Bihar News: भीषण सड़क हादसे में सुरक्षाकर्मी की मौत के बाद बवाल, आक्रोशित लोगों ने किया NH जाम Ganga bridge Buxar : बिहार-यूपी सड़क संपर्क होगा आसान, गंगा पुल और NH-922 कनेक्टिविटी से गाड़ियां फर्राटेदार दौड़ेंगी; लाखों लोग होंगे लाभान्वित Bihar Assembly : विधानसभा की शीतकालीन सत्र का आज चौथा दिन, राज्यपाल के अभिभाषण पर होगी चर्चा; उपाध्यक्ष का होगा चुनाव bihar land : बिहार में इन लोगों के लिए नहीं होगी जमीन की कोई कमी, अतिक्रमण होने पर नपेंगे अधिकारी; विभाग का सख्त निर्देश Bihar News: बिहार में अब ऐसे डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी, नर्स और अन्य कर्मी भी रडार पर Bihar Assembly nomination : बिहार विधानसभा सदस्यों के विश्वविद्यालयों और बोर्डों में निर्वाचन की प्रक्रिया बदली, अब होगा मनोनयन; स्पीकर को मिला फुल पावर Bihar Trains: बिहार की इन ट्रेनों के कैंसिल होने से बढ़ी यात्रियों की मुश्किलें, सफर करने से पहले चेक करें वैकल्पिक गाड़ियाँ Bihar Vidhansabha news : बिहार विधानमंडल के सदस्यों को हर माह मिलेंगे 8300 रुपये टेलीफोन भत्ता, वाउचर जमा करने की आवश्यकता नहीं Land for Job scam : लैंड फॉर जॉब केस में आज तय होंगे आरोप, लालू परिवार की बढ़ सकती है मुश्किलें Bihar Weather : बिहार में कड़ाके की सर्दी और घना कोहरा, 25 जिलों में विजिबिलिटी 500 मीटर तक गिरी; पारा 6.7°C तक फिसला
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 04 Dec 2025 08:18:34 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में व्यवस्था सुधारने के लिए सिविल सर्जन डॉ. अजय कुमार ने सख्त कदम उठा लिया है। सभी चिकित्सकों और पारामेडिकल स्टाफ के लिए ड्रेस कोड अनिवार्य कर दिया गया है। यदि कोई कर्मी इस नियम का पालन नहीं करता पाया जाता, तो उसके विरुद्ध तुरंत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। बुधवार को जारी आदेश में अस्पताल अधीक्षक और उपाधीक्षक को प्रत्येक सप्ताह निरीक्षण करने और विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया गया है।
ड्रेस कोड का मुख्य उद्देश्य पहचान को सरल बनाना और अस्पताल में अनुशासन स्थापित करना है। सिविल सर्जन ने बताया कि रोजाना बड़ी संख्या में मरीज आने से यह समस्या बढ़ जाती है कि कौन चिकित्सक है और कौन अन्य स्टाफ। यह कदम गुणवत्तापूर्ण इलाज सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण है। सरकार की ओर से सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं, फिर भी यदि इलाज में कमी आती है तो यह गंभीर मामला माना जाएगा।
इस बैठक में मरीज सुविधाओं पर भी जोर दिया गया है। अधीक्षक को निर्देश हैं कि मरीजों के लिए पर्याप्त बैठने की व्यवस्था हो, साथ ही पीने के पानी की आपूर्ति निर्बाध रहे। बुजुर्ग मरीजों के लिए अलग OPD और वार्ड की स्थापना अनिवार्य की गई है। एम्बुलेंस, जीवन रक्षक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के अलावा इमरजेंसी और मातृ-शिशु स्वास्थ्य वार्ड में चिकित्सकों की पूर्ण उपस्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया गया। बेवजह रेफरल प्रथा को तत्काल समाप्त करने पर भी बल दिया गया है।
डॉ. कुमार ने चेतावनी दी कि इन निर्देशों का उल्लंघन करने वाले चिकित्सक या स्टाफ पर कठोर कार्रवाई होगी। अस्पताल प्रबंधन को साप्ताहिक रिपोर्ट जमा करने का दायित्व सौंपा गया है। यह पहल मुजफ्फरपुर जैसे व्यस्त अस्पतालों में सेवा स्तर को ऊंचा उठाने की दिशा में सकारात्मक कदम है।