपालक अभियंता को दोषी करार दिया गया। उन्हें 4 साल की सजा सुनाई गयी है। साथ ही एक लाख का जुर्माना भी लगाया गया है।
15.12.2025 को श्री मो० रूस्तम, माननीय न्यायाधीश, निगरानी, पटना द्वारा अभियुक्त 1. श्री सुरेश प्रसाद सिंह, सम्प्रति कार्यपालक अभियंता, पश्चिम पथ प्रमंडल, पथ निर्माण विभाग, जिला-पटना को धारा 7 (a) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 एवं 2. श्री शशि भूषण कुमार, लेखा लिपिक-सह-कैशियर, कार्यपालक अभियंता, पथ प्रमंडल विभाग कार्यालय, पटना पश्चिमी, जिला-पटना को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 एवं 12 के तहत निगरानी थाना कांड संख्या-23/2019 (विशेष वाद सं-23/2019) में दोषी ठहराया गया।
यह मामला 1. श्री सुरेश प्रसाद सिंह, सम्प्रति कार्यपालक अभियंता, पश्चिम पथ प्रमंडल, पथ निर्माण विभाग, जिला-पटना एवं 2. श्री शशि भूषण कुमार, लेखा लिपिक-सह-कैशियर, कार्यपालक अभियंता, पथ प्रमंडल विभाग कार्यालय, पटना पश्चिमी, जिला-पटना द्वारा शिकायतकर्ता श्री अखिलेश कुमार जायसवाल की कम्पनी साज इन्फ्राकॉन प्रोजेक्ट इन्डिया लिमिटेड को विक्रम भाया गोनमा मोड़ से अम्हारा तक करीब 40 करोड़ के रोड निर्माण के आवंटित कार्य के 3 करोड़ रूपये का Secured advance के लिये श्री सुरेश प्रसाद सिंह, कार्यपालक अभियंता द्वारा 32 लाख रूपये रिश्वत माँगने का आरोप लगाया गया।
दिनांक-08.06.2019 को करीब 10:05 बजे आरोपी श्री सुरेश प्रसाद सिंह, कार्यपालक अभियंता अपने पटेल नगर स्थित आवास पर परिवादी से 14 लाख रूपये रिश्वत लेते समय ही निगरानी धावादल द्वारा आरोपी श्री सुरेश प्रसाद सिंह एवं श्री शशि भूषण कुमार को 14,00,000/- (चौदह लाख) रूपया रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया गया।
इस मामले में तत्कालीन अनुसंधानकर्ता पुलिस उपाधीक्षक, श्री इम्जियाज अहमद, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, बिहार, पटना द्वारा सटीक और समय पर आरोप-पत्र दायर किया। बिहार सरकार की ओर से श्री किशोर कुमार सिंह, प्रभारी विशेष लोक अभियोजक निगरानी, पटना ने प्रभावी तरीके से पैरवी की और आरोपी को दोष सिद्ध कराने में सफलता हासिल की।
1. श्री सुरेश प्रसाद सिंह, सम्प्रति कार्यपालक अभियंता, पश्चिम पथ प्रमंडल, पथ निर्माण विभाग, जिला-पटना को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा-7 (a) में 04 वर्ष सश्रम कारावास एवं 5,00,000/- (पाँच लाख) रूपये का अर्थदण्ड लगाया गया है एवं
2. श्री शशि भूषण कुमार, लेखा लिपिक-सह-कैशियर, कार्यपालक अभियंता, पथ प्रमंडल विभाग कार्यालय, पटना पश्चिमी, जिला-पटना को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा-7 में 04 वर्ष सश्रम कारावास एवं 2,00,000/- (दो लाख) रूपये का अर्थदण्ड लगाया गया है। इसके अतिरिक्त श्री शशि भूषण कुमार, लेखा लिपिक-सह-कैशियर, कार्यपालक अभियंता, पथ प्रमंडल विभाग कार्यालय, पटना पश्चिमी, जिला-पटना को धारा-12 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भी 03 वर्ष सश्रम कारावास एवं 1,00,०००/- (एक लाख) रूपये का अर्थदण्ड लगाया गया है। अर्थदण्ड की राशि जमा नहीं करने पर एक महीने का साधारण कारावास होगा। दोनों सजा साथ-साथ चलेगी।
माननीय विशेष न्यायालय द्वारा दोनों अभियुक्तों को दोषसिद्ध होने के पश्चात् न्यायिक अभिरक्षा में आदर्श केन्द्रीय कारा बेऊर, पटना भेज दिया गया है। (2) उल्लेखनीय है कि इसी दौरान कार्यपालक अभियंता के आवास से 2 करोड़ 36 लाख 23 हजार नगद, कई बैंक के पासबुक, चेक बुक, जीवन बीमा दस्तावेज, जमीन में निवेश से संबंधित दस्तावेज भी बरामद हुए। जिसकी निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा जांचोपरांत आय से अधिक संपत्ति से संबंधित निगरानी थाना कांड संख्या 26/19 दिनांक 21.06.2019 दर्ज की गई। जिसमें अनुसंधानोपरांत आरोप पत्र संख्या 19/22 दिनांक 13.09.2022 समर्पित किया गया है। उक्त आय से अधिक संपत्ति के जब्त करने संबंधी राज्यसात की कार्यवाही भी ब्यूरो द्वारा प्रारंभ कर दी गयी है।
(3) अब तक वर्ष 2025 में कुल 29 भ्रष्टाचार के विभिन्न मामलों में न्यायालय द्वारा सजा सुनायी जा चुकी है। जिसमें 28 मामलों में दोषसिद्ध की कार्रवाई श्री मो० रूस्तम, माननीय न्यायाधीश, निगरानी के न्यायालय पटना द्वारा की गई है। पिछले वर्ष 2024 में कुल 18 मामलों में सजा सुनायी गयी थी। इस प्रकार इस वर्ष न्यायालयों द्वारा अधिक मामलों में सजा सुनाये जाने की कार्यवाही की गयी है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा अभियोजन की कार्यवाही लगातार जारी है। श्री किशोर कुमार सिंह, विशेष लोक अभियोजक, प्रभारी निगरानी (ट्रैप कैसेज) पटना द्वारा वर्ष 2025 में अभी तक कुल 17 वादों में अभियुक्तों को दोषसिद्ध कराया गया है।


