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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 27 May 2025 08:12:02 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: मुजफ्फरपुर के सकरा प्रखंड की महमदपुर दामोदरपुर पंचायत के मुखिया गिरीश कुमार पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का गंभीर आरोप लगा है। आयकर विभाग ने इस मामले में जिलाधिकारी को विस्तृत रिपोर्ट सौंपकर खुलासा किया कि गिरीश ने करोड़ों रुपये की जमीन में निवेश किया है। उनकी पत्नी और पिता के नाम पर भी भारी मात्रा में संपत्ति खरीदी गई है।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए उप विकास आयुक्त श्रेष्ठ अनुपम ने एक चार सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है, जो कर चोरी, नकद लेनदेन, और संपत्ति मूल्यांकन की गहन जांच करेगी। आयकर विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, गिरीश कुमार ने 2022 से 2025 के बीच 45 लाख रुपये के तीन अलग-अलग निवेश किए, जबकि उनकी पत्नी और पिता ने 60 लाख रुपये से अधिक का अस्पष्ट निवेश किया। इन लेनदेन में नकद भुगतान शामिल थे, जो आयकर अधिनियम का उल्लंघन करते हैं।
इसके अलावा, 2024-25 में कई संपत्तियां न्यूनतम सरकारी मूल्य से कम कीमत पर खरीदी गईं, जिससे स्टांप शुल्क चोरी हुई और राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ। आयकर विभाग ने इस भ्रष्टाचार और आय सृजन को गंभीर चिंता का विषय बताया और उच्चस्तरीय जांच की मांग की। उप विकास आयुक्त ने जांच कमेटी में राष्ट्रीय स्व नियोजन कार्यक्रम के निदेशक, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, जिला भविष्य निधि पदाधिकारी, और राज्यकर अपर आयुक्त को शामिल किया है।
कमेटी को आयकर विभाग की रिपोर्ट के आधार पर बिंदुवार जांच करने और जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। जांच में नकद लेनदेन, अस्पष्ट निवेश स्रोत, और कर चोरी के पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। आयकर विभाग के मुख्य आयुक्त ने DM को भेजी रिपोर्ट में कहा कि मुखिया और उनके परिवार ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित कर स्टांप शुल्क का भुगतान नहीं किया, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ है।
यह मामला मुजफ्फरपुर में भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के खिलाफ कार्रवाई की मांग को अब और तेज कर रहा है। आयकर विभाग ने पहले ही मुखिया और उनके परिवार पर जुर्माना लगाया है, लेकिन अब जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर उनके खिलाफ और सख्त कार्रवाई हो सकती है। स्थानीय लोग और पंचायत के निवासी इस मामले पर नजर रखे हुए हैं, क्योंकि यह पंचायती राज व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी को उजागर करता है। जांच पूरी होने के बाद यह स्पष्ट होगा कि गिरीश कुमार के खिलाफ क्या कानूनी कदम उठाए जाएंगे।