Bhagalpur news : भागलपुर जिले के सुलतानगंज थाना क्षेत्र के एक गांव से सामने आया एक अनोखा और चौंकाने वाला मामला इन दिनों पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है। जिस बेटी की शादी माता-पिता ने बड़े ही धूमधाम से की थी और लाखों रुपये खर्च किए गए थे, वही विवाहिता महज दो सप्ताह के भीतर ही अपने पति को छोड़कर मायके लौट आई। इतना ही नहीं, उसने दोबारा ससुराल जाने से साफ इनकार कर दिया, जिससे दोनों परिवारों के बीच तनाव और असमंजस की स्थिति बन गई है।
जानकारी के अनुसार, विवाहिता की शादी करीब दो सप्ताह पहले सामाजिक रीति-रिवाजों के साथ की गई थी। शादी के बाद सब कुछ सामान्य दिख रहा था, लेकिन कुछ ही दिनों के भीतर हालात बदलने लगे। विवाहिता अचानक मायके चली गई और फिर लौटने का नाम नहीं लिया। जब पति अपने परिजनों के साथ उसे समझाने और वापस लाने उसके मायके पहुंचे, तो वहां हालात और बिगड़ गए। विवाहिता ने पति के साथ रहने से स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया और ससुराल जाने से मना कर दिया।
विवाहिता का कहना है कि उसकी शादी उसकी मर्जी के खिलाफ कराई गई है। उसने बताया कि वह वर्तमान में बीए फाइनल ईयर की छात्रा है और आगे एमए की पढ़ाई करना चाहती है। उसका साफ कहना है कि जब तक वह एमए की पढ़ाई पूरी नहीं कर लेती, तब तक वह ससुराल नहीं जाएगी। उसने यह भी आरोप लगाया कि परिवार के दबाव में आकर उसकी शादी कर दी गई, जबकि वह अभी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहती थी।
इतना ही नहीं, विवाहिता ने अपनी शर्तों को और आगे बढ़ाते हुए कहा कि वह सरकारी नौकरी वाले युवक से विवाह करना चाहती थी। उसके अनुसार, परिजनों ने उसकी इच्छा के खिलाफ निजी कंपनी में मैनेजर पद पर कार्यरत युवक से उसकी शादी कर दी। उसने यहां तक कह दिया कि जब तक उसे खुद सरकारी नौकरी नहीं मिल जाती, तब तक वह ससुराल में कदम नहीं रखेगी। उसके इस रुख से न सिर्फ पति पक्ष, बल्कि उसके मायके के लोग भी हैरान हैं।
वहीं पति का कहना है कि शादी के बाद से ही पत्नी का व्यवहार सामान्य नहीं था। उसका आरोप है कि पत्नी ससुराल में किसी से खुलकर बातचीत नहीं करती थी और अक्सर गुस्से में रहती थी। पति के अनुसार, उसने कई बार बातचीत के जरिए रिश्ते को संभालने की कोशिश की, लेकिन हर बार उसे टाल दिया गया। अचानक मायके चले जाने से न केवल वह मानसिक रूप से परेशान है, बल्कि गांव में उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचा है।
पति ने यह भी आरोप लगाया कि पत्नी अक्सर धमकी देती थी कि अगर उसे जबरन ससुराल में रखने की कोशिश की गई, तो वह सभी को झूठे मामलों में फंसा देगी। इस बात से पति और उसके परिवार के लोग काफी डरे और सहमे हुए हैं। उनका कहना है कि उन्होंने कभी पत्नी पर किसी तरह का दबाव नहीं बनाया, फिर भी इस तरह के आरोप और धमकियों से वे बेहद आहत हैं।
मामले को सुलझाने के लिए सामाजिक स्तर पर भी प्रयास किए गए। गांव के बुजुर्गों और दोनों पक्षों के समझदार लोगों ने बैठकर बातचीत करने की कोशिश की, ताकि कोई बीच का रास्ता निकल सके। हालांकि, कई दौर की बातचीत के बाद भी कोई समाधान नहीं निकल सका। विवाहिता अपने फैसले पर अडिग रही और पति के साथ जाने से साफ इनकार कर दिया। अंततः लड़का पक्ष निराश होकर बैरंग लौट गया।
इस पूरे घटनाक्रम ने गांव और आसपास के इलाके में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ओर विवाहिता अपनी पढ़ाई और भविष्य को प्राथमिकता देने की बात कर रही है, वहीं दूसरी ओर पति और उसके परिवार को सामाजिक बदनामी और मानसिक पीड़ा का सामना करना पड़ रहा है। फिलहाल मामला किसी कानूनी मोड़ पर नहीं पहुंचा है, लेकिन जिस तरह से दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ रहा है, उससे भविष्य में कानूनी कार्रवाई की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
यह मामला न केवल एक परिवार की निजी समस्या बनकर रह गया है, बल्कि समाज में विवाह, सहमति, शिक्षा और करियर को लेकर चल रही सोच पर भी सवाल खड़े करता है। अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में दोनों पक्ष किसी समझौते पर पहुंचते हैं या यह विवाद और गहराता है।