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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 09 Apr 2025 02:07:51 PM IST
बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Bihar News: पटना हाई कोर्ट ने ग्राम कचहरी, रामपट्टी (मधुबनी) द्वारा 8 मार्च 2022 और 16 मार्च 2024 को पारित दोनों आदेशों को अवैध और अधिकार क्षेत्र से बाहर करार देते हुए रद्द कर दिया। न्यायाधीश राजेश कुमार वर्मा की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता निरंजन मिश्रा की याचिका पर यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि ग्राम कचहरी ने "अधिकार, शीर्षक व स्वामित्व" से जुड़े सवालों का निपटारा करने का प्रयास किया, जो बिहार पंचायत राज अधिनियम, 2006 की धारा 111 के तहत स्पष्ट रूप से निषिद्ध है।
वहीं, इस मामले में वरीय अधिवक्ता बिनोदानंद मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि ग्राम कचहरी ने याचिकाकर्ता की ज़मीन पर प्रतिवादी श्रीमंत मिश्रा को अवैध कब्जा बनाए रखने और 8,500 रुपये मुआवजा वसूलने का आदेश दिया था। मामला 20 सितंबर 2021 का है, जब श्रीमंत मिश्रा ने ग्राम कचहरी में आवेदन दायर कर आरोप लगाया था कि निरंजन मिश्रा ने 1971 के पारिवारिक बंटवारे के बावजूद उनकी 1.5 धुर ज़मीन पर मकान बना लिया और 2.25 धुर भूमि का मौखिक लेन-देन किया।
बता दें कि ग्राम कचहरी ने बिना याचिकाकर्ता की दलील सुने ही आदेश पारित कर दिया। अदालत ने यह तर्क स्वीकार किया कि धारा 110 के तहत ग्राम कचहरी केवल सीमित प्रकार के वित्तीय दावों (₹10,000 तक) और साधारण विभाजन मामलों पर ही निर्णय ले सकती है, जबकि "स्वामित्व व शीर्षक" से जुड़े मामले इसके अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं।
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा, "जब कानून ने किसी प्राधिकरण को अधिकार नहीं दिया, तो वह निर्णय कैसे ले सकता है?" कोर्ट ने ग्राम कचहरी के आदेश को "अवैध और असंवैधानिक" ठहराते हुए रद्द कर दिया है।