घटना सोमवार दोपहर की बताई जा रही है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, युवती अचानक अखाड़ाघाट पुल पर तेजी से चलती हुई पहुंची। कुछ पल के लिए वह पुल के बीचोंबीच रुकी और फिर अपनी चप्पलें उतार दीं। आसपास मौजूद लोग कुछ समझ पाते, इससे पहले ही युवती ने बिना कुछ सोचे-समझे नदी में छलांग लगा दी। पुल की ऊंचाई अधिक होने के कारण वह सीधे नीचे पानी में गिरने की बजाय पुल के मजबूत कंक्रीट पिलर से जा टकराई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि उसके दोनों पैर और एक हाथ टूट गए और वह दर्द से तड़पते हुए नीचे नदी में गिर पड़ी।
बताया जा रहा है कि युवती प्रेम प्रसंग में मिले धोखे से बेहद परेशान थी। परिजनों और स्थानीय लोगों के अनुसार, वह मानसिक तनाव में चल रही थी और इसी तनाव में उसने यह आत्मघाती कदम उठा लिया। हालांकि इस मामले में अभी तक युवती या उसके परिवार की ओर से कोई औपचारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन पुलिस शुरुआती जांच में प्रेम प्रसंग को ही इस घटना का मुख्य कारण मान रही है।
घटना के समय बूढ़ी गंडक नदी में कुछ मछुआरे नाव से मछली पकड़ रहे थे। उन्होंने अचानक ऊपर से किसी के गिरने की आवाज सुनी और देखा कि एक युवती पिलर के पास पानी में अचेत अवस्था में पड़ी है। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए मछुआरे बिना देर किए अपनी नाव लेकर मौके पर पहुंचे। उन्होंने काफी मशक्कत के बाद युवती को पानी से बाहर निकाला और नदी के किनारे तक सुरक्षित पहुंचाया। मछुआरों की तत्परता और मानवता के कारण ही युवती की जान बच सकी, वरना कुछ ही देर में उसकी हालत और ज्यादा बिगड़ सकती थी।
युवती को बाहर निकालने के बाद स्थानीय लोगों ने तुरंत डायल 112 पर पुलिस को सूचना दी। कुछ ही देर में पुलिस टीम मौके पर पहुंची और घायल युवती को एंबुलेंस के जरिए सदर अस्पताल भेजा गया। अस्पताल में डॉक्टरों ने बताया कि युवती की हालत गंभीर है, लेकिन फिलहाल वह खतरे से बाहर बताई जा रही है। उसके दोनों पैरों और एक हाथ में गंभीर फ्रैक्चर है, जिसके लिए सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। डॉक्टरों की एक टीम लगातार उसकी निगरानी कर रही है।
इस घटना के बाद अखाड़ाघाट पुल पर लोगों की भीड़ जुट गई। मौके पर मौजूद लोग इस बात को लेकर हैरान थे कि आखिर प्रेम में धोखा किसी को इस हद तक तोड़ सकता है कि वह अपनी जान देने पर उतारू हो जाए। स्थानीय समाजसेवियों और बुद्धिजीवियों ने इस घटना को बेहद चिंताजनक बताया है। उनका कहना है कि युवाओं में बढ़ता मानसिक तनाव, रिश्तों में अस्थिरता और भावनात्मक सहारे की कमी ऐसी घटनाओं को जन्म दे रही है।
पुलिस का कहना है कि युवती के होश में आने के बाद उसका बयान दर्ज किया जाएगा, ताकि पूरे मामले की सच्चाई सामने आ सके। फिलहाल पुलिस परिजनों से संपर्क कर रही है और घटना से जुड़े सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि किसी भी तरह के मानसिक तनाव या परेशानी में आत्मघाती कदम उठाने के बजाय परिवार, दोस्तों या काउंसलर से बात करें।मुजफ्फरपुर की यह घटना न सिर्फ एक युवती की दर्दनाक कहानी है, बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है कि भावनात्मक टूटन और मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज करना कितनी बड़ी कीमत वसूल सकता है।