निगरानी कोर्ट का फैसला: भ्रष्टाचार केस में अमीन को 4 साल की सजा

निगरानी कोर्ट ने 11 साल पुराने भ्रष्टाचार मामले में दाऊदनगर के अंचल अमीन शिव शंकर राम को दोषी ठहराते हुए 4 साल कैद और 10,000 रुपये जुर्माना लगाया। आरोपी को 5000 रूपये घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया था।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 26 Aug 2025 07:13:12 PM IST

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घूस लेने की मिली सजा - फ़ोटो SOCIAL MEDIA

PATNA: 11 साल पुराने भ्रष्टाचार के एक मामले में निगरानी कोर्ट ने दोषी करार देते हुए फैसला सुनाया है। भ्रष्टाचार केस में अंचल अमीन को 4 साल की सजा दी गयी है साथ ही 10 हजार रूपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया है।


26.08.2025 को मो० रूस्तम, माननीय न्यायाधीश, निगरानी, पटना द्वारा अभियुक्त शिव शंकर राम, अंचल अमीन, दाऊदनगर प्रखण्ड, जिला औरंगाबाद को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) की धारा 7/13 (2) सह पठित धारा 13 (1) (d) के तहत निगरानी थाना कांड संख्या-83/2014 (विशेष वाद सं-77/2014) में दोषी ठहराया गया।


यह मामला शिव शंकर राम, अंचल अमीन, दाऊदनगर प्रखण्ड, जिला औरंगाबाद द्वारा शिकायतकर्ता श्री मृत्यंजय कुमार, पिता श्री काशी नाथ बैठा, सा०- शमशेर नगर, थाना- दाऊदनगर, जिला- औरंगाबाद के पिताजी का एक कट्ट्ठा जमीन मापी के उपरांत, सही मापी प्रतिवेदन लिखने के एवज में रिश्वत माँगने का आरोप लगाया गया। जिसमें आरोपी को 5,000/- रूपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तारी की गयी।


इस मामले का तत्कालीन अनुसंधानकर्ता पुलिस निरीक्षक,महेन्द्र कुमार, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, बिहार, पटना द्वारा सटीक और समय पर आरोप-पत्र दायर किया। बिहार सरकार की ओर से श्री किशोर कुमार सिंह, विशेष लोक अभियोजक, प्रभारी निगरानी (ट्रैप केसेज), पटना ने प्रभावी तरीके से पैरवी की और आरोपी को दोष सिद्ध कराने में सफलता हासिल की।


शिव शंकर राम, अंचल अमीन, दाऊदनगर प्रखण्ड, जिला औरंगाबाद को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10,000/- (दस हजार) रूपये का अर्थदण्ड लगाया गया है एवं धारा 13 (2) सह पठित धारा 1 3(1)(d) में 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10,0००/- (दस हजार) रूपये का अर्थदण्ड लगाया गया है। अर्थदण्ड की राशि नहीं जमा करने पर एक महीने का अतिरिक्त साधारण कारावास होगा। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेगी।