1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 06 Dec 2025 10:30:55 PM IST
कलेजे के टुकड़े का सौदा - फ़ोटो सोशल मीडिया
MUZAFFARPUR: मुजफ्फरपुर के पारू प्रखंड के एक गांव में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। एक महिला ने शुक्रवार को जन्म लेते ही अपने नवजात बेटे को 1.60 लाख रुपये में बेच दिया। बच्चे की खरीद-फरोख्त में प्रसव कराने वाली आशा कार्यकर्ता बिचौलिया बनी, जिसने सौदे से 60 हजार रुपये खुद रख लिए।
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
प्रसूता महिला जब नवजात के बिना घर लौटी, तो गांव में संदेह हुआ। पूछताछ करने पर महिला जवाब नहीं दे पाई। इसके बाद परिजन और मुखिया प्रतिनिधि महिला के ससुर के साथ थाने पहुंचे। पुलिस की पूछताछ में पूरा मामला सामने आ गया और महिला तथा आशा कार्यकर्ता को हिरासत में ले लिया गया।
ऐसे हुआ बच्चे का सौदा
बताया जाता है कि शुक्रवार की सुबह करीब 5:12 बजे CHC में प्रसूता ने बेटे को जन्म दिया था। आशा कार्यकर्ता महिला को अस्पताल लाई थी और प्रसव के बाद नवजात को मुजफ्फरपुर स्थित एक संभ्रांत परिवार को बेच दिया। सौदे में मां को 1 लाख रुपये मिले थे जबकि 60 हजार रुपये आशा कार्यकर्ता ने रख लिया। नवजात को मुजफ्फरपुर सदर थाना क्षेत्र के एक मोहल्ले में सौंपा गया था।
खरीदार की दलील
पुलिस ने जब बच्चे को बरामद किया, तो खरीदने वाले परिवार ने बताया कि “हमारा जवान बेटा मर गया था, इसलिए बच्चे को खरीदा। गोद लेने की कागजी प्रक्रिया बाद में पूरी कर लेते। पुलिस ने शनिवार की शाम नवजात को बरामद कर लिया। मां और आशा कार्यकर्ता से पूछताछ कर उनकी भूमिका स्पष्ट की गई। मामला चाइल्ड वेलफेयर कमिटी (CWC) को भेज दिया गया है।
अब CWC के निर्देश पर आगे की कार्रवाई होगी। परिजनों की काउंसलिंग कराई गयी। थानेदार चंदन कुमार ने बताया कि मामला संवेदनशील है और CWC को पूरी जानकारी दे दी गई है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी हैदर अयूब ने बताया कि “जच्चा-बच्चा को CHC से डिस्चार्ज कर दिया गया था। इसके बाद की जानकारी अस्पताल के पास नहीं है।” वही DIG जयंतकांत ने बताया कि “मामला संज्ञान में है। बिचौलिया आशा कार्यकर्ता और बच्चे को खरीदने वाले परिवार के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”