पहचान छिपाकर नियुक्ति पत्र लेना गलत, बुर्का विवाद पर भाजपा नेता का बड़ा बयान, कहा..नीतीश कुमार ने सही किया

मुख्यमंत्री सचिवालय में आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र वितरण के दौरान बुर्का विवाद पर भाजपा नेता हरि भूषण ठाकुर बचौल ने नीतीश कुमार का समर्थन किया और कानून बनाने की मांग की।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 19 Dec 2025 03:59:19 PM IST

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नीतीश के समर्थन में भाजपा नेता - फ़ोटो social media

PATNA: मुख्यमंत्री सचिवालय में आयुष चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र वितरण के दौरान एक महिला का नकाब हटाने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद यह मामला बड़े राजनीतिक विवाद में बदल गया। इस पूरे घटनाक्रम पर भारतीय जनता पार्टी के नेता हरि भूषण ठाकुर बचौल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का समर्थन किया है। 


उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर पहचान छिपाकर किसी प्रकार की सरकारी प्रक्रिया पूरी करना गलत है। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति डॉक्टर की सरकारी नौकरी लेने आ रहा है, तो उसकी पहचान स्पष्ट होनी चाहिए, ताकि कोई दूसरा व्यक्ति पहचान छिपाकर नियुक्ति पत्र न ले सके। बचौल ने इस संबंध में कानून बनाए जाने की भी मांग की।


बीजेपी नेता हरि भूषण ठाकुर बचौल ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले में सही कदम उठाया है। सार्वजनिक स्थानों पर चेहरा ढंकने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ लोग इस मुद्दे पर अनावश्यक विवाद खड़ा कर रहे हैं और मुख्यमंत्री को धमकियां दी जा रही हैं और केस दर्ज कराया जा रहा है, जो बिलकुल गलत बात है। उन्होंने कोई जुर्म नहीं किया है। उन्होंने कहा कि किसी भी सार्वजनिक स्थान पर आप पहचान छिपाकर या चेहरा ढंककर नहीं जाएंगे। नीतीश जी ने सही काम किया है और इसपर कानून बनना चाहिए। जिहादी मानसिकता के लोग उन्हें धमकी दे रहे हैं। ऐसे लोगों को भारत में नहीं चलेगा। विदेश में बैठकर जो धमकी दे रहे हैं।


बता दें कि इससे पहले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस कदम का समर्थन किया। गिरिराज सिंह ने कहा कि नियुक्ति पत्र लेने के दौरान उम्मीदवार को अपना चेहरा दिखाना चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि पासपोर्ट बनवाने या हवाई अड्डे पर सुरक्षा जांच के समय भी पहचान स्पष्ट करना अनिवार्य होता है। गिरिराज सिंह ने कहा कि भारत में कानून का राज है और मुख्यमंत्री ने किसी प्रकार की गलती नहीं की है। 


नौकरी छोड़ने की अफवाह पर उन्होंने कहा कि यह उस महिला पर निर्भर करता है कि वह सरकारी नौकरी को ठुकरा दे या फिर 'जहन्नुम में जाए।' नीतीश कुमार ने 'कुछ भी गलत नहीं किया' है। उन्होंने कहा कि यदि कोई नियुक्ति पत्र लेने जा रहा है, तो क्या उसे अपना चेहरा नहीं दिखाना चाहिए? क्या यह कोई इस्लामिक देश है? नीतीश कुमार ने अभिभावक की भूमिका निभाई है।


गौरतलब है कि यह घटना उस समय हुई जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुख्यमंत्री सचिवालय में आयुष चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र सौंप रहे थे। जब एक महिला नियुक्ति पत्र लेने पहुंची, तो उसका चेहरा नकाब से ढका हुआ था। मुख्यमंत्री ने नकाब देखकर सवाल किया और पहचान स्पष्ट करने के लिए नकाब हटाने को कहा, जिसके बाद यह मामला चर्चा में आ गया।