Bihar Cabinet Meeting : बिहार कैबिनेट बैठक आज, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में नौकरी, रोजगार और कौशल विकास पर बड़े फैसले होने की संभावना

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज बिहार में राज्य मंत्रिमंडल की अहम बैठक बुलाई गई है। नई सरकार के गठन के बाद यह तीसरी कैबिनेट बैठक है, जिस पर राजनीतिक गलियारों और आम जनता की निगाहें टिकी हैं

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 16 Dec 2025 09:03:16 AM IST

Bihar Cabinet Meeting : बिहार कैबिनेट बैठक आज, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में नौकरी, रोजगार और कौशल विकास पर बड़े फैसले होने की संभावना

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Bihar Cabinet Meeting : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज राज्य मंत्रिमंडल की एक बेहद अहम बैठक बुलाई गई है। मुख्य सचिवालय स्थित मंत्रिमंडल कक्ष में यह बैठक सुबह 11:30 बजे शुरू होगी। नई सरकार के गठन के बाद यह कैबिनेट की तीसरी बैठक मानी जा रही है, जिस पर राजनीतिक गलियारों से लेकर आम जनता तक की निगाहें टिकी हुई हैं। माना जा रहा है कि इस बैठक में राज्य सरकार विभिन्न विभागों से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर विचार करेगी और उन पर अंतिम मुहर लग सकती है।


इस कैबिनेट बैठक को खास इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि इसमें नौकरी, रोजगार, कौशल विकास और प्रशासनिक सुधार से जुड़े फैसलों पर अहम चर्चा होने की संभावना है। राज्य के सभी मंत्री, मुख्य सचिव समेत विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में मौजूद रहेंगे। सूत्रों के अनुसार, सरकार का फोकस विकास योजनाओं को तेज गति देने के साथ-साथ युवाओं के हित में ठोस और दूरगामी निर्णय लेने पर रहेगा। खासकर चुनावी माहौल को देखते हुए यह बैठक कई बड़े संदेश देने वाली मानी जा रही है।


गौरतलब है कि इससे पहले 9 दिसंबर को हुई कैबिनेट बैठक में राज्य सरकार ने कुल 19 एजेंडों को मंजूरी दी थी। उस बैठक को प्रशासनिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना गया था। इसमें पहले से कार्यरत 45 विभागों के साथ-साथ तीन नए विभागों के गठन को स्वीकृति दी गई थी। इन नए विभागों के गठन के बाद बिहार में कुल विभागों की संख्या बढ़कर 48 हो गई है। सरकार के इस फैसले को प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने और कामकाज को अधिक प्रभावी व पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना गया।


नए विभागों के गठन के बाद सरकार का मुख्य फोकस युवाओं को नौकरी और रोजगार से जोड़ने पर केंद्रित है। पहले नौकरी और रोजगार से जुड़े विषय सीधे श्रम संसाधन विभाग के अंतर्गत आते थे, लेकिन अब इन्हें स्वतंत्र और विशेष विभाग के रूप में विकसित करने की योजना है। यह नया विभाग सीधे तौर पर रोजगार सृजन, प्रशिक्षण और प्लेसमेंट से जुड़ा होगा। इससे न केवल योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी, बल्कि युवाओं को भी इसका सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि अलग विभाग बनने से रोजगार और कौशल विकास से जुड़ी योजनाओं को नई पहचान मिलेगी।


इस संदर्भ में यह भी उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 में जब केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनी थी, तब उन्होंने सबसे पहले कौशल विकास के लिए अलग मंत्रालय का गठन किया था। उसी तर्ज पर अब बिहार सरकार भी कौशल विकास को लेकर गंभीर और सक्रिय नजर आ रही है। बिहार में कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना का प्रस्ताव लंबे समय से लंबित है, लेकिन विभाग के गठन के बाद इस दिशा में तेजी आने की संभावना जताई जा रही है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में राज्य सरकार कौशल विकास को लेकर कई नई योजनाएं शुरू कर सकती है, जिससे युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकें।


इसके अलावा उच्च शिक्षा विभाग को लेकर भी सरकार की सोच में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। अभी तक बिहार में प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक का पूरा काम शिक्षा विभाग के अंतर्गत ही संचालित किया जाता रहा है। जबकि देश के कई अन्य राज्यों में, यहां तक कि बिहार से अलग होकर बने झारखंड में भी, उच्च शिक्षा के लिए अलग विभाग मौजूद है। अब बिहार सरकार भी उच्च शिक्षा विभाग को मजबूत करने की दिशा में कदम उठा रही है। इससे रिसर्च, प्रोफेशनल कोर्सेज, तकनीकी और उच्च शिक्षा को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।


पिछली कैबिनेट बैठक में सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को भी बड़ी राहत दी गई थी। राज्य सरकार ने उनके महंगाई भत्ते में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी को मंजूरी दी थी। इस फैसले से लाखों कर्मचारियों और पेंशनधारकों को सीधा लाभ मिला। साथ ही युवाओं को हुनरमंद बनाने के उद्देश्य से सरकार ने विद्यार्थी कौशल कार्यक्रम चलाने का निर्णय लिया था। यह कार्यक्रम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड के सहयोग से संचालित किया जाएगा, जिसके तहत छात्रों को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिया जाएगा।


सरकार ने मानवीय दृष्टिकोण से भी अहम फैसले लिए थे। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान शहीद हुए बीएसएफ जवान मोहम्मद इम्तियाज के बेटे को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। वहीं, भ्रष्टाचार और लापरवाही के मामले में तत्कालीन जिला प्रबंधक, खाद निगम रोहतास, सुधीर कुमार को सेवा से बर्खास्त करने की भी स्वीकृति दी गई थी। इन फैसलों से सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया था कि वह एक ओर संवेदनशील है तो दूसरी ओर भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है।


आज होने वाली कैबिनेट बैठक से भी इसी तरह के बड़े और जनहित से जुड़े फैसलों की उम्मीद की जा रही है। खासतौर पर युवा वर्ग को रोजगार, शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में ठोस निर्णय मिलने की संभावना है। ऐसे में यह बैठक न सिर्फ मौजूदा सरकार की प्राथमिकताओं को स्पष्ट करेगी, बल्कि आने वाले समय में बिहार की दिशा और दशा तय करने में भी अहम भूमिका निभा सकती है।