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Political Posters on Vehicles: पटना में वाहनों पर पोस्टर-स्टीकर लगाने पर होगी कड़ी कार्रवाई, पकड़े जाने पर लगेगा भारी जुर्माना

Political Posters on Vehicles: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच राजनीतिक दलों के समर्थक अपने वाहनों पर पार्टी के पोस्टर, स्टीकर और झंडे लगाने में जुटे हैं, जिससे चुनावी प्रचार का नया रूप देखने को मिल रहा है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 13 Jul 2025 08:20:34 AM IST

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बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE

Political Posters on Vehicles: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच राजनीतिक दलों के समर्थक अपने वाहनों पर पार्टी के पोस्टर, स्टीकर और झंडे लगाने में जुटे हैं, जिससे चुनावी प्रचार का नया रूप देखने को मिल रहा है। जन सुराज, राजद, जदयू, भाजपा, कांग्रेस सहित कई प्रमुख दलों के कार्यकर्ता निजी और लग्जरी वाहनों के शीशों, नंबर प्लेटों और गाड़ियों पर प्रचार सामग्री लगाकर अपने दल की पैठ बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। 


कई दल अपने कार्यकर्ताओं को इसके लिए आर्थिक प्रोत्साहन भी दे रहे हैं, जिससे यह प्रक्रिया तेजी से बढ़ रही है। हालांकि, परिवहन विभाग और यातायात पुलिस ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि बिना अनुमति के वाहनों पर इस तरह की सामग्री लगाना मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत गैरकानूनी है और इसके लिए भारी जुर्माना एवं वाहन जब्ती की कार्रवाई हो सकती है।


चुनाव के नजदीक आते ही राजनीतिक दल प्रचार के लिए बाइक और बड़े वाहनों को विशेष रूप से इस्तेमाल कर रहे हैं। प्रचार एजेंसियां वाहन चालकों को प्रतिदिन स्टीकर लगाने के एवज में 500 से 2,000 रुपये तक भुगतान कर रही हैं। राजधानी पटना में कैब और ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से मिलने वाले वाहन चालक इस प्रचार का सबसे अधिक लाभ उठा रहे हैं। इस प्रक्रिया में वाहन चालकों को पूरे दिन वाहन चलाने और प्रचार सामग्री प्रदर्शित करने के निर्देश दिए जाते हैं, जिससे चुनाव प्रचार का प्रभाव सड़कों पर व्यापक रूप से दिखता है।


मोटर वाहन अधिनियम और बिहार परिवहन विभाग के निर्देशों के अनुसार, वाहनों पर बिना अनुमति के पोस्टर या स्टीकर लगाना यातायात नियमों का उल्लंघन है, खासकर तब जब यह नंबर प्लेट या चालक के दृष्टिकोण को प्रभावित करता हो। इस प्रकार की गैरकानूनी गतिविधि न केवल कानूनी कार्यवाही का कारण बनती है, बल्कि सड़क सुरक्षा के लिए भी खतरा उत्पन्न करती है। परिवहन विभाग के मुताबिक, अनधिकृत प्रचार सामग्री लगाने पर 2,500 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और गंभीर मामलों में वाहन जब्त भी किया जा सकता है। पिछले वर्षों में पटना यातायात पुलिस ने इस दिशा में कई सख्त अभियान चलाए हैं और अनेक वाहनों पर कार्रवाई की है।


पटना के जिला परिवहन पदाधिकारी उपेंद्र कुमार पाल ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए बताया कि अभी तक किसी भी व्यक्ति या राजनीतिक दल ने वाहनों पर प्रचार सामग्री लगाने के लिए अनुमति नहीं ली है। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान नियमों का सख्ती से पालन कराया जाएगा और किसी भी उल्लंघन पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत वाहन चाहे किसी बड़े नेता का हो या सामान्य कार्यकर्ता का, सभी पर समान रूप से नजर रखी जाएगी।


चुनावी माहौल में राजनीतिक प्रचार की होड़ के बीच परिवहन विभाग ने जनता से अपील की है कि वे बिना अनुमति के वाहनों पर प्रचार सामग्री न लगाएं और यातायात नियमों का पूरी तरह पालन करें। विशेष तौर पर नंबर प्लेट और शीशों को साफ रखने पर जोर दिया गया है ताकि वाहन की पहचान स्पष्ट रहे और सड़क सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। इसके साथ ही प्रशासन ने वाहन मालिकों को चेताया है कि नियमों का उल्लंघन महंगा साबित हो सकता है, इसलिए सतर्कता जरूरी है।


आगे चलकर प्रशासन यह भी योजना बना रहा है कि चुनाव के दौरान सड़कों पर ऐसे वाहनों की निगरानी के लिए विशेष टीमें गठित की जाएंगी, जो असमाजिक तत्वों द्वारा अवैध प्रचार सामग्री लगाने पर तेजी से प्रतिक्रिया देंगी। इसके अलावा, प्रशासन सामाजिक जागरूकता अभियान के तहत लोगों को नियमों के प्रति सचेत करने के लिए विभिन्न माध्यमों का उपयोग करेगा ताकि चुनाव के दौरान सड़क सुरक्षा और नियम पालन सुनिश्चित हो सके। यह प्रयास बिहार में शांतिपूर्ण और सुरक्षित चुनाव सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।