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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 06 Aug 2025 01:22:44 PM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: बिहार सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) डीलरों की लंबे समय से चली आ रही मांग को आंशिक रूप से मानते हुए 55,000 डीलरों को हर सोमवार और प्रमुख त्योहारों (26 जनवरी, 15 अगस्त, गांधी जयंती, होली, दिवाली, छठ और ईद) पर छुट्टी देने का फैसला किया है। 5 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया। खाद्य आपूर्ति मंत्री लेसी सिंह ने बताया कि यह कदम डीलरों की कार्य स्थिति में सुधार के लिए उठाया गया है। बिहार में PDS के तहत 8.76 करोड़ राशन कार्ड धारकों को सब्सिडी पर खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है और डीलर इस प्रणाली की रीढ़ हैं।
बिहार के PDS डीलर 22 जुलाई से अपनी आठ सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर थे, ऐसे में यह फैसला उनके लिए बहुत बड़ी राहत लेकर आया है। पटना के गर्दनीबाग में धरना-प्रदर्शन के बाद सरकार ने उनकी एक मांग को मंजूर किया, लेकिन सात अन्य मांगें (सरकारी कर्मचारी का दर्जा, 30,000 रुपये मासिक वेतन, 300 रुपये प्रति क्विंटल कमीशन, लाभार्थियों के अनुपात में खाद्यान्न आपूर्ति, अनुकंपा नियुक्ति में आयु सीमा समाप्त करना, पुरानी POS मशीनों को 5G मशीनों से बदलना और अन्य सुधार) अब भी लंबित हैं। डीलरों का कहना है कि कम कमीशन (70 पैसे प्रति किलो अनाज, 1 रुपये प्रति लीटर केरोसिन) और भारी कार्यभार के कारण उनकी आजीविका प्रभावित हो रही है।
बिहार में PDS गरीब परिवारों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) 2013 के तहत 75% ग्रामीण और 50% शहरी आबादी को कवर करता है। डीलर प्रत्येक पंचायत में राशन वितरण केंद्रों का संचालन करते हैं, जहां आधार-लिंक्ड EPOS सिस्टम के जरिए पारदर्शिता सुनिश्चित की जाती है। हालांकि, डीलरों का कहना है कि तकनीकी समस्याएं, पुरानी POS मशीनें और अपर्याप्त कमीशन उनकी कार्यक्षमता को बाधित करते हैं। बिहार में EPOS सिस्टम ने लीकेज को 20% तक कम किया है, लेकिन डीलरों की शिकायत है कि प्रशासनिक देरी और अपर्याप्त समर्थन उनकी समस्याओं को बढ़ा रहा है।
ऐसे में बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन जैसे संगठनों ने डीलरों की मांगों का समर्थन किया है और चेतावनी दी है कि यदि शेष मांगें पूरी नहीं हुईं तो आगे धरना और हड़ताल हो सकती है। डीलरों ने सुझाव दिया है कि ओडिशा और छत्तीसगढ़ की तरह पंचायतों के माध्यम से राशन वितरण की व्यवस्था लागू की जाए, जहां पारदर्शिता और जवाबदेही अधिक है। बिहार सरकार ने epds.bihar.gov.in पोर्टल के जरिए राशन कार्ड प्रबंधन और शिकायत निवारण को डिजिटल किया है, लेकिन डीलरों की मांग है कि उनकी आर्थिक और कार्य-संबंधी समस्याओं पर भी ध्यान दिया जाए।