Elon Musk ने XChat फीचर किया लॉन्च, मिलेगा WhatsApp जैसा सिक्योर मैसेजिंग अनुभव; जानिए.. क्या है खास? Elon Musk ने XChat फीचर किया लॉन्च, मिलेगा WhatsApp जैसा सिक्योर मैसेजिंग अनुभव; जानिए.. क्या है खास? Bihar Crime News: 14 साल पुराने केस में बिहार की कोर्ट ने SP को किया शोकॉज, DSP, SI और डॉक्टर के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी Bihar Crime News: 14 साल पुराने केस में बिहार की कोर्ट ने SP को किया शोकॉज, DSP, SI और डॉक्टर के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी Success Story: स्कूल में फेल होने के बाद भी नहीं टूटा हौसला, पहली बार में ही UPSC परीक्षा में मिली सफलता Aamir Khan: "तुम्हारा खून खून और हमारा खून पानी?" आखिर ऐसा क्या हुआ कि आमिर को कहनी पड़ी यह बात Monsoon 2025: समय से पहले मानसून का आना देश के लिए कितने तरीकों से फायदेमंद, जानिए.. प्रशांत किशोर ने किया ऐलान: इस बार नीतीश नहीं, बिहार की जनता राज करेगी, नरेंद्र मोदी भी वोट मांगने आएं तो मत देना Glenn Maxwell: ग्लेन मैक्सवेल का ODI से रिटायरमेंट का ऐलान, वनडे क्रिकेट को कहा अलविदा Bihar Teacher News: बिहार के BPSC शिक्षक की हैवानियत, घर में सो रही छात्रा के साथ जबरन किया गंदा काम
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 05 Apr 2025 02:34:46 PM IST
प्रतीकात्मक तस्वीर - फ़ोटो Google
Bettiah raj property : प्रयागराज में बेतिया राज की अरबों रुपये की संपत्ति अब बिहार सरकार के कब्जे में जाएगी। शहर के तीन प्रमुख इलाकों – मुट्ठीगंज, स्ट्रेची रोड और छोटा बघाड़ा – में जमीन की पहचान की गई है। छोटा बघाड़ा में 22 एकड़ जमीन चिन्हित हुई है, जहां पहले से कई निर्माण हो चुके हैं। बाकी दो जगहों पर भी मकान और सरकारी दफ्तर बने हैं।
बेतिया राज के नाम पर ये संपत्तियां 1359 फसली वर्ष की खतौनी में दर्ज हैं। बिहार बोर्ड ऑफ रेवन्यू के अध्यक्ष केके पाठक ने प्रयागराज मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत और अन्य अधिकारियों के साथ इन जमीनों के सर्वे और कब्जे को लेकर बैठक की।
सरकार का कहना है कि जो लोग इन जमीनों पर रह रहे हैं, उन्हें बेदखल नहीं किया जाएगा, लेकिन अब से उन्हें किराया देना होगा। यह किराया जिला प्रशासन द्वारा तय दर के अनुसार लिया जाएगा। इसके लिए मनमोहन पार्क के पास बिहार सरकार का अस्थायी कार्यालय भी खोल दिया गया है|
बिहार सरकार के मुताबिक, राजा बेतिया की संपत्तियां उत्तर प्रदेश के आठ जिलों में फैली हुई हैं। 26 दिसंबर 2024 को लिए गए निर्णय के अनुसार, ये सभी जमीनें अब बिहार सरकार की मानी जाएंगी और सर्वे के बाद कब्जे की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सीआरओ को एक महीने के भीतर सभी संपत्तियों की सूची बनाकर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।