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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 10 Feb 2025 07:45:59 PM IST
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Bihar Education News: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने पूर्व एसीएस केके पाठक का एक और आदेश पलट दिया है. शिक्षा विभाग के तत्कालीन एसीएस केके पाठक ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को बड़ा अधिकार दिया था. जिस वजह से सरकारी पैसे का बंदरबांट हुआ था. सरकार की भारी बदनामी के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारियों के वित्तीय अधिकार कम करते हुए आउटसोर्सिंग कर्मचारी की सेवा भी समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया है.
शिक्षा विभाग के नए आदेश के बाद सिविल वर्क करने की जिम्मेवारी अब स्कूल और निगम के पास होगी. नये आदेश के तहत जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) के अधिकारों में कटौती कर दी गई है. 1 अप्रैल से यह नियम लागू हो जायेगा. इसके बाद डीईओ किसी भी प्रकार का सिविल वर्क नहीं करवा पाएंगे. डीईओ के पास अब सिर्फ शैक्षणिक कार्य करने की जिम्मेदारी होगी. सभी डीईओ और डीपीओ को ऐसी जिम्मेवारियों से मुक्त कर दिया गया है.
शिक्षा विभाग के नए आदेश के अनुसार, स्कूल में 50000 रुपये तक के कार्य की राशि अब सीधे खातों में भेजी जाएगी. कार्य की राशि के लिए हेड मास्टर सीधे विभाग को पत्र भेजेंगे और सिविल वर्क का काम सीधे निगम के माध्यम से कराया जाएगा. विभाग ने 31 मार्च तक सभी प्रकार की आउटसोर्सिंग व्यवस्था भी समाप्त करने का आदेश जारी किया है.
शिक्षा विभाग की तरफ से यह भी आदेश दिया गया है कि 1 अप्रैल से आउटसोर्सिंग स्टाफ टर्मिनेट कर दिए जाएं. जिला कार्यक्रम प्रबंधक से लेकर ब्लॉक परियोजना प्रबंधक तक की सेवा समाप्त कर दी जाए. बता दें, केके पाठक जब शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव थे तब उन्होंने आउटसोर्सिंग से इनको बहाल करवाया था. लेकिन बाद में इन पदों को लेकर भ्रष्टाचार के मामले आ रहे थे. इसके बाद शिक्षा विभाग ने पूर्व के आदेश को बदल दिया है.