बिहार की सभी पुलिस लाइनों में खुलेंगे आवासीय विद्यालय, पुलिसकर्मियों के बच्चों को मिलेगा लाभ: सम्राट चौधरी

उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने घोषणा की कि बिहार की सभी पुलिस लाइनों में आवासीय विद्यालय खोले जाएंगे। पुलिसकर्मियों के बच्चों को शिक्षा व सुविधाओं का लाभ मिलेगा। पुलिसकर्मियों के लिए बेहतर मेडिकल सुविधाएं, कैशलेस इलाज और गंभीर बीमारियों का भी इलाज

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 19 Dec 2025 06:25:32 PM IST

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पुलिसकर्मियों की टेंशन खत्म - फ़ोटो social media

PATNA: बिहार के उपमुख्यमंत्री सह गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा है कि बिहार के सभी पुलिस लाइनों में आवासीय विद्यालय खोले जाएंगे। यहां पुलिसकर्मियों के बच्चों को पढ़ाई, ड्रेस और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। पटना में बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा आयोजित ‘बैंक ऑफ बड़ौदा बिहार पुलिस सैलरी पैकेज’ एवं दिवंगत पुलिसकर्मियों के परिवारों को बीमा लाभ वितरण कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान उन्होंने यह बातें कही। सम्राट चौधरी ने बताया कि बिहार पुलिस के कुल 36 दिवंगत पुलिस पदाधिकारियों/कर्मियों के आश्रितों को पुलिस सैलरी पैकेज के तहत कुल 25 करोड़ 65 लाख रुपये की बीमा एवं अनुदान राशि का चेक बैंक प्रदान किया गया।


बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) के पुलिस सैलरी पैकेज के प्रभावी होने के उपरांत पूर्व में 54 दिवंगत पुलिस पदाधिकारियों एवं कर्मियों के आश्रितों को कुल 16 करोड़ 80 लाख रुपये की बीमा राशि प्रदान की जा चुकी है। दुर्घटना मृत्यु (Accidental Death) बीमा के तहत 16 दिवंगत पुलिस कार्मिकों के आश्रितों को 27 करोड़ 65 लाख रुपये की अदायगी की गई है। प्राकृतिक मृत्यु (Natural Death) बीमा के तहत 74 दिवंगत पुलिस कार्मिकों के आश्रितों को 14 करोड़ 80 लाख रुपये की अदायगी की गई है। आज तक ‘बिहार पुलिस सैलरी पैकेज’ समझौता होने के पश्चात अब तक कुल 90 दिवंगत पुलिस पदाधिकारियों एवं कर्मियों के आश्रितों को कुल 42 करोड़ 45 लाख रुपये की बीमा एवं अनुदान राशि प्रदान की गई है।


सम्राट चौधरी ने कहा कि दुर्घटनाओं और बीमारियों से पुलिसकर्मियों की होने वाली मौतों को लेकर सरकार गंभीर है। हमारा प्रयास है कि दिन-रात जनता की सेवा करने वाले पुलिसकर्मियों की मृत्यु दुर्घटनाओं और बीमारियों से कम से कम की जा सके। यह कार्यक्रम भावुक कर देने वाला है, क्योंकि यहां उपस्थित कई परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है। आज जिन 36 पुलिसकर्मियों के परिजनों को बीमा राशि वितरित की गई है। इनमें से 12 पुलिसकर्मियों की मृत्यु दुर्घटना में हुई, जबकि 24 की मृत्यु गंभीर बीमारियों के कारण हुई है। सबसे दुखद यह है कि इनमें से अधिकांश पुलिसकर्मियों की उम्र 30 से 34 वर्ष के बीच थी। 


उन्होंने कहा कि किसी भी परिवार के लिए यह सहायता राशि अपने प्रियजन की क्षति की भरपाई नहीं कर सकती, क्योंकि किसी सदस्य को खोने से बड़ा कोई दुःख नहीं होता। लेकिन यह राशि उनके जीवन में कुछ राहत प्रदान कर सकती है और अधूरे सपनों को पूरा करने में सहायक बन सकती है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अपने स्तर से भी कई प्रयास कर रही है, जैसे अनुकंपा के आधार पर नौकरी, अन्य सुविधाएं और सहयोग। इसके साथ ही पुलिसकर्मियों के लिए बेहतर मेडिकल सुविधाएं, कैशलेस इलाज तथा कैंसर और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों के लिए पर्याप्त सहायता उपलब्ध कराने पर भी विचार किया जा रहा है.


उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत पुलिस सहयोगियों को भी बैंक ऑफ बड़ौदा की इस योजना से जोड़ा गया है। साथ ही पुलिस लाइनों की स्थिति में तेजी से सुधार किया जा रहा है। पुलिस परिवारों के लिए भोजन की समस्या के समाधान हेतु जीविका दीदियों के माध्यम से भोजन व्यवस्था शुरू की गई है, जिसे शीघ्र लागू किया जाएगा। सम्राट चौधरी ने दिवंगत पुलिसकर्मियों के परिजनों को आश्वस्त किया कि पुलिसकर्मी दिन-रात पूरे प्रदेश की सुरक्षा में लगे रहते हैं और पूरा पुलिस विभाग उनके परिवारों के साथ एक परिवार की तरह खड़ा है।