Patna Municipal Corporation : पटना में मकान मालिक और दुकानदारों के लिए बड़ा झटका, प्रॉपर्टी टैक्स अचानक दोगुना; वजह जानें...

पटना नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स में बढ़ोतरी की घोषणा की है। 19 सड़कों को प्रधान मुख्य सड़क में शामिल कर 5,500 से अधिक मकान और दुकानों पर 1.5 गुना तक टैक्स बढ़ा दिया गया है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 20 Dec 2025 09:22:52 AM IST

Patna Municipal Corporation : पटना में मकान मालिक और दुकानदारों के लिए बड़ा झटका, प्रॉपर्टी टैक्स अचानक दोगुना; वजह जानें...

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Patna Municipal Corporation : बिहार में एक तरफ जहां जमीन की खरीदारी पहले से महंगी होती जा रही है, वहीं अब पटना शहर के मकान मालिकों और दुकानदारों के लिए भी एक बड़ी खबर सामने आई है। पटना नगर निगम (पीएमसी) ने प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत शहर के कई इलाकों में रहने और कारोबार करने वाले लोगों को अब पहले की तुलना में डेढ़ गुना तक अधिक संपत्ति कर चुकाना पड़ेगा। इस फैसले का सीधा असर उन मकान मालिकों और दुकानदारों पर पड़ेगा, जिनकी संपत्तियां अब ‘प्रधान मुख्य सड़क’ की श्रेणी में आ गई हैं।


दरअसल, पटना नगर निगम ने शहर की सड़कों के पुनर्वर्गीकरण की प्रक्रिया पूरी कर ली है। इस प्रक्रिया के तहत 19 नई सड़कों को ‘प्रधान मुख्य सड़क’ घोषित किया गया है। इन सड़कों पर स्थित करीब 5,500 से अधिक मकान और दुकानें अब बढ़े हुए प्रॉपर्टी टैक्स के दायरे में आ जाएंगी। नगर निगम का कहना है कि यह फैसला कर निर्धारण की प्रक्रिया को पारदर्शी और व्यावहारिक बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।


नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक, नगर विकास एवं आवास विभाग से मंजूरी मिलने के बाद शहर की सड़कों का पुनर्वर्गीकरण किया गया है। नई सूची के अनुसार, पटना नगर निगम क्षेत्र में कुल 112 सड़कों को अलग-अलग श्रेणियों में बांटा गया है। इनमें 43 सड़कों को ‘प्रधान मुख्य सड़क’ और 69 सड़कों को ‘मुख्य सड़क’ की श्रेणी में रखा गया है। इससे पहले 24 सड़कें प्रधान मुख्य सड़क और 88 सड़कें मुख्य सड़क की श्रेणी में थीं। यानी अब प्रधान मुख्य सड़कों की संख्या में 19 का इजाफा किया गया है, जिससे टैक्स के दायरे में आने वाली संपत्तियों की संख्या भी बढ़ गई है।


नई व्यवस्था के तहत संपत्ति कर का निर्धारण 19 मई 2025 से प्रभावी माना जाएगा। नगर निगम की नई दरों के अनुसार, अन्य सामान्य सड़कों पर 10 रुपये प्रति यूनिट, मुख्य सड़क पर 20 रुपये प्रति यूनिट और प्रधान मुख्य सड़क की श्रेणी में आने वाली संपत्तियों से 30 रुपये प्रति यूनिट टैक्स वसूला जाएगा। इस तरह मुख्य सड़क की तुलना में प्रधान मुख्य सड़क पर स्थित मकान और दुकानों को करीब 1.5 गुना अधिक टैक्स चुकाना होगा। इससे खासकर छोटे दुकानदारों और मध्यम वर्ग के मकान मालिकों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ने की आशंका जताई जा रही है।


इसी के साथ नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स के बकाया भुगतान को लेकर भी सख्ती बढ़ा दी है। बकाया वसूली के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है, जो सोमवार यानी 22 दिसंबर से घर-घर जाकर लोगों को टैक्स भुगतान के लिए जागरूक करेगी। निगम का कहना है कि टैक्स की राशि समय पर जमा नहीं करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।


हालांकि, करदाताओं को राहत देने के लिए वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) योजना को भी जारी रखा गया है। इस योजना के तहत एकमुश्त भुगतान करने पर ब्याज और दंड में छूट दी जा रही है। नगर निगम अधिकारियों का मानना है कि इससे लोग स्वेच्छा से अपने बकाया टैक्स का भुगतान करेंगे और निगम के राजस्व में बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा, टैक्स के दायरे में नहीं आने वाले हाउसहोल्ड्स और संपत्तियों को जोड़ने के लिए भी विशेष अभियान चलाने की तैयारी की जा रही है।


बिहार नगरपालिका अधिनियम, 2007 के तहत जारी नई अधिसूचना के अनुसार व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर भी टैक्स में बड़ी बढ़ोतरी की गई है। होटल, जिम, हेल्थ क्लब, क्लब, विवाह भवन, निजी अस्पताल, बैंक, बीमा कंपनियां और बड़े गोदामों पर अब पहले की तुलना में दोगुना कर लगाया जाएगा। वहीं कोचिंग संस्थान, नर्सिंग होम, निजी शैक्षणिक संस्थान, शोरूम, शॉपिंग मॉल, सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स और रेस्टोरेंट पर 1.5 गुना टैक्स वसूला जाएगा। औद्योगिक इकाइयों और बड़े वेयरहाउस को भी उच्च कर श्रेणी में रखा गया है।


नगर निगम का तर्क है कि टैक्स में यह बढ़ोतरी शहर के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, सड़कों, नालियों, स्ट्रीट लाइट और सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए जरूरी है। हालांकि, आम लोगों और व्यापारियों में इसे लेकर नाराजगी भी देखी जा रही है। उनका कहना है कि पहले से महंगाई की मार झेल रहे लोगों पर टैक्स का अतिरिक्त बोझ डालना उचित नहीं है। अब देखना होगा कि नगर निगम इस फैसले पर जनता की प्रतिक्रिया को कैसे संभालता है और क्या भविष्य में इसमें कोई राहत दी जाती है या नहीं।