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BIHAR NEWS : लोन में डूबी महिला का खौफनाक स्टेप, बेटे संग बूढ़ी गंडक में कूदी; दोनों बच्चे लापता

मुजफ्फरपुर जिले के पियर थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसा सामने आया जिसने पूरे इलाके को दहला दिया। पिलखी पुल से सिमरा गांव की रहने वाली महिला नीलम देवी ने अपने दो छोटे बच्चों के साथ बूढ़ी गंडक नदी में छलांग लगा दी। इस अचानक हुई घटना ने गांव और आसपास

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 25 Sep 2025 12:15:15 PM IST

BIHAR NEWS : लोन में डूबी महिला का खौफनाक स्टेप, बेटे संग बूढ़ी गंडक में कूदी; दोनों बच्चे लापता

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BIHAR NEWS : मुजफ्फरपुर जिले के पियर थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसा सामने आया जिसने पूरे इलाके को दहला दिया। पिलखी पुल से सिमरा गांव की रहने वाली महिला नीलम देवी ने अपने दो छोटे बच्चों के साथ बूढ़ी गंडक नदी में छलांग लगा दी। इस अचानक हुई घटना ने गांव और आसपास के क्षेत्र में सनसनी फैला दी। मौके पर मौजूद लोगों ने हिम्मत दिखाई और नाव की मदद से नीलम देवी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया, लेकिन उसके दोनों मासूम बच्चे अब तक लापता हैं। बच्चों की तलाश के लिए एसडीआरएफ (SDRF) की टीमों ने नदी में रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया है, जो गुरुवार सुबह भी लगातार जारी रहा।


जानकारी के अनुसार, नीलम देवी लंबे समय से जमीन विवाद को लेकर मानसिक दबाव में थीं। उनका मायका और ससुराल दोनों पक्षों में जायदाद को लेकर लगातार तनाव चल रहा था। घटना के दिन भी इसी विवाद को सुलझाने के लिए गांव में पंचायत बुलाई गई थी। परिजनों का आरोप है कि इस पंचायत के दौरान पड़ोसी और विरोधी पक्ष के लोग नीलम के साथ अभद्र व्यवहार करने लगे। उसे गाली-गलौज किया गया और यहां तक कि जान से मारने की धमकी भी दी गई।


नीलम के देवर रोहित कुमार ने बताया कि पंचायत में हुई गाली-गलौज और धमकियों से नीलम बेहद आहत हो गई थीं। उनका कहना है कि पंचायत से लौटने के बाद नीलम ने मानसिक रूप से टूटकर यह खौफनाक कदम उठाया। रोहित का कहना है, “मेरी भाभी को लगातार दबाव और अपमान झेलना पड़ा। इसी के कारण उन्होंने अपने बच्चों के साथ नदी में छलांग लगाई। यह हादसा हमारे पूरे परिवार के लिए असहनीय है।”


जैसे ही महिला ने नदी में छलांग लगाई, वहां मौजूद स्थानीय लोग तुरंत हरकत में आए। ग्रामीणों ने नाव की मदद से महिला को तो बचा लिया, लेकिन बच्चे तेज धार में बह गए। सूचना मिलते ही पियर थाना पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। देर रात तक नदी में तलाशी अभियान चलाया गया, लेकिन अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू रोकना पड़ा। गुरुवार सुबह से एसडीआरएफ की टीमें फिर से सक्रिय हो गईं और दोनों बच्चों की तलाश शुरू की। हालांकि, समाचार लिखे जाने तक बच्चों का कोई सुराग नहीं मिल पाया था।


ग्रामीण एसपी राजेश सिंह प्रभाकर ने घटनास्थल का मुआयना किया और परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने कहा, “घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और एसडीआरएफ की टीम को भेजा गया। स्थानीय लोगों की तत्परता से महिला को सुरक्षित निकाल लिया गया है। दोनों बच्चों की तलाश में पूरी गंभीरता से काम हो रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही बच्चों को खोज लिया जाएगा।”


सिमरा गांव में इस घटना के बाद मातम का माहौल है। ग्रामीण नीलम देवी के बच्चों के सुरक्षित मिलने की दुआ कर रहे हैं। पूरे गांव में शोक और तनाव का वातावरण है। ग्रामीणों का कहना है कि जमीन विवाद जैसी ‘छोटी’ बात पर इतना बड़ा हादसा होना बेहद दुखद और शर्मनाक है। कई ग्रामीणों ने पंचायत की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि अगर पंचायत में महिला के साथ सम्मानजनक व्यवहार किया जाता और उसे सुरक्षा का भरोसा दिया जाता, तो शायद यह हादसा नहीं होता। ग्रामीणों में इस बात को लेकर भी गहरा आक्रोश है कि अक्सर जमीन विवादों को लेकर महिलाओं पर दबाव बनाया जाता है, जो उन्हें मानसिक रूप से तोड़ देता है।


पुलिस ने गांव के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। अधिकारियों ने कहा है कि मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है। पुलिस का दावा है कि दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, परिजनों और ग्रामीणों को भरोसा दिलाया गया है कि बच्चों की तलाश किसी भी हाल में रोकी नहीं जाएगी।


नीलम देवी फिलहाल सुरक्षित हैं और गांव के ही एक घर में परिजनों की देखरेख में हैं। लेकिन उनके मनोवैज्ञानिक हालात बेहद नाजुक बताए जा रहे हैं। डॉक्टरों ने कहा है कि उन्हें गहरी मानसिक आघात पहुंचा है। परिजन लगातार रो-रोकर बच्चों की तलाश की मांग कर रहे हैं। नीलम के देवर रोहित कुमार ने कहा, “हमारी भाभी हमेशा अपने बच्चों को लेकर बहुत संवेदनशील थीं। वह किसी भी हाल में उन्हें नुकसान नहीं पहुंचा सकती थीं। लेकिन विवाद और पंचायत में हुए अपमान ने उन्हें ऐसा कदम उठाने पर मजबूर कर दिया। हमारी सिर्फ यही गुहार है कि बच्चों को सुरक्षित ढूंढ लिया जाए।”


नीलम देवी इस घटना के बाद गहरे मानसिक आघात में हैं. वह फिलहाल ज्यादा कुछ बोलने की स्थिति में नहीं हैं. पुलिस और स्थानीय प्रशासन उसकी देखभाल कर रही है और उसके बयान का इंतजार कर रहे हैं. बयान से घटना के सटीक कारणों का पता लगाया जा सकेगा. पुलिस जमीन विवाद से जुड़े तथ्यों की भी जांच कर रही है।