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मुजफ्फरपुर कांड को लेकर चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखा पत्र, PMCH की घोर लापरवाही पर कठोर कार्रवाई की मांग

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने मुजफ्फरपुर में दलित नाबालिग के साथ गैंगरेप व मौत के मामले में बिहार के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी और PMCH की लापरवाही पर न्यायिक जांच की मांग की है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 04 Jun 2025 04:14:49 PM IST

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PMCH की लापरवाही की जांच की मांग - फ़ोटो google

PATNA: केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान ने मुजफ्फरपुर कांड को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है और कड़ी कार्रवाई किये जाने की मांग की है। घटना 26 मई की मुजफ्फरपुर के कुढनी क्षेत्र की है, जहां 9 साल की दलित नाबालिग बच्ची के साथ गैंगरेप के बद उसकी नृशंस हत्या की कोशिश की गयी थी। इस घटना ने पूरे बिहार को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना पर दुख जताते हुए चिराग पासवान ने कहा कि यह हृदयविदारक घटना ना केवल एक मासूम जीवन की बर्बरत हत्या, बल्कि हमारे राज्य की कानून व्यवस्था, सामाजिक चेतना और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की गहन विफलता को भी उजागर करती है। 


लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे पत्र में आगे कहा कि पीड़िता ने 6 दिनों तक जीवन के लिए संघर्ष किया। लेकिन 1 जून को पटना के PMCH में उसने दम तोड़ दिया। दुर्भाग्यवश, बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए लगातार छह घंटे तक उसे एम्बुलेंस में ही तड़पते हुए इंतज़ार करवाया गया।


यह घटना अत्यंत पीड़ादायक है कि जिन दरिंदों ने उस मासूम बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया, वे जितने दोषी हैं, उतने ही दोषी PMCH अस्पताल के डॉक्टर और प्रशासनिक स्टाफ भी हैं, जिन्होंने बच्ची को बचाने के लिए जरूरी उपचार देने के बजाय उसे एंबुलेंस में ही छोड़ दिया और उसके इलाज में अमूल्य समय गवां दिया। यह केवल लापरवाही नहीं, बल्कि मानवता के विरुद्ध अपराध है।


चिराग ने कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रतिनिधियों के रूप में पीड़ित परिवार से मिलकर उन्हें हरसंभव न्याय दिलाने का भरोसा हम दिला चुके हैं। लेकिन जब तक शासन और प्रशासन दोनों स्तरों पर इस घटना से जुड़े हर दोषी पर सख्त और पारदर्शी कार्रवाई नहीं होती, तब तक न्याय अधूरा और अस्वीकार्य रहेगा। चिराग पासवान ने राज्य सरकार से आग्रह किया कि इस जघन्य अपराध में शामिल सभी बलात्कारियों को शीघ्र गिरफ़्तार कर उन्हें कठोरतम दंड दिया जाए। PMCH अस्पताल प्रशासन, डॉक्टरों और स्टाफ की भूमिका की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराई जाए। 


वही इलाज में जानबूझकर देरी और अमानवीयता दिखाने वाले कर्मियों के विरुद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज कर तुरंत सेवा से निलंबन एवं कठोर विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। यह घटना केवल एक बच्ची की मृत्यु नहीं है, यह हमारे सामाजिक तंत्र और राज्य की संवैधानिक जिम्मेदारी की विफलता का प्रतीक बन चुकी है। यदि इस पर भी शासन मौन रहा, तो यह मौन ही सबसे बड़ा अपराध बन जाएगा। चिराग ने कहा कि मुख्यमंत्री जी आपसे अपेक्षा है कि आप इस मामले में त्वरित, निर्णायक और उदाहरण स्थापित करने वाली कार्रवाई करेंगे।


क्या है मामला?

गौरतलब है कि बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में 9 वर्षीय दलित नाबालिग लड़की के साथ हुए गैंगरेप और उसकी दर्दनाक मौत ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। दिल को दहला देने वाली घटना के सामने आने के बाद स्वास्थ्य सेवाओं में हुई लापरवाही को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। विपक्ष के हमले और जनता के आक्रोश के बीच सरकार ने एक्शन लिया है। PMCH के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. अभिजीत को पद से हटा दिया गया है। वही SKMCH मुजफ्फरपुर की डॉक्टर कुमारी विभा को सस्पेंड कर दिया गया है।


बता दें कि पीड़िता के साथ गैंगरेप की यह वीभत्स घटना 26 मई को मुजफ्फरपुर के कुढ़नी थाना क्षेत्र में हुई थी। गंभीर हालत में बच्ची को सबसे पहले श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH), मुजफ्फरपुर में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी स्थिति में सुधार नहीं होने पर पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (PMCH) रेफर किया गया। परिजनों का आरोप है कि दोनों ही जगहों पर इलाज में गंभीर लापरवाही बरती गई। PMCH में तो हालत यह थी कि बच्ची को इलाज के लिए छह घंटे तक एंबुलेंस में तड़पने के लिए छोड़ दिया गया, जिससे उसकी हालत और बिगड़ गई। 


आखिरकार, 1 जून को बच्ची ने दम तोड़ दिया। विपक्ष और आम लोगों के तीखे सवालों के बाद नीतीश सरकार ने कार्रवाई करते हुए PMCH के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. अभिजीत को पद से हटा दिया और SKMCH मुजफ्फरपुर की डॉक्टर कुमारी विभा को सस्पेंड कर दिया।मामले की गहराई से जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के तीन निदेशक स्तर के अधिकारियों की एक विशेष जांच समिति गठित की गई है, जो घटनाक्रम और लापरवाही के सभी पहलुओं की समीक्षा करेगी। 


घटना के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। सरकार की ओर से कहा गया है कि 15 दिनों के भीतर स्पीडी ट्रायल के तहत कानूनी कार्रवाई कर दोषियों को सख्त सजा दिलाई जाएगी, ताकि न्याय की प्रक्रिया में कोई देरी न हो। अब मामला राज्यपाल तक पहुंच गया है। जन सुराज पार्टी और कांग्रेस के बाद अब केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार को घेरा है और न्यायिक जांच की मांग की है।