Bihar Kendriya Vidyalaya : बिहार को शिक्षा का बड़ा तोहफ़ा, 16 जिलों में खुलेंगे 19 नए केंद्रीय विद्यालय; राज्य में अब 72 केवी Bihar Teacher Salary: बिहार के लाखों शिक्षकों के खाते में इस दिन आएगा बढ़ा हुआ वेतन, शिक्षा विभाग का निर्देश जारी Census 2027 : डिजिटल माध्यम से होगी आबादी की गिनती, दो चरणों में होगी जनगणना; संसद में सरकार ने दिया अपडेट Bihar police encounter : बिहार के छपरा जिले में 48 घंटे के अंदर दूसरा एनकाउंटर, शराब तस्कर को पुलिस ने मारी गोली Bihar News: भीषण सड़क हादसे में युवक की मौत, अस्पताल में परिजनों का जमकर हंगामा Bihar Education News : बिहार में आंगनबाड़ी से पढ़े बच्चों को स्कूल में सीधे इस क्लास में मिलेगा एडमिशन, नर्सरी से यूकेजी तक शिक्षा अब मान्य Bihar Govt School PTM: बिहार के स्कूलों में PTM के मामले में ये जिले अव्वल, ग्रामीण अभिभावकों ने दिखाई कहीं बेहतर भागीदारी LPG cylinder : पटना में एलपीजी सिलिंडर डिलीवरी में बड़ा बदलाव, अब बिना OTP/DSC कोड सिलिंडर नहीं मिलेगा Bihar industry : बिहार में नई सरकार के साथ उद्योग क्षेत्र में निवेश की रफ्तार तेज, शाहनवाज से नीतीश तक के MoU का मांगा गया डिटेल Bihar Assembly : बिहार विधानसभा में सात विधायकों ने संस्कृत में ली शपथ, अब संस्कृत भारती करेगी सम्मानित
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 03 Dec 2025 09:55:49 AM IST
- फ़ोटो
Census 2027 : भारत में अगले दशक की जनगणना यानी Census 2027 को लेकर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में अहम जानकारी दी है। मंत्री ने लिखित उत्तर में बताया कि सरकार ने जनगणना 2027 कराने का फैसला कर लिया है और इसे दो चरणों में संपन्न कराया जाएगा। इस संबंध में 16 जून, 2025 के गजट नोटिफिकेशन में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
जनगणना 2027 को डिजिटल माध्यम से आयोजित किया जाएगा। इसमें डेटा संग्रह के लिए मोबाइल ऐप का प्रयोग किया जाएगा और नागरिकों के लिए स्व-गणना के ऑनलाइन विकल्प की भी व्यवस्था होगी। इसका उद्देश्य जनगणना प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, तेज और व्यापक बनाना है।
जनगणना 2027 के दो चरण होंगे। फेज I में हाउस लिस्टिंग और हाउसिंग सेंसस शामिल है, जो अप्रैल से सितंबर, 2026 के बीच, राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों की सुविधानुसार, 30 दिनों में पूरा किया जाएगा। इस चरण में मुख्य रूप से घरों की सूची तैयार करना और आवासीय संरचना की जानकारी जुटाना शामिल होगा।
फेज II में पॉपुलेशन एन्यूमरेशन (PE) होगा। इसके तहत अबादी की गिनती फरवरी 2027 में की जाएगी, जिसकी रेफरेंस डेट 1 मार्च, 2027 होगी। हालांकि, कुछ विशेष क्षेत्रों जैसे केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड के बर्फ से ढके गैर-समानांतर (non-synchronous) क्षेत्र में यह गिनती सितंबर, 2026 में होगी और इसकी रेफरेंस डेट 1 अक्टूबर, 2026 होगी।
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि जनगणना 2027 में जाति की गिनती भी होगी। यह कदम कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स द्वारा 30 अप्रैल, 2025 को लिए गए निर्णय के अनुरूप है। मंत्री ने स्पष्ट किया कि जनगणना एक्ट, 1948 के सेक्शन 8(2) के तहत, उत्तरदाता को अपनी जानकारी या विश्वास के अनुसार सभी सवालों का उत्तर देना अनिवार्य है।
मंत्री ने लोकसभा में यह भी बताया कि भारत में जनगणना का इतिहास 150 वर्ष से अधिक पुराना है। प्रत्येक नए दशक में आयोजित जनगणना में पिछली जनगणनाओं के अनुभवों और सुधारों को ध्यान में रखा जाता है। उन्होंने कहा कि 2027 की जनगणना में डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल से डेटा की सटीकता बढ़ाने, त्रुटियों को कम करने और प्रक्रिया को नागरिकों के लिए सरल बनाने का प्रयास किया जाएगा।
जनगणना की डिजिटल प्रक्रिया में मोबाइल ऐप और ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से घर बैठे डेटा भरने की सुविधा उपलब्ध होगी। यह नवाचार न केवल प्रशासनिक कामकाज को तेज करेगा बल्कि नागरिकों की भागीदारी को भी बढ़ाएगा। इसके साथ ही, मोबाइल और ऑनलाइन माध्यम से डेटा सुरक्षा और गोपनीयता के उपाय सुनिश्चित किए जाएंगे।
मंत्री ने कहा कि फेज I और फेज II में डेटा संग्रह के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को आवश्यक दिशा-निर्देश समय पर प्रदान किए जाएंगे। इसके अलावा, विशेष क्षेत्रों के लिए अलग समय सीमा निर्धारित की गई है, ताकि प्राकृतिक परिस्थितियों जैसे बर्फबारी आदि का प्रभाव न पड़े।
जातिगत गणना के संबंध में नित्यानंद राय ने स्पष्ट किया कि सभी जातियों का विस्तृत आंकलन किया जाएगा और इसमें पूर्व की जनगणनाओं से मिले अनुभवों को ध्यान में रखते हुए सही और विश्वसनीय डेटा जुटाने पर जोर दिया जाएगा। यह जानकारी नीति निर्धारण, योजना निर्माण और सामाजिक-आर्थिक विश्लेषण के लिए अहम मानी जाती है।
मंत्री ने यह भी बताया कि 2027 की जनगणना के सवालों की फाइनल सूची तैयार होने के बाद ही आधिकारिक रूप से नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि प्रक्रिया में पारदर्शिता, सटीकता और डिजिटल तकनीक का उपयोग प्रमुख आधार बने।
इस प्रकार, जनगणना 2027 केवल आबादी की संख्या ही नहीं बल्कि जातिगत, आवासीय और सामाजिक-आर्थिक आंकड़ों का भी व्यापक डिजिटल संग्रह होगी। इसे सफलतापूर्वक संपन्न करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम करेंगी, ताकि भारत की भविष्य की योजनाओं और नीतियों के लिए भरोसेमंद डेटा उपलब्ध हो।