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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 05 Aug 2025 03:14:04 PM IST
बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Bihar News: बिहार के मुजफ्फरपुर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां कांटी थाना क्षेत्र के वीरपुर गांव निवासी 90 वर्षीय राजनारायण ठाकुर ने सोमवार को डीएम कार्यालय पहुंचकर अपनी जमीन बेचने की सनसनीखेज कहानी से प्रशासन को आगाह किया। उनके सबसे छोटे बेटे ने उन्हें 'स्वर्गीय' बताकर रजिस्ट्री कर दी, और लाखों रुपये की संपत्ति बेच दी, जबकि वे अभी जिंदा हैं।
जब राजनारायण पुलिस थाने पहुंचे और मामले की रिपोर्ट दर्ज कराया। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उनके नाम के आगे रजिस्ट्री रिकॉर्ड में 29 जुलाई को मोतीपुर रजिस्ट्री कार्यालय में खरीदार के दस्तावेजों में ‘स्वर्गीय राजनारायण ठाकुर’ के रूप में दर्ज किया गया। इसके चलते इस संपत्ति का सौदा इनके सहमति या हस्ताक्षर के बिना ही संपन्न हो गया। बुजुर्ग ने स्पष्ट किया कि उन्होंने अपनी जमीन का कोई सौदा नहीं किया है और यह पूरी तरह धोखाधड़ी है।
इस मामले में राजनारायण के पांच बेटे हैं, लेकिन उनमें से कोई भी उनके साथ नहीं रहता है और उनकी देखभाल नहीं करता है। उनका आरोप है कि बेटा चोरी-छुपे जमीन बेचकर चला जाता है और जब तक रिश्तेदारों को खबर होती है, तब तक सौदा पक्का हो जाता है। बताते चलें कि बुजुर्ग ने डीएम सुब्रत कुमार सेन से गुहार लगाई है। उन्होंने मांग की है कि रजिस्ट्री को तत्काल रद्द किया जाए और उनकी जमीन वापस दिलाई जाए साथ ही दोषी बेटे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि यदि उनके सभी बेटों के बीच सौ रुपए के स्टांप पर सहमति से जमीन का विभाजन संभव है, तो वे इस प्रक्रिया के लिए तैयार हैं।
वहीं, जिलापदाधिकारी ने इस मामले पर मोतीपुर सीओ और फतेहपुर थाना अध्यक्ष को जांच का आदेश दिया है और रिपोर्ट भी मांगी गई है। उन्होंने बुजुर्ग को सुझाव दिया कि कानूनी सहमति से संपत्ति विभाजन संभव है, लेकिन धोखाधड़ी होने की स्थिति में संबंधित बेटे के खिलाफ कानूनी प्रवाह भी सुनिश्चित किया जाएगा।
कृषि प्रधान वीरपुर तथा आसपास के ग्रामीणों में इस घटना से आक्रोश व संवेदना दोनों की लहर है। ग्रामीणों ने प्रशासन से सुझाव देने की मांग की है कि ऐसे मामलों में बुजुर्गों व महिला हस्ताक्षरकर्ताओं की पहचान सत्यापन प्रक्रिया कसकर की जाए ताकि भविष्य में ऐसी गलतफहमियां न हों। आगामी समय में स्थानीय प्रशासन के स्तर पर जमीन रजिस्ट्री प्रक्रिया में सुधार और वृद्ध लोगों के दस्तावेज़ सत्यापन की व्यवस्था की आवश्यकता को लेकर चर्चा तेज हो सकती है।